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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म, भाजपा की नजरें सत्ता बरकरार रखने पर; कांग्रेस को वापसी की उम्मीद

हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। मतदान कल यानी पांच अक्टूबर को होगा और काउंटिंग आठ अक्टूबर को होगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में एकल चरण के मतदान के लिए जोरदार प्रचार अभियान गुरुवार शाम को समाप्त हो गया। वहीं प्रत्याशियों ने जमकर पसीना बहाया अब पांच अक्टूबर को जनता तय करेगी उनकी किस्मत।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Fri, 04 Oct 2024 07:37 AM (IST)
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हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार खत्म, भाजपा की नजरें सत्ता बरकरार रखने पर (फोटो- ट्विटर)

 एएनआई, चंडीगढ़। हरियाणा की सभी 90 सीटों के लिए एक ही चरण में मतदान होगा। मतदान कल यानी पांच अक्टूबर को होगा और काउंटिंग आठ अक्टूबर को होगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में एकल चरण के मतदान के लिए जोरदार प्रचार अभियान गुरुवार शाम को समाप्त हो गया। प्रत्याशियों ने जमकर पसीना बहाया अब पांच अक्टूबर को जनता तय करेगी उनकी किस्मत।

हरियाणा चुनाव के चुनाव प्रचार खत्म होते ही, प्रत्याशी अपना अपना आंकलन करने में जुट गए हैं। भाजपा को लगातार तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस एक दशक के लंबे अंतराल के बाद वापसी की उम्मीद कर रही है।

हरियाणा में प्रमुख प्रतिस्पर्धी दलों में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) के साथ-साथ इंडियन नेशनल लोकदल-बहुजन समाज पार्टी (इनेलो-बसपा) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)-आजाद समाज पार्टी (एएसपी)के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन शामिल है।

हरियाणा में 5 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग

हरियाणा में 5 अक्टूबर को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोटिंग होनी है। सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 1,031 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और मतदान के लिए 20,632 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने गुरुवार को कहा कि राज्य के 2.03 करोड़ से अधिक मतदाता 15वीं हरियाणा विधानसभा आम चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने आगे बताया कि 2,03,54,350 मतदाताओं में से 1.07 करोड़ से अधिक मतदाता पुरुष हैं, जबकि 95 लाख से अधिक मतदाता महिलाएं हैं, और 467 तृतीय लिंग हैं। कुल 5,24,514 युवा मतदाता हैं, जिनकी आयु 18 से 19 वर्ष के बीच है, जबकि कुल 1,49,142 विकलांग मतदाता हैं, जिनमें से 93,545 पुरुष, 55,591 महिला और छह तृतीय लिंग हैं।

85 वर्ष से अधिक आयु के 2,31,093 मतदाता

उन्होंने आगे कहा कि 85 वर्ष से अधिक आयु के 2,31,093 मतदाता हैं, जिनमें 89,940 पुरुष और 1,41,153 महिलाएं हैं। इसके अतिरिक्त, 100 वर्ष से अधिक आयु के 8,821 मतदाता हैं, जिनमें 3,283 पुरुष और 5,538 महिलाएं शामिल हैं। सेवा मतदाताओं की कुल संख्या 1,09,217 है, जिनमें 1,04,426 पुरुष और 4,791 महिलाएं हैं।

इसके अतिरिक्त, 100 वर्ष से अधिक आयु के 8,821 मतदाता हैं, जिनमें 3,283 पुरुष और 5,538 महिलाएं शामिल हैं। सेवा मतदाताओं की कुल संख्या 1,09,217 है, जिनमें 1,04,426 पुरुष और 4,791 महिलाएं हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे बताया कि चुनाव में कुल 1,031 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें 930 पुरुष और 101 महिलाएं शामिल हैं. इन उम्मीदवारों में 464 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।

2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा की बनी सरकार

2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 90 में से 40 सीटें जीतीं, जेजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाई, जिसने 10 सीटें जीतीं। कांग्रेस को 31 सीटें हासिल हुईं। हालांकि बाद में जेजेपी गठबंधन से अलग हो गई। मनोहर लाल खट्टर लगभग 9.5 वर्षों तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे। इस साल मार्च में नायब सिंह सैनी ने उनकी जगह ली। भाजपा उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है।

सैनी लाडवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चूँकि भाजपा राज्य में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी सत्ता विरोधी लहर और किसानों के विरोध और पहलवानों के विरोध के मुद्दों पर सवार होकर सत्ता वापस हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

विनेश फोगाट और भाजपा नेता बृजभूषण के बीच विवाद बनेगा मुद्दा

कांग्रेस नेता और हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपिंदर हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव में प्रमुख चेहरों में से एक पहलवान विनेश फोगाट हैं। पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल में अयोग्य घोषित होने के बाद, वह छह सितंबर को ओलंपियन पहलवान बजरंग पुनिया के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं। विनेश फोगाट और भाजपा नेता बृजभूषण के बीच विवाद नेशनल मुद्दा बन गया था।

आप पार्टी ने भी मजबूती के साथ ताल ठोकी

वहीं, हरियाणा के चुनाव में आप पार्टी ने भी मजबूती के साथ ताल ठोकी है। चुनाव से पहले मनीष सिसोदिया औ अरविंद केजरवाल जेल से बाहर आ गए और हरियाणा के दंगल में उतर गए। केजरीवाल ने खुद को हरियाणवी बताते हुए जमकर चुनाव प्रचार किया है। अब आठ अक्टूबर को पता चलेगा कि केजरीवाल के जेल से छूटने से पार्टी को फायदा हुआ कि नहीं।