सफलता की कहानी: पहले बाल काटते थे विधायक रिकेश सेन, भाजपा के टिकट पर कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर लहराया परचम
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में वैशाली नगर सीट से भाजपा के रिकेश सेन ने जीत दर्ज की है। लेकिन इसके पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है। पहले रिकेश स्कूली पढ़ाई के दौरान घर के सैलून में बाल भी काटते थे। परिवार का खर्च बढ़ा तो उन्होंने कंपनी में भी काम किया। वर्ष 2000 से लगातार उन्होंने अलग-अलग वार्ड से पार्षद चुनाव लड़ा और जीते।
By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 10 Dec 2023 05:00 AM (IST)
संतोष यादव, भिलाई। दुर्ग जिले की वैशाली नगर विधानसभा से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़कर 45 वर्षीय रिकेश सेन पहली बार विधायक बने हैं। पांच बार के पार्षद रिकेश की विधायक बनने की यात्रा काफी रोचक है।
कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर दर्ज की जीत
वे स्कूली पढ़ाई के दौरान घर के सैलून में बाल भी काटते थे। परिवार का खर्च बढ़ा तो उन्होंने कंपनी में भी काम किया। बारहवीं तक पढ़ाई करने वाले रिकेश में नेतृत्व क्षमता शुरू से ही थी। वर्ष 2000 से लगातार उन्होंने अलग-अलग वार्ड से पार्षद चुनाव लड़ा और जीते। इस बार वे 40 हजार से भी अधिक मतों से विधानसभा में जीत दर्ज कर चर्चा में है। पावर हाउस स्थित शीतला कांप्लेक्स में दुकान थी।
भिलाई निगम के पांच बार के पार्षद बने
रिकेश सेन के पिता आनंद कुमार सेन इस सैलून को चलाते थे। रिकेश स्कूल के दौरान परिवार का हाथ बंटाने के लिए यहां हेयर कटिंग व सेविंग भी करते थे। पार्षद बनने से पहले तक वे सैलून में काम करते थे। हमउम्र युवाओं से दोस्ती व जल्दी घुल मिल जाना उनकी फितरत थी। बाद में वे भिलाई निगम के पांच बार के पार्षद बने।अब कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश चंद्राकर को हराया वैशाली नगर के विधायक बन गए। उनके बचपन के दोस्त सुनील यादव, अमित चौधरी बताते हैं कि 1997-98 में रिकेश सेन सेक्टर-तीन के पुलिस ग्राउंड में हम लोगों के साथ बैठा करते थे।
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पार्षद चुनाव की हलचल तेज हुई
उसी दौरान उन्हें पर्यावरण संरक्षण समिति का भिलाई नगर अध्यक्ष बनाया गया। राजनीति में उनकी कोई विशेष दिलचस्पी नहीं थी, पर संयोग बनता गया। सन 2000 में भिलाई नगर निगम बना। पार्षद चुनाव की हलचल तेज हुई। सेक्टर-तीन से किसी को चुनाव लड़ना था। हम सबने रिकेश सेन को चुनाव लड़ाने का ठाना।