ताऊ लहर में भी चुनाव हार गए थे देवीलाल के मित्र, हारने के बाद भी बने रहे सत्ता का केंद्र
1987 में हुए चुनाव में जहां ताऊ समर्थकों ने 90 में से 85 सीट जीती थीं वहीं मेवला महाराजपुर क्षेत्र से ताऊ के मित्र जीवन सिंह नागर चुनाव हार गए थे।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 16 Sep 2019 06:08 PM (IST)
फरीदाबाद, जेएनएन। प्रदेश की राजनीति में यूं तो राजनीति में बड़े-बड़े दिग्गजों को पटखनी लगी मगर औद्योगिक नगरी के ऐसे दिग्गज भी थे, जो अपने दलों की लहर में भी जीत दर्ज नहीं कर पाए। इतना ही नहीं चुनाव में चौथे स्थान पर रहने के बावजूद ये नेता अपने दल की सरकार में सत्ता का केंद्र बने रहे।
ताऊ देवीलाल के न्याय युद्ध के बाद 1987 में हुए चुनाव में जहां ताऊ समर्थकों ने 90 में से 85 सीट जीती थीं, वहीं मेवला महाराजपुर क्षेत्र से तब लोकदल के टिकट पर ताऊ के मित्र जीवन सिंह नागर चुनाव नहीं जीत पाए। 1987 में ताऊ देवीलाल के नजदीकी चौधरी जीवन सिंह नागर मेवला महाराजपुर क्षेत्र से चौथे नंबर पर रहे मगर ताऊ राज में उनकी तूती बोलती थी। जीवन सिंह नागर पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के व्यावसायिक मित्र भी रहे। 1987 से 1989 तक चले ताऊ राज में प्रीतम सिंह कम से कम फरीदाबाद व पलवल जिला के प्रत्येक राजनीतिक मामले में दखल रखते थे।
मेवला महाराजपुर क्षेत्र से महेंद्र प्रताप सिंह ने लगाई थी हैट्रिक
मेवला महाराजपुर क्षेत्र से कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह ने लगातार तीन बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई थी। महेंद्र प्रताप सिंह 1982,1987 और 1991 में लगातार जीते और जीत की हैट्रिक लगाई। फरीदाबाद जिला में विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाने वाले महेंद्र प्रताप सिंह अकेले नेता हैं।
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