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CG elections: CM का है भतीजे से मुकाबला, BJP दिग्गज के गढ़ में कूदे भगवाधारी महंत; क्या परंपरा के चक्रव्यूह को भेद पाएंगे बघेल के गृहमंत्री?

Chhattisgarh assembly elections 2023 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज यानी 17 नवंबर को मतदान हो रहा है। पहले चरण में 20 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। बची सभी 70 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। इनमें पाटन अंबिकापुर और सक्ती विधानसभा समेत कई सीटों पर कांटे की टक्‍कर है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है।

By Jagran NewsEdited By: Deepti MishraUpdated: Fri, 17 Nov 2023 07:27 AM (IST)
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Chhattisgarh assembly elections 2023: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए 17 नवंबर को मतदान।

डिजिटल डेस्‍क, रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज यानी 17 नवंबर को मतदान हो रहा है। पहले चरण में 20 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। बची सभी 70 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। इनमें पाटन, अंबिकापुर और सक्ती विधानसभा समेत कई सीटों पर कांटे की टक्‍कर है। मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में जिन 70 सीटों पर मतदान हो रहा है, उन पर 958 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें 827 पुरुष, 130 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर प्रत्याशी है। एक करोड़ 63 लाख 14 हजार 497 वोटर्स इन उम्मीदवारों के भाग्‍य का फैसला करेंगे।  

पढ़िए,  छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की किन सीटों पर कांटे की टक्‍कर और किन दिग्गजों की साख लगी है दांव पर..

पाटन: सीएम को टक्कर देने मैदान में है भतीजा

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में पाटन विधानसभा सीट सबसे अधिक चर्चित बनी हुई है। दरअसल, यहां से प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है।  

भाजपा के टिकट पर उनके भतीजे और सांसद विजय बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे भी अमित जोगी भी अपना भाग्य आजमाने के लिए पाटन विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। बता दें कि साल 2018 में भी भूपेश बघेल ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था और 27 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी।

लोरमी: प्रदेश अध्‍यक्ष Vs आयोग अध्यक्ष

मुंगेली जिले की लोरमी विधानसभा सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव चुनावी मैदान में उतरे हैं। कांग्रेस ने थानेश्वर साहू को अरुण साव के खिलाफ चुनावी जंग में उतारा है। धनेश्वर साहू पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हैं। बता दें कि साल 2018 में इस सीट पर अमित जोगी की पार्टी जेसीसीजे के प्रत्याशी धर्मजीत सिंह जीते थे।

अंबिकापुर: टीएस सिंह देव के सामने हैं BJP के राजेश

अंबिकापुर विधानसभा सीट पर भी लोगों की नजरे हैं। इस सीट से छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और राज्य की राजनीति में अहम कद रखने वाले टीएस सिंह देव चुनावी मैदान में हैं। टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। कांग्रेस ने चौथी बार भी टीएस सिंह को ही टिकट दिया है।

भाजपा ने टीएस सिंह देव को टक्‍कर देने के लिए अंबिकापुर सीट से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। बता दें कि राजेश अग्रवाल पहले कांग्रेस में थे। साल 2018 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए।

दुर्ग ग्रामीण: क्‍या गृह मंत्री को मिलेगा दोबारा मौका?

छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट भी खासा चर्चा में है, क्योंकि यहां पिछले तीन चुनावों में तीन अलग-अलग उम्मीदवार जीते। इस बार प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण सीट से उम्मीदवार हैं। वहीं भाजपा ने इस सीट पर ललित चंद्राकर को मैदान में उतारा है।

बता दें कि साल 2018 के चुनाव में ताम्रध्वज साहू इसी सीट से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे, जबकि 2013 में इस सीट पर भाजपा के उम्मीदवार को जीत मिली थी।

रायपुर सिटी साउथ:बृजमोहन के गढ़ में सेंध लगा पाएंगे महंत

छत्तीसगढ़ की राजधानी में रायपुर सिटी साउथ सीट पर भी मुकाबला खासा रोचक हो गया है। यह सीट भाजपा नेता बृज मोहन अग्रवाल की पारंपरिक सीट है। इस सीट से बृजमोहन अग्रवाल साल 2008 से लगातार चार बार चुनाव जीत चुके हैं। इस बार कांग्रेस ने इस सीट से महंत राम सुंदर दास को मैदान में उतारा है। देखना ये है कि क्या बृजमोहन अग्रवाल इस बार भी अपना गढ् बचा ले जाएंगे या फिर राम सुंदर दास से मात खाएंगे?

सक्‍ती: दिग्गज नेता Vs डॉक्टर

जांजगीर-चांपा जिले की सक्ती विधानसभा सीट से इस कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को टिकट दिया है, जबकि भाजपा ने चरण दास महंत को टक्‍कर देने के लिए खिलावन साहू को मैदान में उतारा है। खिलावन साहू पेशे से डॉक्टर हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक चुने गए थे। चरणदास की गिनती प्रदेश के बड़े नेताओं में होती है, वह केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।