Assembly Election Result: MP सहित चार राज्यों में महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई से कम, छत्तीसगढ़ ने लहराया परचम
मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन हम बात मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ और मिजोरम की करेंगे। नवनिर्वाचित महिला विधायकों की करेंगे क्योंकि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई से काफी नीचे है और ऐसा तब है जब संसद ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Mon, 04 Dec 2023 04:10 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ यानी की तीनों हिंदी पट्टी राज्यों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जबकि तेलंगाना में पार्टी ने अपनी छाप छोड़ते हुए आठ सीटों पर कब्जा किया। हालांकि, कांग्रेस वहां पर सरकार बनाने में सफल हुई।
इस बीच, नवनिर्वाचित महिला विधायकों की करेंगे, क्योंकि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या एक तिहाई से काफी नीचे है और ऐसा तब है जब संसद ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है।
थिंक टैंक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक, नवनिर्वाचित विधायकों में 21 फीसद महिलाओं के साथ छत्तीसगढ़ सबसे ऊपर है।
क्या है छत्तीसगढ़ का हाल?
साल 2018 में छत्तीसगढ़ में 13 महिला विधायक थीं, जो कुल विधायकों में महज 14 फीसद थीं। इस बार महिला विधायकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। ऐसे में तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुए चुनावों में सबसे ज्यादा 21 फीसद महिला विधायक हैं।
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तेलंगाना में 8 फीसद महिला विधायक
तेलंगाना में 10 महिला प्रत्याशियों पर जनता ने अपना भरोसा जताया है, जो जीतकर अब विधानसभा पहुंची हैं, यानी की यहां पर कुल विधायकों का आठ फीसद महिला विधायक हैं। वहीं, 2018 में तेलंगाना ने छह महिलाओं को विधानसभा भेजा था।
राजस्थान में महिला विधायकों की घटी संख्या
राजस्थान में इस बार महिला विधायकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। 2018 में राजस्थान ने 24 महिला विधायकों को विधानसभा भेजा था, जबकि इस बार महज 20 ही महिलाएं विधानसभा पहुंचने में कामयाब हो पाई हैं। बकौल रिपोर्ट, राजस्थान विधानसभा में उनकी संख्या कभी भी 15 फीसद से ज्यादा नहीं हुईं।MP में महिला विधायकों की बढ़ी संख्या
मध्य प्रदेश में 2013 के चुनावों में 30 महिलाएं चुनी गईं, जबकि 2018 में गिरावट दर्ज की गईं और संख्या घटकर 21 हो गई। हालांकि, इस बार मध्य प्रदेश से 27 महिलाएं निर्वाचित हुई हैं।यह भी पढ़ें: 'कैसे नहीं कर पाए दादा', नरोत्तम मिश्रा ने स्वीकारी हार तो BJP कार्यकर्ता ने भरी सभा में टोकाउम्रदराज विधायक
इसके अलावा सभी विधानसभाओं में उम्रदराज विधायकों की संख्या भी अधिक है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना की विधानसभाओं में बड़ी संख्या में उम्रदराज विधायक हैं।- छत्तीसगढ़ की नई विधानसभा में 55 साल से अधिक उम्र के विधायकों की संख्या 41 फीसदी है। 2008 में राज्य में 55 साल से अधिक उम्र के 16 फीसद विधायक थे, जिनकी संख्या 2013 में 29 फीसद और 2018 में 40 फीसद हो गई।
- मध्य प्रदेश में इस बार 50 फीसद विधायक 55 साल से ज्यादा उम्र के हैं। 2018 में इस आंकड़े में गिरावट आई और संख्या 38 फीसदी हो गई, जबकि 2013 में 30 फीसद और 2008 में 21 फीसद आंकड़ा था।
- राजस्थान में 2018 में निर्वाचित सदस्यों में से 48 फीसद 55 साल से अधिक उम्र के थे। हालांकि, नई विधानसभा में इस संख्या में दो फीसद की कमी आई और आंकड़ा 46 फीसद हो गया।
- तेलंगाना में नवनिर्वाचित विधायकों की औसत उम्र 56 साल है। वहां 55 साल से अधिक उम्र के विधायकों का प्रतिशत 2018 में 39 फीसद से बढ़कर 2023 में 60 फीसद हो गया है।