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Delhi Assembly Election 2020 : 22 साल बाद दिल्ली के रण में सर्वाधिक रणबांकुरे!

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार 1993 के विस चुनाव में सर्वाधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। उस वक्त कुल 70 सीटों के लिए कुल 1316 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Thu, 23 Jan 2020 08:41 AM (IST)
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Delhi Assembly Election 2020 : 22 साल बाद दिल्ली के रण में सर्वाधिक रणबांकुरे!
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Delhi Assembly Election 2020 : दिल्ली में सत्ता का संग्राम कितना दिलचस्प होगा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 22 सालों के सियासी घमासान में इस बार चुनावी मैदान में रणबांकुरे सबसे ज्यादा उतरने को तैयार हैं। यही वजह है कि पांच विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता की चाहत में इस बार सबसे ज्यादा नामांकन पत्र दाखिल हुए हैं।

इस वजह से इस बार पिछले पांच चुनावों के मुकाबले उम्मीदवारों की संख्या अधिक रहने की उम्मीद है। इसलिए इस बार का चुनावी संग्राम पहले विधानसभा चुनाव की याद दिला सकता है।

चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, 1993 के विस चुनाव में सर्वाधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। उस वक्त कुल 70 सीटों के लिए कुल 1316 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। इसमें पुरुष उम्मीदवारों की संख्या 1257 व महिलाएं उम्मीदवारों की संख्या 59 थी। इसके बाद दिल्ली में पांच विधानसभा चुनाव हुए लेकिन इतने उम्मीदवार कभी चुनावी मैदान में नहीं उतरे। हालांकि, वर्ष 1993 में नामांकन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या और भी ज्यादा रही होगी। तब कितने नामांकन हुए थे, यह जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।

इसके बाद वर्ष 2008 के चुनाव में 1134 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे। नामांकन रद व नामाकंन वापसी के बाद कुल 875 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। पिछले विधानसभा चुनाव में 935 नामांकन हुए थे और कुल 673 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे थे। इस बार 1528 नामांकन पत्र और हलफनामे मुख्य अधिकारी कार्यालय (सीईओ) की वेबसाइट पर अपलोड हो चुके हैं। इनकी जांच का काम अभी आयोग के कर्मचारी कर रहे हैं। सर्वाधिक नामांकन नई दिल्ली सीट से कराए गए हैं। सभी सीटों से हुए नामांकन में प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के कवरिंग उम्मीदवारों का हलफनामा भी शामिल है।

इस तरह तीन प्रमुख दलों के 270 कवरिंग उम्मीदवारों का नामाकंन रद होना तय है। इसके अलावा कुछ छोटे दलों के प्रत्याशी व निर्दलीय उम्मीदवार नामाकंन वापस भी ले सकते हैं। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से भी कई प्रत्याशी नामांकन वापस ले सकते हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में वर्ष 1993 के चुनाव के बाद कभी नामांकन पत्र दाखिल नहीं हुए। 22 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच और 24 जनवरी नामाकंन वापसी की आखिरी तारीख के बाद ही यह तय होगा कि चुनावी मैदान में कितने उम्मीदवार बचे रहते हैं।

विधानसभा चुनाव: 2015

कुल नामांकन: 935

पुरुष: 790, महिला: 144, थर्ड जेंडर: 1

चुनावी मैदान में कुल उम्मीदवार: 673, पुरुष: 673, महिला: 70

उम्मीदवारों की औसत संख्या: 9

सबसे कम उम्मीदवार: अंबेडकर नगर: 4

सबसे ज्यादा उम्मीदवार: बुराड़ी: 18

वर्ष 2013

कुल नोमिनेशन: 1120, पुरुष: 964, महिलाएं: 156

चुनावी मैदान में कुल उम्मीदवार: 810, पुरुष: 739, महिलाए: 71

उम्मीदवारों की औसत संख्या: 12

सबसे कम उम्मीदवार: पटेल नगर: 4

सबसे ज्यादा उम्मीदवार: बुराड़ी: 24

वर्ष 2008

कुल नामांकन: 1134, पुरुष: 965, महिलाएं: 169

चुनावी मैदान में कुल उम्मीदवार: 875, पुरुष 794, महिलाएं: 81

उम्मीदवारों की औसत संख्या: 13

सबसे अधिक उम्मीदवार: नई दिल्ली सीट: 25

सबसे कम उम्मीदवार: घोंडा: 3

वर्ष 2003

कुल नामांकन: 1001, पुरुष: 897, महिलाएं: 104

चुनावी मैदान में कुल उम्मीदवार: 817, पुरुष: 739, महिलाएं: 78

उम्मीदवारों की औसत संख्या- 12

सबसे कम उम्मीदवार: मंगोलपुरी: 5

सबसे ज्यादा: नसीरपुर: 25

वर्ष 1998

कुल नामांकन: 1052, पुरुष: 977, महिलाएं: 1052

कुल उम्मीदवार: 815, पुरुष: 758, महिलाएं: 57

उम्मीदवारों की औसत संख्या: 12

सबसे कम: शकूर बस्ती: 5

सबसे ज्यादा: नसीरपुर: 47

वर्ष 1993

कुल उम्मीदवार: 1316, पुरुष: 1257, महिलाएं: 59

उम्मीदवारों की औसत संख्या: 19

सबसे कम उम्मीदवार: बवाना: 8

सबसे अधिक उम्मीदवार: नसीरपुर- 45