उत्तराखंड में भाजपा के टिकट फाइनल, केंद्रीय नेतृत्व से एलान होना बाकी
भाजपा खेमे से राज्य की पांचों लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम करीब-करीब फाइनल हो चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व से इनके नाम का एलान होना बाकी है।
By Edited By: Updated: Wed, 20 Mar 2019 10:30 AM (IST)
देहरादून, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण के चुनाव की प्रक्रिया को शुरू हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन भाजपा खेमे से राज्य की पांचों लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों अभी एलान नहीं हो पाया है। हालांकि, पार्टी सूत्रों की मानें तो प्रत्याशियों के नाम करीब-करीब फाइनल हो चुके हैं। केंद्रीय नेतृत्व से इनके नाम का एलान होना बाकी है। चर्चा है कि तीन सीटों हरिद्वार, अल्मोड़ा व टिहरी में मौजूदा सांसदों पर ही भरोसा जताया गया है, जबकि पौड़ी और अल्मोड़ा में नए प्रत्याशी उतारे जाएंगे।
भाजपा के प्रांतीय नेतृत्व की ओर से राज्य में तीन दौर के सर्वे के बाद प्रत्याशियों का पैनल 15 मार्च को केंद्रीय नेतृत्व को सौंप दिया गया था। इसमें 17 संभावित दावेदारों के नाम थे। 16 मार्च को दिल्ली में हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन पर चर्चा भी हुई। तब उम्मीद जताई जा रही थी कि इसी दिन देर रात तक नामों का एलान हो जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ।पार्टी ने राज्य में प्रत्याशियों चयन को लेकर फिर से बैठने का निश्चय किया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दो दौर की बैठक में विमर्श के बाद प्रत्याशियों के नामों पर करीब-करीब सहमति बन गई। चर्चा है कि हरिद्वार सीट से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक, टिहरी से माला राज्यलक्ष्मी शाह और अल्मोड़ा से अजय टम्टा पर ही प्रत्याशी हो सकते हैं। तीनों ही वर्तमान में इन सीटों से सांसद हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी और भगत सिंह कोश्यारी के चुनाव न लड़ने के एलान के बाद इन सीटों पर प्रत्याशी चयन के लिए पार्टी को खासी मशक्कत करनी पड़ी है। चर्चा है कि पौड़ी सीट पर राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत और नैनीताल सीट पर प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट को प्रत्याशी बनाया जाना लगभग तय है। बताया जा रहा कि पौड़ी से तीरथ सिंह रावत के नाम का सुझाव पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने दिया था। हालांकि, पार्टी ने इस सीट के लिए कर्नल अजय कोठियाल (सेनि) के नाम पर भी विचार किया, मगर बदली परिस्थितियों में तीरथ सिंह रावत के नाम पर अंतिम सहमति बनी। चर्चा है कि नैनीताल सीट के लिए प्रदेश अध्यक्ष भट्ट कभी हां और कभी ना कहते रहे, मगर बाद में उन्होंने भी हामी भर दी।