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छत्‍तीसगढ़ की इस सीट पर शुरू से है राजपरिवार का दबदबा, जनता क्यों हर बार बदल देती हैं अपना मुखिया?

इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव ( CG Chunav) होने वाले हैं। खैरागढ़ सीट में अब तक के विधानसभा चुनाव में राज परिवार ने ही अपना सत्ता बरकरार रखा। हालांकि पिछले चार चुनावों के रिजल्ट को देखा जाए तो यहां के मतदाता हर साल अपना नेता बदल दे रहे हैं।आसान भाषा में समझें तो यहां के मतदाता हर बार अपना नेता परफार्मेंस के आधार पर चुनते है।

By Nidhi AvinashEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sat, 23 Sep 2023 04:29 PM (IST)
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जनता क्यों हर बार बदल देती हैं अपना मुखिया? (Image: Representative)
खैरागढ़, नई दुनिया/ जागरण डेस्क। Chhattisgarh Election 2023: इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही चुनाव प्रचार के लिए जोरो-शोरों से तैयारी कर रहे है। दोनों की राजनीतिक पार्टियों के बीच दमदार टक्कर देखने को मिल रही है। इस बीच राज्य की एक सीट पर अभी भी राजपरिवार का दबदबा बना हुआ है।

देखना यह है कि क्या इस साल के चुनाव से इस सीट में कुछ बदलाव देखने को मिलेगा या इस बार भी राज परिवार ही इस सीट पर सबसे अधिक जीत दर्ज करेगी। हम बात कर रहे है छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ सीट की, जहां छत्तीसगढ़ के अब तक के विधानसभा चुनाव में राज परिवार ने ही अपना सत्ता बरकरार रखा। हालांकि, पिछले चार चुनावों के रिजल्ट को देखा जाए तो यहां के मतदाता हर साल अपना नेता बदल दे रहे हैं।

परफार्मेंस के आधार पर चुनते है नेता

आसान भाषा में समझें तो यहां के मतदाता हर बार अपना नेता परफार्मेंस के आधार पर चुनते है। बता दें कि इस सीट पर अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 1980 से 1993 तक लगातार चार बार रश्मिदेवी सिंह जीतीं। 1995 से 2003 के बीच निरंतर तीन बार उनके पुत्र देवव्रत सिंह विधायक चुने गए। वहीं, 2008 में कांग्रेस के मोतीलाल जंघेल को हराकर भाजपा के कोमल जंघेल विधायक बने।

पांच साल बाद यानी 2013 में कोमल हार गई और कांग्रेस के गिरवर जंघेल को जीत हासिल हुई। साल 2018 में जकांछ से देवव्रत सिंह विधायक के रूप में चुना गया। निधन के बाद 2022 में उपचुनाव कराए गए, जिसमें कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने जीत हासिल की। इस तरह पिछले चार चुनाव को देखे तो हर बार इस सीट पर नया विधायक जनता द्वारा चुना गया।

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1957 में हुआ था सबसे पहला चुनाव

2018 के विधानसभा चुनाव में खैरागढ़ सीट से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने जीत हासिल की थी। यहां जकांछ जे के प्रत्याशी देवव्रत सिंह को 61516 वोट मिले थे। वहीं, भाजपा के कोमल जंघेल को 60646 और कांग्रेस के गिरवर जंघेल को 31811 वोट मिले थे। जानकारी के लिए बता दें कि खैरागढ़ में सबसे पहले चुनाव 1957 में हुआ था, जिसमें ऋतुपर्ण किशोरदाल पहले विधायक बने थे।

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