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भाजपा के चुनावी सफर को आसान बनाएंगे विस्तारक, बनाई गई खास रणनीति

चुनावी तैयारी को गति देने के लिए भाजपा के विस्तारक मैदान में उतर गए हैं। विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक वह क्षेत्र में रहकर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए काम करेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:58 AM (IST)
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भाजपा के चुनावी सफर को आसान बनाएंगे विस्तारक, बनाई गई खास रणनीति
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। चुनावी तैयारी को गति देने के लिए भाजपा के विस्तारक मैदान में उतर गए हैं। विधानसभा चुनाव संपन्न होने तक वह क्षेत्र में रहकर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए काम करेंगे। इनसे मिलने वाले फीडबैक के आधार पर पार्टी उस क्षेत्र की चुनावी रणनीति तैयार करेगी। रविवार को इन्हें पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष चुनावी बारीकियां समझाएंगे।

सभी राजनीतिक पार्टियां अपने स्तर पर चुनावी तैयारी में जुट गई हैं। इसी कड़ी में बुराड़ी को छोड़कर अन्य 69 विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक विस्तारक तैनात किए गए हैं। जबकि बुराड़ी में दो विस्तारक रहेंगे। इसके अलावा सातों लोकसभा क्षेत्रों में भी एक-एक विस्तारक तैनात किए गए हैं। इस प्रकार कुल 78 विस्तारकों की तैनाती की गई है।

मतदाताओं तक पहुंचने के लिए बनाई रणनीति

विस्तारक बूथ प्रबंधन से लेकर भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में अधिक से अधिक मतदान कराने की रणनीति के तहत काम करेंगे। उन्हें अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर बूथ जीतो, चुनाव जीतो अभियान के तहत बूथ स्तर पर तैयार की गई कार्यकर्ताओं की टीम के साथ संवाद करने को कहा गया है। वह देखेंगे कि बूथ कार्यकर्ताओं की टीम में सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है या नहीं। कार्यकर्ताओं के साथ संवाद करने के बाद विस्तारक जनता के बीच जाकर उनकी नब्ज टटोलेंगे। साथ ही वह कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर मतदाता सूची में लोगों के नाम जुड़वाने के लिए भी काम करेंगे।

विस्तारकों की टीम में अनुभवी कार्यकर्ता शामिल 

अगले कुछ दिनों में उन्हें अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में आवश्यक विकास कार्यों व मुद्दों की सूची तैयार कर प्रदेश संगठन महामंत्री को सौंपने को कहा गया है, जिससे कि विधानसभा स्तर पर चुनावी रणनीति तैयार की जा सके। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि विस्तारकों की टीम में अनुभवी कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है।

बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक है। अगले साल के शुरू में कभी भी चुनाव हो सकते हैं। भाजपा दिल्ली में सत्ता से कई सालों से दूर है। ऐसे में वापसी करने के लिए भाजपा हरसंभव कोशिश कर रही है। 

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