Lok Sabha Election: कम मतदान से भाजपा-कांग्रेस चिंतित, चुनावी रणनीति में किया परिवर्तन; विधायकों को सौंपी ये जिम्मेदारी
पहले और दूसरे चरण में शामिल 12 लोकसभा सीटों पर कम मतदान होने से चिंतित भाजपा-कांग्रेस ने रणनीति में परिवर्तन किया है। भाजपा ने पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों के साथ मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाताओं को घर से निकालने की जिम्मेदारी दी है। वहीं कांग्रेस ने बूथ स्तर पर बनाई टोलियों को सक्रिय किया है। उधर चुनाव आयोग भी कम मतदान को लेकर चिंतित है।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। पहले और दूसरे चरण में शामिल 12 लोकसभा सीटों पर कम मतदान होने से चिंतित भाजपा-कांग्रेस ने रणनीति में परिवर्तन किया है। भाजपा ने पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों के साथ मंत्रियों और विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाताओं को घर से निकालने की जिम्मेदारी दी है।
वहीं, कांग्रेस ने बूथ स्तर पर बनाई टोलियों को सक्रिय किया है। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, युवा कांग्रेस और एनएसयूआइ को मतदान से एक दिन पहले मतदाताओं से घर-घर संपर्क करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने एक और सात मई को बूथ चलें अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसमें प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाता जागरूकता के कार्यक्रम किए जाएंगे।
इन जगहों पर हो चुका है मतदान
प्रदेश में सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र में मतदान हो चुका है। 2019 की तुलना में पहले चरण की सीटों पर 7.48 और दूसरे चरण में 9.6 प्रतिशत मतदान कम रहा। कम मतदान को लेकर भाजपा ने निर्णय लिया कि पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रमुखों के साथ मंत्रियों और विधायकों को सक्रिय किया जाए।मतदाताओं से मतदान करने का आग्रह करें
मतदान केंद्र स्तर पर केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से संपर्क कर उन्हें मतदान के लिए प्रेरित किया जाए। मतदान के दिन पूरी टीम सक्रिय रहे और जिन क्षेत्रों में कम मतदान की सूचना प्राप्त हो, वहां टीम घर-घर जाए और मतदाताओं से मतदान करने का आग्रह करें।वहीं, कांग्रेस ने बूथ स्तरीय टोलियों को सक्रिय किया है। जिन क्षेत्रों में मतदान हो चुका है, वहां के विधायक और उम्मीदवारों को दूसरे क्षेत्रों में दौरा करके कार्यकर्ताओं को प्ररित करने के लिए कहा है। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ समेत मोर्चा-प्रकोष्ठों को उम्मीदवारों से संपर्क कर उनके द्वारा बताए जाने वाले मतदान केंद्रों पर सक्रियता बढ़ाने, न्याय गारंटियों को घर-घर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव आयोग भी चिंतित
उधर, चुनाव आयोग भी कम मतदान को लेकर चिंतित है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कलेक्टरों के साथ बैठक कर चुके हैं। तीसरे और चौथे चरण में जिन 17 लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव होना हैं, उनमें चलें बूथ की ओर अभियान चलाने का निर्णय लिया है। एक मई को बैतूल, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, गुना, सागर, विदिशा, भोपाल और राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र के 20 हजार 456 मतदान केंद्रों पर यह अभियान चलाया जाएगा।
वहीं, सात मई को चौथे चरण के देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन, खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 18,007 मतदान केंद्रों पर यह अभियान चलेगा। इसमें मतदाता जागरूकता दल प्रत्येक मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान में भाग लेने के लिए मतदाताओं को प्रेरित करने का काम करेंगे।