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Chhattisgarh Election 2023: अंबिकापुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच होगा कड़ा मुकाबला, राजेश अग्रवाल के सामने होंगे टीएस देव

छत्तीसगढ़ में अगले महीने नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने बुधवार को अंबिकापुर सीट से टीएस सिंह देव के खिलाफ राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। यह घोषणा आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची में की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Fri, 27 Oct 2023 02:18 PM (IST)
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अंबिकापुर सीट पर बीजेपी-कांग्रेस के बीच होगा कड़ा मुकाबला
एएनआई, सरगुजा (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में इस साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। जिसे लेकर सभी पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं। वहीं, अंबिकापुर विधासभा क्षेत्र में भी इस बार एक कड़ी लड़ाई देखने को मिल सकती है।

बता दें कि भाजपा ने बुधवार को टीएस सिंह देव के खिलाफ राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है। यह घोषणा आगामी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के उम्मीदवारों की चौथी और अंतिम सूची में की गई है।

राजेश अग्रवाल के नाम पर लंबे समय से हो रहा था विचार- टीएस सिंह

टीएस सिंह देव ने अपने प्रतिद्वंद्वी के बारे में एएनआई से बात करते हुए कहा, राजेश अग्रवाल के नाम पर काफी समय से विचार चल रहा था। जिस तरह से वह अंबिकापुर निर्वाचन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे, उन्हें पार्टी (भाजपा) से आश्वासन मिला होगा कि वह ही आगामी चुनाव लड़ेंगे।

देव ने आगे कहा, यह हमारे लिए कोई नया नाम नहीं है, वह (राजेश अग्रवाल) लखनपुर से हैं और वह पहले कांग्रेस में थे। हाल ही में मीडिया कर्मियों ने मुझसे पूछा था कि चूंकि राजेश लखनपुर से हैं तो वहां वोट बैंक का क्या परिदृश्य रहने वाला है।

यहां के वोट परंपरागत रूप से कांग्रेस से जुड़े रहे हैं, हालांकि ऐसा नहीं है कि स्थानीय व्यक्ति का अपना कोई प्रभाव नहीं होगा लेकिन यह कांग्रेस से जुड़ा क्षेत्र है इसलिए पार्टी को बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि अगर कोई और उम्मीदवार भी होता तो अभी भी लड़ाई होती, मैं किसी को छोटा या ऊंचा नहीं मानता।

एक नए चेहरे को जीरो से करनी होगी शुरुआत- देव

निर्वाचन क्षेत्र में वोटों की लड़ाई के बारे में बात करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि मतदाताओं के लिए यह तय करना आसान होगा कि उनके लिए कौन बेहतर काम कर सकता है, जिसे वे पहले ही काम करते देख चुके हैं या कोई नया चेहरा।

देव ने कहा, जिसे पहले लोगों ने समर्थन दिया हो, वह एक निश्चित स्तर से काम जारी रखेगा जबकि एक नए चेहरे को शून्य से शुरुआत करनी होगी, ऐसी परिस्थितियों में, लोग इस पर विचार करेंगे कि आगामी पांच वर्षों में कौन अधिक कुशलता से उनका प्रतिनिधित्व कर सकता है।

इस बीच, अंबिकापुर निर्वाचन क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी, भाजपा नेता राजेश अग्रवाल ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि भाजपा की जीत सुनिश्चित है क्योंकि इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को वर्तमान विधायक टीएस सिंह देव से दूरी महसूस हुई है।

राजेश ने कहा, हम विजयी होने को लेकर 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं क्योंकि पिछले पांच सालों से हमारी पार्टी, पार्टी कार्यकर्ता और मैंने हमेशा विरोध प्रदर्शन के माध्यम से लोगों की मांगों को उठाया है। हम लगातार लोगों के संपर्क में हैं, जबकि वर्तमान कांग्रेस विधायक (टीएस सिंह देव) लोगों से दूर हो गये, जिससे लोगों में उनके प्रति नाराजगी और निराशा है।

पिछले 6 सालों से नहीं कोई संपर्क- राजेश अग्रवाल

टीएस सिंह देव के करीबी होने के सवाल का जवाब देते हुए राजेश अग्रवाल ने कहा कि हम करीबी नहीं माने जाते, हम पहले करीबी हुआ करते थे, मैं अब बीजेपी का हिस्सा हूं और मेरा पिछले 6 सालों से उनसे किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं है।

उन्होंने कहा, बीजेपी ने मुझे यह मौका दिया है जिसके लिए मैं वास्तव में उनका आभारी हूं।

अंबिकापुर में बीजेपी कांग्रेस के खिलाफ कौन से मुद्दे उठाएगी, इस बारे में पूछे जाने पर राजेश अग्रवाल ने आरोप लगाया कि देव ने पिछले 5 साल से खुद को जनता से दूर कर लिया है।

राजेश ने कहा, वर्तमान अंबिकापुर विधायक ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का आश्वासन दिया था जो पूरा नहीं हुआ, 'महिला स्वयं सहायता समूह' का ऋण माफी का आश्वासन भी पूरा नहीं हुआ और पेंशन राशि 350 से बढ़ाकर 1000 करने का वादा भी पूरा नहीं हुआ पर कार्रवाई नहीं की गई।

बीजेपी उम्मीदवार ने आगे दावा किया कि आगामी चुनाव में किसी भी तरह की चुनौती नहीं होगी क्योंकि बीजेपी पिछले पांच साल से इसके लिए तैयार है।

टीएस सिंह देव ने 2008 से अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार तीन बार जीत हासिल की है।

अंबिकापुर में भाजपा की 2003 में हुई थी आखिरी बार जीत 

आखिरी बार भाजपा अंबिकापुर में 2003 में विजयी हुई थी जब उसने कांग्रेस के मदन गोपाल सिंह के खिलाफ कमल भान सिंह को मैदान में उतारा था।

छत्तीसगढ़ की 20 सीटों के लिए पहले चरण का मतदान 7 नवंबर को होगा।

7 नवंबर को पहले चरण के मतदान के बाद राज्य की शेष 70 सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।

छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा और राज्य के दोनों प्रमुख दावेदारों, भाजपा और कांग्रेस ने राज्य के सभी 90 उम्मीदवारों की अपनी अंतिम सूची जारी कर दी है।

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