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Election 2024: आदिवासी जन-मन पर बढ़ती जा रही भाजपा की पकड़, 47 लोकसभा सीटों पर असर डालेगी केंद्र की PMJMY योजना

प्रधानमंत्री ने जनजातीय समूहों के लिए 24 हजार करोड़ रुपये के एक मिशन- पीएम जन मन योजना (पीएमजेएमवाई) का एलान किया था जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह पूरे देश में आदिवासी समुदायों के जीवनस्तर को बदल देगा क्योंकि यह कोई एक योजना नहीं बल्कि नौ वर्टिकल पर आधारित कार्यक्रम है। इसमें शिक्षा रोजगार स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे से लेकर डिजिटल जैसी मौजूदा अपेक्षाओं का नेटवर्क शामिल है।

By Jagran News Edited By: Amit Singh Updated: Thu, 07 Mar 2024 04:06 AM (IST)
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70 प्रतिशत सीटें 2014 और 2019 में भाजपा ने जीतीं जो आदिवासियों के लिए आरक्षित थीं।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। पिछले साल 15 नवंबर को जनजातीय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के खूंटी में जनसभा को संबोधित करते हुए आदिवासी समुदायों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए योजनाओं की एक पूरी श्रृंखला की घोषणा की थी।

जनजातीय गौरव दिवस झारखंड के उन महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह झारखंड का स्थापना दिवस भी है और संथाल परगना क्षेत्र में मुंडा जनजातीय समूह की सर्वोच्च प्रेरणा बिरसा मुंडा की जयंती मनाने का अवसर भी।

नौ वर्टिकल पर आधारित कार्यक्रम का एलान

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कमजोर जन जातीय समूहों की सहायता के लिए 24 हजार करोड़ रुपये के एक बड़े मिशन- पीएम जन मन योजना (पीएमजेएमवाई) का एलान किया था, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह पूरे देश में आदिवासी समुदायों के जीवनस्तर को बदल देगा, क्योंकि यह कोई एक योजना नहीं, बल्कि नौ वर्टिकल पर आधारित कार्यक्रम है।

इसमें शिक्षा, रोजगार ( कौशल विकास), स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे से लेकर डाटा व डिजिटल जैसी मौजूदा अपेक्षाओं का नेटवर्क शामिल है। एक आकांक्षी समुदाय की सहायता के लिए की गई यह पहल लोकसभा चुनाव में पूरे देश के आदिवासी समुदाय का भाजपा के प्रति भरोसा बढ़ा सकती है। इसलिए और भी, क्योंकि आदिवासी समुदाय से आने वालीं द्रौपदी मुर्मु को राष्ट्रपति बनाकर मोदी सरकार और भाजपा पहले ही अपने इरादे दर्शा चुकी है।

आरक्षित सीटों पर भाजपा का दबदबा

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित 47 सीटों में लगभग 70 प्रतिशत भाजपा के पास हैं। 1991-92 से भाजपा का आदिवासी समुदायों में वोट और सीट प्रतिशत का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। 2014 में भी आदिवासी समुदाय का बहुत वाला समर्थन उसके पास था, जो 2019 के आम चुनाव में 10 प्रतिशत तक और बढ़ गया।

ज्यादातर राज्यों में भाजपा की पकड़ मजबूत

आदिवसी समुदाय के लिए आरक्षित 47 सीटों में सबसे अधिक छह सीटें मध्य प्रदेश में हैं, जहां भाजपा ने हाल के विस चुनावों में सभी दलों का लगभग सफाया ही कर दिया है । यही स्थिति छत्तीसगढ़ (चार) की भी है। यहां भी भाजपा ने लगभग सभी क्षेत्रों में बढ़त हासिल की है, जिसमें आदिवासी इलाके भी शामिल हैं।

झारखंड (पांच सीटें) में भाजपा पहले से दबदबा बनाए है और अपने लिए मुश्किल मान रही सीट में गीता कोड़ा को लाने के बाद जीत की क्षमता के अपने फैक्टर को दुरुस्त कर चुकी है। उसे गुजरात (चार), महाराष्ट्र (चार) और राजस्थान (तीन) में भी कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए।