Delhi Assembly Election: चुनाव से पहले केजरीवाल को झटका, दो नेताओं ने थामा BJP का दामन
Delhi Assembly Election 2020 प्रदेश पार्टी कार्यालय में मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठ का भ्रमजाल टूट रहा है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Mon, 30 Sep 2019 10:03 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। Delhi Assembly Election 2020: दिल्ली भाजपा (BJP) के अध्यक्ष मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने कहा कि दूसरे राज्य के लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने से पहले दिल्ली के लोग केजरीवाल को ही सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देंगे। प्रदेश पार्टी कार्यालय में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के झूठ का भ्रमजाल टूट रहा है। इसलिए 2015 के बाद से आम आदमी पार्टी कोई भी चुनाव नहीं जीत सकी है। इसलिए (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) एनआरसी जैसे मुद्दे पर बेतुके बयान दे रही है।
दिल्ली में एनआरसी पर राजनीतिउन्होंने कहा कि केजरीवाल दिल्ली में रह रहे दूसरे राज्य के लोगों को भगाना चाहते हैं और अवैध बांग्लादेशी व रोहिंग्या को संरक्षण देकर राजनीतिक फायदा लेना चाहते हैं। भारत तेरे टुकड़े होंगे- इंशाल्लाह-इंशाल्लाह को संरक्षण देकर वह देश के विरूद्ध काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह चाल कामयाब नहीं होगी।
दो नेताओं ने छोड़ा साथ
कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी युवा विंग के संयुक्त सचिव अमित मिश्र और लीगल सेल के पूर्वी दिल्ली जिलाध्यक्ष रूप मोहन शर्मा ने अपने साथियों के साथ भाजपा का दामन थामा। रिटायर्ड एसीपी नियमपाल सिंह सहित कई प्रोफेशनल्स भी भाजपा से जुड़े। इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, प्रदेश उपाध्यक्ष अभय वर्मा, पूर्व विधायक अनिल बाजपेयी, मीडिया सह-प्रभारी नीलकांत बख्शी उपस्थित थे।
श्रद्धांजलि सभा का आयोजनभाजपा के प्रदेश कार्यालय में पर्वतीय प्रकोष्ठ द्वारा उत्तराखंड राज्य जन आंदोलन के अमर शहीद आंदोलनकारियों के शहीदी दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली प्रदेश प्रभारी व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, निगम पार्षद बीर सिंह पंवार, प्रकोष्ठ के संयोजक अजरुन सिंह राणा समेत वरिष्ठ कार्यकर्ता सत्येश्वरी जोशी, दमवंती रावत, डेवेन एस खत्री, गजेंद्र सिंह रावत व रोशनी बिष्ट समेत अन्य उपस्थित रहे।
उत्तराखंड की हुई चर्चाजाजू ने कहा कि देश व समाज को अपनी मिट्टी के लिए बलिदान देने वालों को कभी नहीं भूलना चाहिए। उत्तराखंड की धरती की तासीर ऐसी है कि जब भी वहां का व्यक्ति खुश होता है तो उत्तराखंड की जय बोलने से पहले भारत माता की जय बोलता है। वहां के हर तीसरे घर का बच्चा देश की सेना में भर्ती होकर सर्वोच्च बलिदान देता है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड में हुए आंदोलन में महिलाओं की अहम भूमिका थी।
सिद्धार्थन ने कहा कि जब 2 अक्टूबर के दिन एक तरफ देश महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस की खुशियां मनाता हैं वहीं उत्तराखंड के लोग राज्य के निर्माण पर शहीद हुए आंदोलनकारियों को याद करते हैं।