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I.N.D.I गठबंधन कितनी सीटें जीतेगा? सुधांशु त्रिवेदी ने दिया यह जवाब, पढ़िए 10 किलो राशन के वादे और संविधान बदलने के आरोप पर क्या कहा

Lok Sabha Election 2024 डॉ. सुधांशु त्रिवेदी का कहना है कि भारत में झूठा इतिहास पढ़ाया गया है। जो हमारे दुश्मनों ने लिखा देश के लुटेरों ने लिखा उस इतिहास को प्रामाणिक मानते रहे। हम गुलामी की मानसिकता को खत्म कर विकसित राष्ट्र का निर्माण कर रहे। इसी के साथ वह विपक्ष पर भी हमलावर होते हैं। पढ्एि डॉ. सुधांशु त्रिवेदी से जागरण की बातचीत...

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Mon, 20 May 2024 03:05 PM (IST)
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Lok Sabha Chunav 2024: दैनिक जागरण से भाजपा के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी की बातचीत।
आनंद मिश्र, लखनऊ। भारतीय इतिहास और संस्कृति के विद्वान डॉ. सुधांशु त्रिवेदी देश के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर बेबाकी से राय रखते हैं। वह कहते हैं कि भारत में झूठा इतिहास पढ़ाया गया है। जो हमारे दुश्मनों ने लिखा, देश के लुटेरों ने लिखा, उस इतिहास को प्रामाणिक मानते रहे। हम गुलामी की मानसिकता को खत्म कर विकसित राष्ट्र का निर्माण कर रहे। इसी के साथ वह विपक्ष पर भी हमलावर होते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के शीर्ष नेताओं के दावों में भ्रम और छलावा अधिक है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य डॉ. सुधांशु त्रिवेदी के लखनऊ प्रवास के दौरान दैनिक जागरण ने विशेष बातचीत की ...

सवाल: चार चरणों का मतदान हो चुका है, पांचवां चल रहा है। एनडीए को आप कहां पाते हैं?

जवाब- गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि चार चरणों के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए 270 के आसपास पहुंच गया है। हम बहुमत के करीब पहुंच गए हैं। अगले तीन चरणों में जो हमारा लक्ष्य है 400 पार। हमें पूर्ण विश्वास है कि हम वह लक्ष्य पाने में सफल होंगे।

सवाल: उत्तर प्रदेश में विपक्ष दल चुनाव में तरह-तरह के दावे कर रहे हैं?

जवाब- इनके नेताओं के राजनीतिक स्टैंड को देख लीजिए, दावों की तस्वीर खुद-ब-खुद साफ हो जाएगी। यूपी में विपक्ष में सबसे बड़ा दल समाजवादी पार्टी है। सपा कन्नौज को अपने परिवार की सीट मानती है। अब वहीं से यदि अखिलेश को बुलाने की मांग उठती है तो अनुमान लगा लीजिए कि पूरे उत्तर प्रदेश में वह कितनी सीट निकाल सकते हैं।

अब आइए कांग्रेस पर, जो कह रही है उसमें लेशमात्र भी सत्य का आधार होता तो क्या राहुल गांधी अमेठी छोड़कर जाते? पिछले लोकसभा चुनाव में एक ही सीट जीती थी कांग्रेस ने रायबरेली, उसी सीट पर वो गए। इन दोनों दलों के सर्वोच्च नेता ही जीत का आत्मविश्वास नहीं रख पा रहे हैं। उनके दावे भ्रम और छलावा हैं।

सवाल: लेकिन गठबंधन तो आपको 140-200 सीटों के बीच समेट रहा है, इस पर आपका क्‍या कहना है? 

जवाब- देखिए, वहां भी बड़ी मजेदार बात है। पहले अखिलेश यादव ने 140 बोला। राहुल गांधी पहले बोल रहे थे 180, फिर बोले 150। प्रियंका ने कहा 185-190 तो ममता बनर्जी ने बोला 195 से 200 और केजरीवाल ने 230। (हंसते हुए) अब आप यह समझिए, यह गठबंधन वाले संख्या में एकमत नहीं हो पा रहे हैं, तो नेतृत्व में क्या खाकर एकमत होंगे। वे केवल हवाबाजी कर रहे हैं और जनता ये अच्‍छे से जानती है। 

सवाल: कांग्रेस ने अब दस किलो राशन की बात कही है, इसे कैसे देखते हैं आप?

जवाब- जो लंबे समय तक सत्ता में रहे, आज यह एलान करें तो ढपोरशंखी दावे नजर आते हैं। क्या ये हिमाचल व कर्नाटक में दस किलो राशन दे रहे हैं। पांच हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही, क्या छत्तीसगढ़ में दिया था? भारत की राजनीति में राजनीतिज्ञों के लिए विश्वसनीयता का संकट ऐसी ही पार्टी और नेताओं के आचरण की वजह से होता है।

सवाल: विपक्ष भाजपा पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाता है?

जवाब- अचानक कर्नाटक की सरकार ने क्यों कहा कि हम मुसलमानों को आरक्षण देंगे। इससे पहले जून 2006 में कांग्रेस पार्टी ने सरकार में रहते हुए यह कहा था कि योजनाओं में 15 प्रतिशत आवंटन मुस्लिमों के लिए लाएंगे। फर्रुखाबाद में उनकी नेता वोट जिहाद की बात कर रहीं। चुनाव तो भारत में हो रहा है। सांप्रदायिकता का विषय कांग्रेस लेकर आती है। इनकी मजबूरी है। ये विकास और यथार्थ के मुद्दों पर राजनीति नहीं कर सकते हैं।

सवाल: विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भाजपा संविधान बदल देगी?

जवाब- हमने कभी कहा ही नहीं संविधान बदलने को। जब किसी को हार अवश्यंभावी दिखने लगे तो दुष्प्रचार के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। आप धर्म के आधार पर अनेक जगहों पर आरक्षण देने की बात कर रहे हैं और कर्नाटक में दे रहे हैं। ...तो संविधान का आधार कौन ध्वस्त कर रहा है?

सवाल: आप अक्सर कहते रहे हैं कि भारत में इतिहास लेखन को विकृत किया गया। अपनी बारी आने पर आपने क्या किया?

जवाब- देखिए, भारत में झूठा इतिहास पढ़ाया गया और लुटेरों का इतिहास पढ़ाया गया। जो हमारे दुश्मनों ने लिखा, देश के लुटेरों ने लिखा, उस इतिहास को प्रामाणिक मानते रहे। हम गुलामी की मानसिकता को खत्म कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अमृत काल में जो पांच प्रण बताए, उसमें पहला प्रण है भारत को विकसित राष्ट्र बनाना और दूसरा प्रण है कि गुलामी की मानसिकता को दूर करना।

सवाल: सरकार एक तरफ 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालने का दावा करती है। दूसरी ओर 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, इस पर आप क्‍या कहेंगे?

जवाब-हमारे विरोधी तर्क देते हैं कि 80 करोड़ लोगों को राशन दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर हम उनको किसी एक चीज से निजात देने में सफल हुए हैं तो वे अपनी आय से अपने जीवन स्तर को ऊपर उठाने के किसी दूसरे पहलू पर पैसा खर्च करने की स्थिति में हैं। इंदिरा गांधी ने 1970 में नारा दिया था गरीबी हटाओ का और 2013 में आप फूड सिक्योरिटी एक्ट लाए यानि आप अपने मुंह से 2013 में कह रहे हैं कि दो तिहाई लोगों को भोजन की जरूरत है।

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सवाल: यूपी में रालोद, सुभासपा जैसी पार्टी से भाजपा को कितना फायदा होगा? बसपा के अकेले चुनाव लड़ने से क्या भाजपा का हित सध रहा है?

जवाब - देखिए, कौन पार्टी क्या निर्णय ले रही है, यह उनका अंदरूनी मामला है। परंतु हम इतना जरूर कह सकते हैं कि पिछली बार सपा-बसपा साथ थे और उसके बावजूद हम 60 से अधिक सीटें जीतने में सफल हुए। इस बार यह सहज समझा जा सकता है कि चुनाव परिणाम क्या होंगे।

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याद कीजिए पिछली बार यूपी में कौन हमें 60 सीटें दे रहा था, कुछ लोग तो 20-25 में निपटाए दे रहे थे। 2014 में कौन हमें 73 सीटें दे रहा था। 40-42 दे रहे थे। आश्वस्त रहिए, इस बार भी पिछली बार से कहीं अधिक सीटें प्राप्त होंगी।

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