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Kargil Hill Council Poll: चुनाव से पहले NC-कांग्रेस में पड़ी रार, BJP को मिल सकता है फायदा

Kargil Hill Council Poll वोट बंटने की स्थिति में भाजपा को लाभ हो सकता है। कारगिल हिल काउंसिल चुनाव के लिए पहले जारी अधिसूचना को सर्वाेच्च न्यायालय ने रद कर दिया था। अब नए सिरे से अधिसूचना जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपने 22 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। पुरानी अधिसूचना के आधार पर कांग्रेस ने अपने 21 उम्मीदवार उतारे थे।

By Mohammad SameerEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 18 Sep 2023 06:36 AM (IST)
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भाजपा विरोधी नेकां-कांग्रेस के गठबंधन में रार।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में अपनी हिल डेवेलपमेंट काउंसिल चुनाव में भाजपा विरोधी नेशनल कांफ्रेंस व कांग्रेस में आपसी मतभेद मुश्किलें बढ़ा रही हैं। इंडिया गठबंधन की तरह इस चुनाव में भी गठजोड़ करने वाली नेकां व कांग्रेस के हित टकरा रहे हैं।

गठजोड़ के बाद दोनों दलों में कई बागी नेताओं के तेवर दिखाने के बाद इन दलों ने अपने घर संभालने के लिए हिल काउंसिल की 26 में से 17 सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ ही उम्मीदवार उतार दिए हैं। दोनों दलों में विरोध के स्वर उठने के कारण सीटों के बटवारे को लेकर कोई समझौता नही हो सका।

भाजपा को लाभ हो सकता है

ऐसे में मजबूरी में दोस्त बने इन दलों की आपसी खींच तान से वोट बंटने की स्थिति में भाजपा को लाभ हो सकता है। कारगिल हिल काउंसिल चुनाव के लिए पहले जारी अधिसूचना को सर्वाेच्च न्यायालय ने रद कर दिया था। अब नए सिरे से अधिसूचना जारी होने के बाद कांग्रेस ने अपने 22 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।

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पुरानी अधिसूचना के आधार पर कांग्रेस ने अपने 21 उम्मीदवार उतारे थे। ऐसे में कांग्रेस ने पहले के मुकाबले 1 उम्मीदवार अधिक उतारा है। वहीं सहयोगी नेशनल कांफ्रेंस की ओर से पिछली बार की तरह अपने 17 उम्मीदवार ही चुनाव मैदान में उतारे गए हैं। दोनों दलों के एक दूसरे के खिलाफ काफी सीटों से चुनाव लड़ने पर कांग्रेस के जिला प्रधान नसीर मुंशी का कहना है कि इससे गठबंधन पर कोई फर्क नही पड़ेगा।

उनका कहना है कि दोनों दलों का एकमात्र मकसद भाजपा को हराना है, हमारा एक मात्र मकसद है कि सिर्फ सहयोगी दलों के उम्मीदवार ही जीतने चाहिए। वहीं दूसरी ओर कारगिल में जोरशोर से प्रचार कर रही भाजपा ने इस बार चुनाव मैदान में अपने 18 उम्मीदवार उतारे हैं। चुनाव के लिए पहली अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा ने गत माह अपने 17 उम्मीदवार उतारे थे। अब पार्टी ने 18 उम्मीदवार उतारे हैं।

दिग्गज प्रचार के लिए उतरे

इसके साथ पार्टी कई निर्दलीय उम्मीदवारों को भी समर्थन दे रही है। कारगिल में अब तक भाजपा के उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने वाले भाजपा नेताओं में राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग, संस्कृति मंत्री मिनाक्षी लेखी, प्रदेश संगठन महामंत्री अशोक कौल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा व पूर्व एमएलसी विक्रम रंधावा मुख्य हैं। राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग हिल काउंसिल चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करने के लिए तीसरी बार कारगिल आने की तैयारी में हैं।

कारगिल में भाजपा के प्रचार की जिम्मेदारी संभालने वाले सत्त शर्मा का कहना है कि भाजपा का पलड़ा भारी है, इस बार हिल काउंसिल में लोग स्वार्थी राजनीति के लिए नही, विकास के लिए भाजपा को वोट देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ नेकां-कांग्रेस का गठबंधन खोखला है। इस पार्टी में गुटबाजी जोरों पर है, यही कारण है कि दोनों में सीटों पर समझौता नही हो सका है।

उन्होंने बताया कि दोनों दलों ने हर बार कारगिल में हिल काउंसिल बनाने के बाद भी कुछ नही किया है। जिले के लोग यह जानते हैं। इसी बीच अब अपने हल चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की इजाजत मिलने के बाद नेशनल कांफ्रेंस उत्साहित है। भाजपा के खिलाफ खुलकर बोल रही इस पार्टी का आरोप है कि साजिश के तहत कारगिल हिल काउंसिल चुनाव में उन्हें उनके हल चुनाव चिन्ह से वंचित रखने की कोशिश की गई।

नेकां के अतिरिक्त महासचिव व कारगिल के वरिष्ठ नेता कमर अली अखून का कहना है कि भाजपा हिल काउंसिल बनाने की स्थिति में नही है। यह पार्टी लद्दाख के लोगों के हितों को दाव पर लगाना चाहती है। जिले के लोग यह अच्छी तरह से जानते हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस से हमारा गठजोड़ मजबूत है। सोच विचार करने के बाद ही कुछ जगहों पर एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे गए हैं। इसी बीच कारगिल में अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने को जल्द उमर अब्दुल्ला भी आएंगे।

अखून का कहना है कि उमर अब्दुल्ला तीस सितंबर को कारगिल में चुनावी रैली को संबोधित कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की कारगिल जिला इकाई के नेता इस समय अपने स्तर पर ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं। लद्दाख कांग्रेस यूटी प्रधान रिगजिन जोरा के कारगिल में प्रचार के लिए आने की फिलहाल कोई योजना नही है। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पहले दस सितंबर को कारगिल हिल काउंसिल चुनाव तय था।

इस चुनाव के लिए नेशनल कांफ्रेंस को हल चुनाव चिन्ह न मिलने के कारण उसे अपने उम्मीदवारों को निर्दलीय रूप से मैदान में उतारना पड़ा था। कारगिल के इस मामले में न्यायालय का दरबाजा खटखटाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 10 सितंबर को चुनाव करवाने की अधिसूचना रद कर दी थी। इसके बाद कारगिल प्रशासन ने जिले में चार अक्टूबर को चुनाव करवाने की अधिसूचना जारी की थी।