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160 संसदीय सीटों पर भाजपा की खास निगाहें, लोकसभा चुनाव में आजमा सकती है मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ की रणनीति

Lok Sabha Elections 2024 चुनाव की घोषणा से पहले प्रत्याशियों के एलान की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की रणनीति भाजपा लोकसभा में भी मुश्किल सीटों पर आजमा सकती है। इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों की कमान संभालने वाले भाजपा के रणनीतिकार गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार चुनाव की घोषणा के पहले प्रत्याशियों को उतारने का फैसला किया।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sat, 07 Oct 2023 08:57 PM (IST)
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160 संसदीय सीटों पर भाजपा की खास निगाहें (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव की घोषणा से पहले प्रत्याशियों के एलान की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की रणनीति भाजपा लोकसभा में भी मुश्किल सीटों पर आजमा सकती है। इन दोनों राज्यों के विधानसभा चुनावों की कमान संभालने वाले भाजपा के रणनीतिकार गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार चुनाव की घोषणा के पहले प्रत्याशियों को उतारने का फैसला किया।

लोकसभा की 160 सीटें कभी नहीं जीत पाई है BJP

लोकसभा की 160 सीटें ऐसी हैं, जिन्हें भाजपा कभी नहीं जीत पाई है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी को इनमें जीत हासिल करने का लक्ष्य दिया है। सांसदों को विधानसभा की मुश्किल सीटों पर उतारने का काम भाजपा पहले भी करती रही है। त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक को उतारा था। इस बार मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में तीन मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतारा गया है।

78 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान कर चुकी है BJP

अब तक भाजपा छत्तीसगढ़ में 90 सीटों में से 21 और मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 78 पर प्रत्याशियों का एलान कर चुकी है। इनमें एकाध को छोड़कर सभी हारी हुई सीटें हैं। चुनाव की घोषणा के पहले प्रत्याशियों का एलान भाजपा के लिए नई रणनीति है और पार्टी को इसके परिणाम का इंतजार है।

एमपी और छत्तीसगढ़ में मिली सफलता तो दूसरे राज्यों में दोहरा सकती है रणनीति

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में इसकी सफलता के बाद निश्चित रूप से आगामी चुनावों में इसे दोहराया जा सकता है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं, जिसमें भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार जीत के लिए मैदान में उतरेगी। ऐसे में अभी तक हारी हुए 160 सीटों पर इस रणनीति को आजमाया जा सकता है।

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भाजपा ने वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं सौंपी जिम्मेदारी

दरअसल, इन सीटों पर फतह के लिए भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद ही कोशिश शुरू कर दी थी। इसके लिए वरिष्ठ केंद्रीय नेताओं को अलग-अलग सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन सीटों के व्यापक दौरे और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद पार्टी के लिए संभावनाओं व रणनीति की रिपोर्ट भी केंद्रीय नेतृत्व को मिल चुकी है। एक तरह से इन 160 सीटों पर फतह का पूरा रोडमैप तैयार हो चुका है।

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