महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान आज, यूपी-पंजाब समेत कई राज्यों में हो रहे उपचुनाव पर भी रहेगी नजर
भारतीय चुनाव आयोग ने बुधवार को महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए अपनी सभी तैयारियां पूरी कर लीं। चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश पंजाब केरल और उत्तराखंड में फैली 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है वहीं यह भी तय होना है कि कांग्रेस की चुनौती बढ़ेगी या घटेगी तथा भाजपा का जादू कितना चल पाता है।
नीलू रंजन, जागरण, नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सभी और झारखंड की बची हुई 38 सीटों पर आज मतदान होगा। हरियाणा के आश्चर्यजनक नतीजों के बाद इन दोनों ही राज्यों में होने वाले चुनाव पर सबकी नजर है। दरअसल इन राज्यों के चुनाव न सिर्फ सत्ता तय करेंगे बल्कि कई राजनीतिक दलों का अस्तित्व भी तय करेंगे। वहीं यह भी तय होना है कि कांग्रेस की चुनौती बढ़ेगी या घटेगी तथा भाजपा का जादू कितना चल पाता है।
महाराष्ट्र में कई सीटों पर कांग्रेस भाजपा की सीधी टक्कर
महाराष्ट्र में महायुति सत्ता में वापसी के लिए लड़ रहा है तो झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला संप्रग इस कोशिश में है। रोचक तथ्य यह है कि इन दोनों में कहीं भी नेतृत्व सीधे कांग्रेस के हाथ में नहीं है लेकिन दांव कांग्रेस का ही ज्यादा है। दरअसल अगर इन दोनों राज्यों में कांग्रेस के प्रदर्शन पर बहुत कुछ निर्भर करता है। माना जा रहा है कि 62 सीटों वाले महाराष्ट्र के विदर्भ में ही सत्ता की चाभी है जहां सीधा टक्कर कांग्रेस और भाजपा के बीच है।
महाराष्ट्र में पहली बार विधानसभा चुनाव में चार दल आपस में टकरा रहे हैं
वहीं झारखंड में 30 सीटों पर लड़ रही कांग्रेस का चुनाव प्रचार सहयोगी दल झामुमो के मुकाबले फीका रहा। यानी प्रदर्शन ठीक नहीं रहा तो दोनों राज्यों में सहयोगी दल ही कांग्रेस पर ठीकरा फोडेंगे। अगर दम दिखा पाए तो हरियाणा के बाद खोए नेतृत्व के प्रयास की कोशिश हो सकती है। महाराष्ट्र क्षेत्रीय दलों के लिहाज से भी रोचक है। कई दशक से भाजपा व शिवसेना और कांग्रेस व राकांपा के बीच सीधा मुकाबला वाले महाराष्ट्र में पहली बार विधानसभा चुनाव में चार दल आपस में टकरा रहे हैं।राकांपा में हुई टूट के बाद शरद पवार गुट कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी महाविकास आघाड़ी गठबंधन के साथ है, तो उनके भतीजे अजीत पवार भाजपा के नेतृत्व वाले सत्तारूढ महायुति गठबंधन के साथ हैं। इसी तरह से शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट महाअघाड़ी के साथ तो एकनाथ शिंदे गुट महायुति के साथ है।
पूरे चुनाव के दौरान महायुति गठबंठन एकजुट दिखा
शरद पवार, अजीत पवार, उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे चारों के लिए यह चुनाव राजनीतिक अस्तित्व बचाने की लड़ाई बन गई है। हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर एकनाथ शिंदे जहां शिवसेना के वोटबैंक को पूरी तरह से हासिल करने के जोर लगा रहे हैं, वहीं उद्धव ठाकरे बाला साहब ठाकरे की विरासत के साथ-साथ महाअघाड़ी के मुस्लिम वोटों के सहारे अपनी राजनीतिक हैसियत बचाने की कोशिश में जुटे हैं। वहीं यह भी तय हो जाएगा कि बारामती की विरासत शरद पवार और अजित पवार में किसके पास रहेगी।पूरे चुनाव के दौरान महायुति गठबंठन एकजुट दिखा, लेकिन सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम समय तक खींचतान महाविकास आघाड़ी गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठते रहे। झारखंड में भाजपा बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा उठाकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के आदिवासी वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है।हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को आदिवासी अस्मिता से जोड़कर झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी वोटों को एकजुट रखने की कोशिश कर रही है।
पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासी बहुल सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा वाले गठबंधन भारी जीत दर्ज की थी। वहीं 81 में से 30 सीटों पर लड़ रही कांग्रेस झारखंड मुक्ति मोर्चा की सत्ता वापसी में बड़ी अड़चन बन सकती है झारखंड मुक्ति मोर्चा जहां पूरी ताकत से चुनाव मैदान में है, वहीं कांग्रेस के चुनाव प्रचार में कमजोर पड़ने के आरोप लग रहे हैं।