Delhi Election 2020:5 विधानसभा क्षेत्रों में हुई बंपर वोटिंग, ओखला में महज 51 फीसद मतदान
Delhi Election 2020जागरूकता का असर ही रहा कि पुरानी दिल्ली के मटियामहल में करीब 69 फीसद सदर बाजार में 65 फीसद चांदनी चौक में 61 फीसद व बल्लीमारान में 59 फीसद मतदान हुआ।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 09 Feb 2020 08:59 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Election 2020: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के लिए कई इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक भीड़ देखी गई तो कई इलाकों में शाम को मतदान वोट देने पहुंचे। कई सीटों के मतदान केंद्रों पर मतदाता काफी उत्साहित दिखे। पुरानी दिल्ली इलाके के मतदान केंद्रों पर तो लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। लोगों के मतदान का नंबर दो-दो घंटे बाद आ रहा था। कई जगहों पर मतदान केंद्रों तक मुफ्त ई-रिक्शा चलाए जा रहे थे। हालांकि, जिस ओखला में धरनास्थल शाहीन बाग स्थित है, उसमें तकरीबन 51 फीसद ही मतदान हुआ।
लोगों के लोकतंत्र के इस पर्व के लिए जागरूकता का असर ही रहा कि पुरानी दिल्ली के मटियामहल में करीब 69 फीसद, सदर बाजार में 65 फीसद, चांदनी चौक में 61 फीसद व बल्लीमारान में 59 फीसद मतदान हुआ। मुस्तफाबाद में 67 फीसद, सीलमपुर में 61 फीसद रहा। हालांकि, जिस ओखला में धरनास्थल शाहीन बाग स्थित है। उसमें तकरीबन 51 फीसद ही मतदान हुआ।
वहीं, कुछ मतदान केंद्रों के आसपास राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म रहा। ऐसे में कुछ मतदाता मतदान की पर्ची को रिकॉर्ड के तौर पर अपने पास रख रहे थे कि अगर नागरिकता के दस्तावेज मांगें जाएंगे तो वह उसे दिखाएंगे।
मटियामहल, शाहदरा, सीलमपुर, बाबरपुर व मुस्तफाबाद में मतदान स्थलों पर मतदाताओं के बीच दिल्ली सरकार के साथ केंद्र सरकार के कामकाज की समीक्षा हो रही थी। वैसे, चर्चा के केंद्र में कांग्रेस पार्टी के प्रति उदासीनता देखी जा रही थी। जबकि पिछले वर्ष ही हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम समुदाय ने बड़ा समर्थन दिया था, इस कारण वह आप को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर आ गई थी।
अजमेरी गेट स्थित एंग्लो अरेबिक स्कूल मतदान केंद्र में मतदान करने के बाद मो. सादिक ने कहा कि महंगाई अधिक है तो बेरोजगारी भी बढ़ गई है। ऐसे में अगर सरकार द्वारा बिजली- पानी के बिल में राहत दी जा रही है तो उसको घर चलाने में कुछ मदद हो जा रही है। वहीं, आजकल माहौल खराब किया जा रहा है। हिंदू-मुस्लिम ज्यादा हो गया है, जबकि लोगों को साथ लेकर ही विकास हो सकता है।