Ladakh Hill Council Polls: कारगिल हिल काउंसिल के लिए मतदान आज, BJP रचेगी इतिहास या NC-कांग्रेस फिर जीतेंगी?
Ladakh Hill Council Polls लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद क्षेत्र में हो रहा यह पहला मतदान क्षेत्र की सियासत में बदलाव का प्रतीक हो सकता है। भाजपा तेज विकास को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच है तो नेकां व कांग्रेस लोगों के हितों के संरक्षण का मुद्दा बनाकर भाजपा को काउंसिल से दूर करने के लिए एकजुट है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू: कारगिल में पहली बार अपनी हिल डेवलपमेंट काउंसिल बनाकर भाजपा इतिहास रचेगी या एकजुट हुई नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस फिर जीतेगी, यह फैसला बुधवार को होने वाले मतदान से हो जाएगा। कड़ी सुरक्षा के बीच बुधवार को 95 हजार मतदाता जिले में पांचवीं हिल काउंसिल की 26 सीटों के लिए 85 उम्मीदवारों के भाग्य पर मुहर लगाएंगे।
मतदान के लिए जिले में 278 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 114 मतदान केंद्र अति संवेदनशील हैं और 99 मतदान केंद्र संवेदनशील हैं। वहीं, 65 मतदान केंद्र सामान्य श्रेणी में हैं। मंगलवार को पोलिंग स्टाफ ने इन सभी मतदान केंद्रों में डेरा डाल लिया।
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद क्षेत्र में हो रहा यह पहला मतदान क्षेत्र की सियासत में बदलाव का प्रतीक हो सकता है। भाजपा तेज विकास को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच है तो नेकां व कांग्रेस लोगों के हितों के संरक्षण का मुद्दा बनाकर भाजपा को काउंसिल से दूर करने के लिए एकजुट है।
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लद्दाख में संसदीय व विधानसभा चुनाव के दौरान लद्दाख से दूरी बनाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने इस चुनाव में भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार को हवा दी। नेकां नेता उमर अब्दुल्ला ने भी प्रचार में भाजपा को निशाने पर लिया। अब लोगों के फैसले की बारी है।
मतदान चार अक्टूबर को सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक होगा और वोटों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी। सोमवार शाम चार बजे प्रचार थम गया था। बता दें कि पहले चुनाव 10 सितंबर को तय था। इस चुनाव में नेकां को हल चुनाव चिन्ह न मिलने को पार्टी ने न्यायालय में चुनौती दी थी। ऐसे में न्यायालय ने न सिर्फ 10 सितंबर के मतदान को रद किया था अपितु लद्दाख प्रशासन को एक लाख का जुर्माना भी लगाया था।
निर्दलीय निभाएंगे अहम भूमिका
कुल 85 उम्मीदवारों में से 25 निर्दलीय हैं। भाजपा व नेकां ने अपने 17-17 उम्मीदवार उतारे हैं, कांग्रेस के 22 उम्मीदवार मैदान में हैं। आम आदमी पार्टी ने भी चार उम्मीदवार उतारे हैं। ऐसे में काउंसिल के गठन में जीत हासिल करने वाले निर्दलीय अहम भूमिका निभाएंगे। भाजपा सात निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन दे रही है।
अपने-अपने दावे
भाजपा के प्रचार की कमान संभालने वाले संगठन महामंत्री अशोक कौल का कहना है कि उनकी पार्टी का मुकाबला ऐसे दलों से है जो कारगिल के लोगों को कई बार ठग चुके हैं। लोग उन्हें सबक सिखाएंगे। वहीं, कारगिल से कांग्रेस के प्रधान नासिर मुंशी का कहना है नेकां व कांग्रेस सांप्रदायिक भाजपा को रोकने के लिए एकजुट होकर मैदान में है।
हममें से कोई भी जीते, लेकिन कारगिल में भाजपा नहीं जीतनी चाहिए। हमने एक दूसरे की सहमति के साथ उम्मीदवार उतारे हैं। कई जगहों पर हमारे उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ भी हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। दोनों दल मिलकर काउंसिल बनाएंगे।
कई दिग्गज मैदान में
काउंसिल के चुनाव में जम्मू कश्मीर विधान परिषद के चेयरमैन रह चुके हाजी अनायत अली, मौजूदा चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसलर फिरोज खान समेत कई दिग्गज नेता भाग्य आजमा रहे हैं। हाजी चीफ एग्जीक्यूटिव पद के लिए भाजपा के उम्मीदवार हैं।
वहीं फिरोज खान सिलमो से नेकां के उम्मीदवार हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने भी उम्मीदवार उतारा है। पहली बार कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की दो महिला उम्मीदवार भी मैदान में हैं।
वर्ष 2003 में बनी थी काउंसिल
काउंसिल का गठन वर्ष 2003 में हुआ था। 26 काउंसलरों के लिए चुनाव होता है, चार काउंसलर बाद में मनोनीत किए जाते हैं। अब तक कारगिल में कांग्रेस या नेकां ने ही काउंसिल बनाई है। हिल काउंसिल का गठन लोगों को अपने विकास के फैसले खुद करने में सक्षम बनाने के लिए किया गया था।
लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद हिल काउंसिल के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी है। ऐसे में हिल काउंसिल में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के तबादले करने के अधिकार के साथ अपनी मर्जी से फंड इस्तेमाल करने की मांग होती आई है।
मौजूदा हिल काउंसिल में नेकां के 10, कांग्रेस के आठ, भाजपा के तीन व पांच निर्दलीय काउंसिलर थे। चार काउंसिलर मनोनीत थे।