Dushyant Chautala: जानिए, उस खिलाड़ी की कहानी, जिसने इस बार बदल दी हरियाणा की राजनीति
Dushyant Chautala दुष्यंत किंग मेकर की भूमिका में उभरकर सामने आए हैं। इस तरह वे देवीलाल की पारिवारिक विरासत को लेकर चल रहे संघर्ष में भी विजेता बनकर उभरे हैं।
By Rajat SinghEdited By: Updated: Thu, 24 Oct 2019 01:39 PM (IST)
नई दिल्ली,जेएनएन। Dushyant Chautala: हरियाणा के 31 साल के युवा नेता और 11 महीने पुरानी पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के मुखिया दुष्यंत चौटला ने सत्ता की राजनीति को बदलकर रख दिया है। रुझानों में अभी तक पार्टी को 10 सीटों पर बढ़त हासिल है। ऐसे में दुष्यंत किंग मेकर की भूमिका में उभरकर सामने आए हैं। इस तरह वे देवीलाल की पारिवारिक विरासत को लेकर चल रहे संघर्ष में भी विजेता बनकर उभरे हैं। अगर चीजें उनके पक्ष में जाती हैं तो वे हरियाणा के मुख्यमंत्री भी बन सकते हैं। आइए जानते हैं उनके राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक सफर को-
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाईदुष्यंत चौटला विदेश से पढ़ाई करके लौटे हैं। दुष्यंत की शुरुआती पढ़ाई हिसार के सेंट मैरी स्कूल से हुई है। इसके बाद आगे की पढ़ाई उन्होंने लॉरेन्स स्कूल, हिमाचल प्रदेश से किया है। दुष्यंत ने अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई भी की है। इसके अलावा वह नेशनल लॉ कॉलेज से कानून में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं।
सबसे युवा सांसदसाल 2014 में दुष्यंत पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे। लोकसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई को 31,847 वोटों से हराया था। वह सबसे युवा सांसद बनकर संसद पहुंचे थे। इस रिकॉर्ड को लिम्का बुक में दर्ज किया गया है। फिलहाल दुष्यंत हिसार लोकसभा से सांसद हैं।
देवीलाल के उत्तराधिकारीदुष्यंत को राजनीति विरासत में मिली है। उनके परदादा पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल हरियाणा की जाट राजनीति के सबसे कद्दावर नेताओं में थे। वहीं, उनके दादा ओमप्रकाश चौटला हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता अजय चौटाला भी सांसद रह चुके हैं। फिलहाल, दादा और पिता भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं।
11 महीने पहले बनाई पार्टीदुष्यंत के अपने चाचा अभय चौटाला से राजनीतिक मतभेद है। साल 2018 में ओमप्रकाश चौटाला ने जेल से अभय को अपना उत्तराधिकारी चुना। इसके बाद से देवीलाल के पोते दुष्यंत ने बगावत शुरू कर दी। इसके तहत उन्होंने दिसंबर 2018 में देवीलाल की विचारधारा को आगे करके अपनी नई पार्टी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) बनाई। चुनाव के बाद से अभय के सामने अब दुष्यंत को देवीलाल का उत्तराधिकारी माना जा रहा है।