विपक्ष ने सरकार पर चलाए 387 सवालों के तीर, पांच साल में 145 दिन चली कार्यवाही
विधानसभा चुनाव के मैदान में प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस सदन में सवाल पूछने के मामले में भी खासी आक्रमक रही है। पांच वर्षों में कुल 145 दिन चली सदन की कार्यवाही।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Tue, 16 Oct 2018 08:48 PM (IST)
रायपुर। विधानसभा चुनाव के मैदान में प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस सदन में सवाल पूछने के मामले में भी खासी आक्रमक रही है। निवर्तमान सरकार के कार्यकाल में पांच वर्षों में कुल 145 दिन चली सदन की कार्यवाही में बतौर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 39 विधायकों ने औसतन 387 सवाल पूछे हैं। हालांकि सवाल पूछने की संख्या के मामले सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक ही आगे रहे। जाहिर है कि कांग्रेस ने विधानसभा में सरकार को सवालों से घेरे रखा।
विधानसभा से उपलब्ध ऑनलाइन आंकड़ों के मुताबिक पूरे कार्यकाल में कांग्रेस के 11 विधायकों ने पांच सौ से अधिक सवाल किए। वहीं 12 विधायकों ने चार सौ से अधिक सवाल सदन में रखे तो आठ विधायकों ने तीन सौ से अधिक सवालों से सरकार की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया।
टीएस सिंह देव सवाल पूछने में रहे सबसे आगे छत्तीसगढ़ विधानसभा की प्रक्रिया तथा संचालन संबंधी नियमावली के तहत प्रत्येक विधायक की प्रति बैठक अधिकतम चार प्रश्न ही लिए जा सकते हैं। इस नियम के तहत कांग्रेस विधायक टीएस सिंहदेव ने 575 सवाल किए। इसी तरह उमेश पटेल ने 561, अमित जोगी ने 512, मोती लाल देवांगन ने 562, धनेंद्र साहू ने 572, भूपेश बघेल ने 539, दलेश्वर साहू ने 547, भोलाराम साहू ने 552, संतराम नेताम ने 529, मोहन मारकम ने 547 और दीपक बैज ने 541 सवाल कर सरकार को घेरने का प्रयास किया।
वहीं पारसनाथ राजवाडे ने 449, अमरजीत भगत ने 409, श्यामलाल कंवर ने 491, सियाराम कौशिक ने 429, भइया राम सिन्हा ने 403, राजेंद्र कुमार राय ने 459, अरुण वोरा ने 499, गिरवर जंघेल ने 428, तेज कुंवर गोवर्धन नेताम ने 436, शंकर ध्रुवा ने 491 और कवासी लखमा ने सदन में सरकार ने 453 सवाल किए, जबकि डॉ प्रीतम राम ने 374, लालीजीत सिंह राठिया ने 384, चुन्नी लाल साहू ने 369, जनकराम वर्मा ने 384, अनिला ने 342, मनोज सिंह मंडावी ने 363 और रेणु ने सरकार से 303 सवाल किए।