'यह भाजपा है, किसी के आने से कांग्रेसयुक्त नहीं होगी', अनुराग ठाकुर ने विशेष बातचीत में दिए सवालों के बेबाक जवाब
Anurag Thakur Exclusive Interview मोदी सरकार के प्रमुख मंत्रियों में से एक अनुराग ठाकुर इस लोकसभा चुनाव में हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से मैदान में हैं। वह पांचवी बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले वह चार बार यहां से सांसद रह चुके हैं। पेश है उनसे खास बातचीत जिसमें उन्होंने सभी सवालों के बेबाकी से जवाब दिए।
सतीश चंदन, नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण और खेल तथा युवा सेवाएं मंत्री अनुराग ठाकुर पांचवीं बार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से मैदान में हैं। क्रिकेट से राजनीति तक ढाई दशक की यात्रा में उन्होंने हार कभी नहीं देखी। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में इस बार लोकसभा चुनाव में 400 के पार सीटें लाएंगे और केंद्र में तीसरी बार मोदी सरकार बनने के बाद हिमाचल को विकास के पथ पर और आगे ले जाने का काम करेंगे।
उनका कहना है कि प्रदेश के लिए नए व बड़े प्रोजेक्ट लाएंगे। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए वह कहते हैं कि वह हिमाचल में झूठे वादे कर सत्ता में आई है और आम जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतरी। सुक्खू सरकार को ठंडी और 'निकम्मी' बताते हुए उनका कहना है कि इस बार भी वह प्रदेश के लिए बड़ी परियोजनाएं लाएंगे। पढ़िए अनुराग ठाकुर से दैनिक जागरण संवाददाता सतीश चंदन की विशेष बातचीत के प्रमुख अंश।
प्रश्न - भाजपा में हर दिन कई दलों के नेता शामिल हो रहे हैं? ऐसा नहीं लगता कि कांग्रेस मुक्त देश का नारा देने वाली भाजपा अब कांग्रेसयुक्त होने जा रही है?
उत्तर - (मुस्कुरा कर) भाजपा का आधार इतना सशक्त है कि वह कांग्रेसयुक्त नहीं हो सकती। दूसरे राजनीतिक दलों से जब लोग आते हैं तो उनका विचार यह होता है कि वे देश के विकास में सहयोगी बन सकें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को आगे बढ़ा सकें। नेता प्रदेश के हों या देश के, मैं इन सबके बारे में यह मानता हूं कि ये देर से आए मगर ठीक आए। आखिर वे विकास व राष्ट्रवाद को जीने वाले दल के साथ जुड़े हैं। भाजपा ही ऐसा दल है, जिसने देश का विकास भी किया और देश को सुरक्षित भी किया। जितने लोग भाजपा में आएंगे, सभी का स्वागत है, क्योंकि भाजपा कमजोर नहीं है कि किसी के आने से असुरक्षित हो जाए।
प्रश्न - सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव में अब वही राजेंद्र राणा भाजपा प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं, जिन्होंने आपके पिता जी को हराया था और हिमाचल प्रदेश में पीढ़ी परिवर्तन हो गया था। हाथ तो मिले हैं, क्या दिल भी मिलेंगे?
उत्तर - (गंभीर मुद्रा में आते हुए) निजी सरोकारों से कहीं ऊपर देश और पार्टी के सरोकार होते हैं। हम भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। पार्टी नेतृत्व ने जो प्रत्याशी तय किया है, उसके लिए पार्टी पूरी ताकत से लड़ेगी और चुनाव भी जितवाएगी। प्रश्न जब देशहित और पार्टी हित का आता है तो शेष सब गौण हो जाता है।
प्रश्न - कई बार ऐसा आभास दिया जाता है कि सांसद अनुराग ठाकुर सहजता से संवाद के लिए उपलब्ध नहीं हैं। ऐसा है क्या?उत्तर - जहां तक मेरी उपलब्धता की बात है तो अनुराग ठाकुर जमीन से जुड़ा हुआ कार्यकर्ता है, जिसकी गोद में आकर बच्चे बैठ जाते हैं, माताएं गले लगाकर आशीर्वाद देती हैं। बुजुर्गों को लगता है कि उन्होंने कुछ बताना या सुनाना है तो अपना बच्चा समझकर वो पूरे अधिकार के साथ कहते हैं। अनुराग ठाकुर को मिलना जितना आसान व सरल है, शायद इतना किसी अन्य नेता के लिए नहीं होगा। हमीरपुर क्षेत्र को सांसद नहीं, अपना साथी और एक बेटा मिला है, जो हर किसी के काम करने में या बात करने में विश्वास रखता है।
प्रश्न - भाजपा जब परिवारवाद की बात करती है तो कांग्रेस नेता आपका जिक्र करते हैं, इस पर क्या कहेंगे?उत्तर - परिवारवाद वह है, जिसमें एक ही राजनीतिक दलों में उनके एक ही परिवार का कब्जा है। शेख अब्दुला से लेकर फारुख अब्दुला और उमर अब्दुला, नेहरू जी से लेकर राहुल गांधी तक, मुलायम सिंह से अखिलेश तक, स्टालिन से पहले उनके पिता जी थे। इसी तरह मुफ्ती मुहम्मद से लेकर महबूबा मुफ्ती से संबंधित अनेक आपको ऐसे उदाहरण मिलेंगे। शरद पवार, सुप्रिया सुले, बाला ठाकरे से उद्वव ठाकुर, आदित्य ठाकरे, यह है जिनका कि अपनी पार्टी पर कब्जा है। यह परिवारवाद है। मोदी जी ने कई बार समझाया और कहा है कि जो चुनकर आते हैं, वह जनता के आशीर्वाद से चुनकर आते हैं। वह चाहे एक परिवार से दो आ जाएं या एक भी न आए, या तीन आ जाएं।
प्रश्न - क्या भाजपा को पीएम मोदी के नाम का ही सहारा है, अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर क्यों नहीं जाते आपके नेता?उत्तर - आखिरकार हमारे नेता नरेन्द्र मोदी हैं। ईमानदार हैं, पाक-साफ हैं। कोई और राजनीतिक दल बताए कि उसका नेता ईमानदार है। मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक रुपये का आरोप नहीं है। दूसरी तरफ भ्रष्टाचारियों की इतनी बड़ी बरात है, जहां पर किसी ईमानदार नेता को ढूंढना बहुत मुश्किल है। मोदी के नेतृत्व को देश ही नहीं, दुनिया भी मानती है। हम मोदी की उपलब्धियों को लेकर ही जनता के बीच जाते हैं। 2014 तक देश में मात्र 74 एयरपोर्ट थे, आज 150 हैं। उस समय देश में 96,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग थे। मोदी के 10 वर्ष के कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई डेढ़ लाख किलोमीटर हो गई है।
ग्रामीण सड़कें तब तीन लाख 20 हजार किलोमीटर थीं। आज छह लाख 95 हजार किलोमीटर सड़कों का जाल है। 2014 तक 21000 किलोमीटर का इलेक्ट्रीफाइड रेलवे ट्रैक था जो अब 41,000 किलोमीटर हो चुका है। तब एक भी वंदे भारत ट्रेन नहीं थी और वर्तमान में इन रेलगाड़ियों की संख्या 41 हो गई है। उस समय 384 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब 706 हो गए हैं। तब 484 विश्वविद्यालय थे, जो अब 1100 हैं।दस साल पहले 16 आईआईएम व 12 आईआईटी थे, पर आज 23 आईआईएम व 19 आईआईटी हैं। एमबीबीएस की 51 हजार सीटें बढ़कर दोगुनी हो चुकी हैं। पहले पांच शहर मेट्रो से जुड़े थे, आज इनकी संख्या 20 हो गई है। पहले देश की अर्थव्यवस्था दसवें नंबर की थी, जो आज पांचवें नंबर पर है। सात एम्स के मुकाबले आज 22 एम्स हैं। कांग्रेस के 60 वर्ष के कार्यकाल पर भाजपा के 10 साल भारी हैं।
प्रश्न - देशभर में युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है, गृहमंत्री अमित शाह भी इस विषय में चिंता जता चुके हैं। आपने अपने क्षेत्र में तो युवाओं को खेल से जोड़ा है, क्या खेल एवं युवा सेवाएं मंत्री के रूप में देश के अन्य भागों में भी कोई कदम उठाए गए हैं?उत्तर - निश्चित तौर पर हम पूरे देश में युवा पीढ़ी को जागरूक करते रहते हैं और आगे भी करेंगे। हमने माई भारत-एप तैयार किया है और वह देश के करोड़ों युवाओं को पोर्टल से जोड़कर उन्हें आगे बढ़ाने के लिए है। मैं व्यक्तिगत रुप से सभी को आग्रह भी करता हूं कि माई भारत-एप पोर्टल से जुड़ें। वालंटियर बनें, नेतृत्व क्षमता को और बढ़ाएं और नशामुक्त अभियान के लिए वालंटियर के तौर पर काम भी करें।
प्रश्न - कांग्रेस सब जगह सिमट रही है, किंतु हिमाचल प्रदेश में बीते वर्ष उनकी सरकार बनी, इसका क्या कारण है?उत्तर - हिमाचल की जनता को झूठे वादे कर ठगने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया है। 1500 रुपये महिलाओं को देने की बात कही, दो रुपये किलो गोबर, सौ रुपये लीटर दूध, पांच लाख युवाओं को नौकरी, मुंह मांगे दाम बागवानों को, छह सौ करोड़ रुपये स्टार्टअप फंड, ऐसे अनेक वादे किए, लेकिन किया कुछ नहीं। इसलिए अब जनता अपने-आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है। इसलिए इनके नौ विधायक छोड़कर आ गए।
यह अपने आपमें दिखाता है कि एक साल में किसी सरकार से मोह भंग हुआ तो वह कांग्रेस सरकार है। पिछली बार जब भाजपा आई तो प्वांइट नौ प्रतिशत वोट का अंतर था। हमें जनता ने दिल खोलकर वोट दिया। मात्र प्वांइट नौ प्रतिशत पर हमारी सरकार नहीं आ पाई और अब देखिए उससे बड़ी ताकत के साथ इस लोकसभा चुनाव को जीतेंगे।प्रश्न - मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री आपके संसदीय क्षेत्र से हैं, क्या आपने रणनीति बदली है?उत्तर - मैं अपने काम को लेकर, मोदी सरकार के काम को लेकर, अपनी और मोदी की साफ छवि को लेकर जनता के बीच जाता हूं। हमारे पहले भी यही रणनीति थी और अब भी वही रणनीति है। हम अपने कर्मठ कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लड़ते हैं और जनता का आशीर्वाद सदा पाते हैं। इस बार भी यही करेंगे। जहां तक मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री की बात है तो इनकी सरकार की अलोकप्रियता, अविश्वसनीयता और गिरता हुआ ग्राफ मेरे लिए एडवंटिज हैं, हमीरपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र के लिए।प्रश्न - राज्यसभा चुनाव के बाद कांग्रेस से आए लोगों के कारण धूमल साहब के समर्थकों के टिकट कटे हैं, इसके असर पर क्या कहेंगे?उत्तर - सारे ही धूमल जी के समर्थक हैं, जिनको पिछली बार मिला था और जिन्हें नहीं मिला, वे भी। हम पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जिसके पास कमल है, वह हमारी पार्टी का कार्यकर्ता है और हमारी पार्टी का उम्मीदवार है। इसमें कोई व्यक्ति न तो अनुराग का है, न किसी और का, न धूमल जी का, सब पार्टी के हैं, क्योंकि जिसके पास कमल है, वह पार्टी का है।प्रस्न - आप चार बार के सांसद हैं। अब पांचवीं बार मैदान में हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के विकास के लिए अब क्या योजना है?उत्तर - विकास एक निरंतर प्रक्रिया है। जब केंद्र में तीसरी बार नरेन्द्र मोदी की सरकार बनेगी तो हिमाचल में और नए व बड़े प्रोजेक्ट लाने पर काम करेंगे। हमने पहले भी सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन व खेल के क्षेत्र में बड़ी योजनाओं पर काम किया है। हरोली में 3.20 करोड़ रुपये से फुटबॉल स्टेडियम बनने जा रहा है। इस मैदान में राष्ट्रीय स्तर के मैच होंगे और इसकी स्वीकृति मिल चुकी है। सांसद के रूप में शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार, खेलकूद और सांसद मोबाइल स्वास्थ्य योजनाओं पर काम किया है। आगे भी इनके साथ नई योजनाओं को विस्तार दिया जाएगा।प्रश्न - बीते कुछ वर्षों में इंटरनेट मीडिया के कई मंचों पर देश विरोधी सामग्री देखी गई है, कुछ ऐसी भी जो सामाजिक मर्यादाओं को लांघती दिखी। ऐसे तत्वों पर नकेल कसने में आप बतौर सूचना एवं प्रसारण मंत्री कितने सफल रहे?उत्तर - हमने समय-समय पर कार्रवाई की है। कई ऐसे पोर्टल बंद किए हैं। कुछ का एजेंडा देश का विरोध था और कुछ अश्लीलता फैला रहे थे। मोदी सरकार ने इस विषय में इतनी संजीदगी और तन्मयता दिखाई है कि ऐसा किसी और सरकार के कार्यकाल में नहीं हो सका।प्रश्न - सांसद स्वास्थ्य योजना के बजाय अस्पतालों की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर नहीं देना चाहिए क्या?उत्तर - हमने नए अस्पताल भी बनाए हैं। ऊना में करोड़ों रुपये से जच्चा-बच्चा अस्पताल बनवाया। ऊना में ही 450 करोड़ रुपये से पीजीआई सेटेलाइट सेंटर का निर्माण हो रहा है। मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग कालेज हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में खोले हैं। इसी क्षेत्र में 1762 करोड़ रुपये से बिलासपुर में एम्स भी लेकर आए।प्रश्न - पिछले 10 साल से आप, यानी भाजपा सत्ता में है। प्रदेश व देश में क्या बदलाव देखते हैं। प्रदेश सरकार भेदभाव का आरोप लगाती है, इस पर क्या कहना है?उत्तर - डबल इंजन की सरकार का सदैव लाभ होता है। जहां पर दोनों जगह भाजपा की सरकारें हैं, वहां तेजी से प्रदेश का विकास व गरीबों का कल्याण होता है। मोदी सरकार के कार्यकाल में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। जैसे ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, विकास कार्य ठप हो गए। हरोली में दो हजार करोड़ रुपये का बल्क ड्रग पार्क दिया, लेकिन प्रदेश सरकार कुछ नहीं कर रही है।प्रश्न - आज विश्व मानचित्र पर छाए धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम ने ऐसा दौर भी देखा है जब कांग्रेस सरकार ने रातों-रात ताले लगाए थे। कई कोर्ट केस भी हुए, लेकिन आपने इस स्टेडियम को खास बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। नतीजा सबके सामने है। ऐसा कोई और स्टेडियम बनेगा?उत्तर - हंसते हुए....हर जगह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम नहीं बन सकते हैं। बनाने का प्रयास भी करें तो जो बैकड्राप धर्मशाला स्टेडियम की है, वह कहां से लाएंगे। हम हमीरपुर में नेशनल सेंटर आफ एक्सीलेंस का निर्माण करने जा रहे हैं, जिसमें 200 करोड़ रुपये खर्च आएगा। उसमें कई तरह की खेल सुविधाएं होंगी और वहां पर खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए जाएंगे।ये भी पढ़ें- S Jaishankar Interview: 'देश में मजबूत नेता और स्थिर सरकार जरूरी', लोकसभा चुनाव न लड़ने की बताई ये वजह, पढ़िए एस जयशंकर से खास बातचीत
प्रश्न - ऊना-हमीरपुर रेललाइन आपका ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रदेश में भाजपा के साथ केंद्र की सरकार भी रही। आपके पिताजी भी मुख्यमंत्री रहे। आप केंद्र में मंत्री भी हैं, फिर क्या अड़चन है आपके ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में? आप मानते हैं कि इसमें कहीं कमी रह गई है?उत्तर - रिकॉर्ड समय के भीतर इस रेल लाइन का सर्वेक्षण करवाया। जो खर्च पहले ज्यादा नजर आ रहा था, उसे कम करवाया, लेकिन यदि प्रदेश सरकार अपने हिस्से का पैसा नहीं देगी तो प्रोजेक्ट शुरू कैसे होगा। बिलासपुर वाली रेललाइन पर भी प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से की राशि नहीं दी। इससे आज मुश्किल पेश आती है। जब हिमाचल अपने हिस्से का पैसा नहीं देगा तो नए प्रोजेक्ट कैसे आएंगे। सच यह है कि केंद्र पर राजनीतिक मजबूरी के चलते आरोप लगाना आसान है, अपनी गलतियों को न राज्य सरकार जब चीन्हती ही नहीं, तो उन्हें स्वीकार करने का तो सवाल ही नहीं।प्रश्न - हिमाचल सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है, जिसे आप चुनाव में भुनाना चाहेंगे?उत्तर - प्रदेश में कांग्रेस सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई है, न ही इनके इरादे नेक हैं। ठंडी व निकम्मी कांग्रेस सरकार विकास के मोर्चे पर पूरी तरह असफल रही है।प्रश्न - पिता जी से ऐसा क्या सीखा जो आज तक काम आया या आगे भी आएगा?उत्तर - कोई भी बच्चा अपने पिता से पूरा जीवन सीखता है पर जहां तक राजनीति की बात है, उन्होंने सिखाया कि हमेशा जनता के बीच रहना, जनता के लिए काम करना और जनता के आशीर्वाद से आगे बढ़ते रहना।ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी दे चुके हैं संकेत
प्रश्न - ऊना-हमीरपुर रेललाइन आपका ड्रीम प्रोजेक्ट है। प्रदेश में भाजपा के साथ केंद्र की सरकार भी रही। आपके पिताजी भी मुख्यमंत्री रहे। आप केंद्र में मंत्री भी हैं, फिर क्या अड़चन है आपके ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा होने में? आप मानते हैं कि इसमें कहीं कमी रह गई है?उत्तर - रिकॉर्ड समय के भीतर इस रेल लाइन का सर्वेक्षण करवाया। जो खर्च पहले ज्यादा नजर आ रहा था, उसे कम करवाया, लेकिन यदि प्रदेश सरकार अपने हिस्से का पैसा नहीं देगी तो प्रोजेक्ट शुरू कैसे होगा। बिलासपुर वाली रेललाइन पर भी प्रदेश सरकार ने अपने हिस्से की राशि नहीं दी। इससे आज मुश्किल पेश आती है। जब हिमाचल अपने हिस्से का पैसा नहीं देगा तो नए प्रोजेक्ट कैसे आएंगे। सच यह है कि केंद्र पर राजनीतिक मजबूरी के चलते आरोप लगाना आसान है, अपनी गलतियों को न राज्य सरकार जब चीन्हती ही नहीं, तो उन्हें स्वीकार करने का तो सवाल ही नहीं।प्रश्न - हिमाचल सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है, जिसे आप चुनाव में भुनाना चाहेंगे?उत्तर - प्रदेश में कांग्रेस सरकार झूठे वादे करके सत्ता में आई है, न ही इनके इरादे नेक हैं। ठंडी व निकम्मी कांग्रेस सरकार विकास के मोर्चे पर पूरी तरह असफल रही है।प्रश्न - पिता जी से ऐसा क्या सीखा जो आज तक काम आया या आगे भी आएगा?उत्तर - कोई भी बच्चा अपने पिता से पूरा जीवन सीखता है पर जहां तक राजनीति की बात है, उन्होंने सिखाया कि हमेशा जनता के बीच रहना, जनता के लिए काम करना और जनता के आशीर्वाद से आगे बढ़ते रहना।ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी, पीएम मोदी दे चुके हैं संकेत