गुजरात में निखिल सवाणी व नरेंद्र पटेल ने भाजपा से दिया इस्तीफा
गुजरात में निखिल सवाणी और नरेंद्र पटेल ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है।
By Sachin MishraEdited By: Updated: Mon, 23 Oct 2017 03:20 PM (IST)
अहमदाबाद, जेएनएन। पाटीदार आरक्षण आंदोलन से जुडे दो पाटीदार नेता नरेन्द्र पटेल व निखिल सवाणी ने भाजपा में शामिल होने के कुछ समय बाद ही पार्टी पर खरीद फरोख्त का आरोप लगाते हुए भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। नरेन्द्र पटेल ने उन्हें एक करोड का आॅफर देकर एडवांस में 10 लाख रुपये देने का दावा करते हुए भाजपा से पेशगी में मिले दस लाख रुपये मीडिया को दिखाए। निखिल ने कहा कि मैं राहुल गांधी से मिला और पाटीदार समाज के हित के लिए अपनी बात रखी।
मेहसाणा के पास संयोजक नरेन्द्र पटेल रविवार को भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघाणी की हाजिरी में भाजपा में शामिल हुए थे, चंद घंटों में ही देर रात पत्रकारों के समक्ष पांच सौ पांच सौ के नोटों की गड्डियां दिखाते हुए उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने उन्हें एक करोड का आॅफर देकर बतौर पेशगी दस लाख रुपये दिए थे। 90 लाख रुपये उन्हें बाद में दिए जाने थे, लेकिन इससे पहले ही उन्होंने मीडिया के समक्ष इसका भंडाफोड कर दिया।नरेन्द्र ने कहा कि एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल होने वाले पाटीदार नेता वरुण पटेल ने ही यह सौदा कराया था। वरुण ने इसके जवाब में कहा कि कांग्रेस पाटीदारों के साथ राजनीति कर रही है, ये सब उसके इशारे पर हो रहा है।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का साथ डेढ साल पहले छोड़ देने वाले निखिल सवाणी का 15 दिन में ही भाजपा से मन भर गया।सोमवार सुबह एक पत्रकार वार्ता कर उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पाटीदारों को रुपयों से खरीदने बैठी है, लेकिन वे बिकाऊ नहीं हैं, आरक्षण आंदोलन से पहले भी जुडा था आज भी जुडा हूं। सवाणी ने कहा डेढ साल पहले हार्दिक से मतभेद होने के कारण उनसे अलग हुए थे, भाजपा सरकार ने पाटीदारों की 4 बडी मांगे स्वीकार कर जल्द उन्हें अमल में लाने का वादा किया था लेकिन अभी तक वादा पूरा नहीं किया, अब लग रहा है भाजपा केवल समय निकाल रही है ताकि चुनाव आचार संहिता लागू हो जाए और कुछ करना नहीं पड़े।
सवाणी ने कहा वे आज भी आंदोलन से जुडे हैं, हार्दिक के साथ उनके मतभेद थे पर मनभेद नहीं, लेकिन दोनों का उद्देश्य एक ही है। सवाणी ने कहा कि भाजपा वोट बैंक व नोट की राजनीति कर रही है। राज्य में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संयोजकों को खरीदने निकली है यह भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।सवाणी ने कहा हार्दिक का साथ डेढ साल पहले ही छूट गया था लेकिन तुरंत भाजपा में शामिल नहीं हुए थे।निखिल ने बताया पाटीदार समाज के हित के लिए 15 दिन पहले भाजपा में शामिल हुआ, लेकिन अब ठगा सा महसूस कर रहा हूं चूंकि भाजपा पाटीदारों को समग्र गुजरात में खरीदने को बैचेन है जिससे वे खुद परेशान हैं तथा भाजपा से इस्तीफा दे रहे हैं।राहुल से नहीं मिलेंगे हार्दिक
दो पाटीदार नेताओं के इस तरह भाजपा से इस्तीफे व खरीद फरोख्त के आरोपों ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। खुद हार्दिक पटेल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से सोमवार को गांधीनगर में मिलने से इनकार करते हुए दस दिन के लिए चुनावी रैली पर निकल गए। सोमवार को वे उत्तर गुजरात के मांडल में आक्रोश रैली में शिरकत करेंगे।हार्दिक ने पहले ही भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के समर्थन का ऐलान कर दिया है, लेकिन वे राहुल से फेस टू फेस मुलाकात कर खुद पर कांग्रेसी होने व किसी राजनीतिक दल का करीबी होने का ठप्पा नहीं लगाना चाहते इसलिए राहुल से मुलाकात के बजाए व अकेले अपने चुनावी अभियान पर निकल गए। हार्दिक ने कांग्रेस को समर्थन देने के फैसले पर एक ट्वीट में कहा कि यदि पाटीदार व जनता उनका समर्थन करती है तो उनकी रैली व सभा में आएंगे अन्यथा उनका साथ छोड़ देगी।
Will seek Rahul Gandhi's appointment, meet him and put forward my viewpoint: Nikhil Sawani after resigning from BJP
— ANI (@ANI) October 23, 2017
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