Lok Sabha Election 2024: भाजपा का जोर चौतरफा, कांग्रेस का फोकस गांवों पर, जानिए छत्तीसगढ़ की इन सीटों का समीकरण
Chhattisgarh Lok Sabha Election 2024 छत्तीसगढ़ के रण में रायगढ़ और सरगुजा की लड़ाई भी अहम है। रायगढ़ में भाजपा के राधेश्याम राठिया के मुकाबले कांग्रेस से डॉ. मेनका देवी सिंह मैदान में हैं। वहीं सरगुजा में भाजपा के चिंतामणि महाराज का मुकाबला कांग्रेस की शशि सिंह से है। जानिए दोनों सीटों पर भाजपा और कांग्रेस कैसे दे रहे हैं चुनावी अभियान को धार।
विकाश चन्द्र पाण्डेय, अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भाजपा के राधेश्याम राठिया के मुकाबले सारंगढ़ राजघराने की राजकुमारी डॉ. मेनका देवी सिंह कांग्रेस का झंडा उठाए हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय यहां से चार बार सांसद रह चुके हैं। पिछली बार गोमती साय विजयी रही थीं, जो मात्र 255 वोटों के अंतर से पत्थलगांव से विधायक चुनी जा चुकी हैं।
वहीं सरगुजा में बड़ी पहुंच-पहचान वाले भाजपा के चिंतामणि महाराज का मुकाबला कांग्रेस की शशि सिंह से है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर चिंतामणि भाजपा में आए थे। प्रदेश में सबसे कम उम्र की दलीय प्रत्याशी शशि भारत जोड़ो यात्रा में सहभागिता से राहुल गांधी की विश्वास-पात्र बनीं।
जीतने की ललक में अंतर
कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ में अपनी दो सीटें (बस्तर और कोरबा) हैं, जबकि भाजपा के लिए उन दो सीटों को जीते बिना उसका चार सौ पार वाला अभियान सफल नहीं होने वाला। लड़ने और जीतने की ललक-लालसा का यह अंतर शहर से गांव तक हर जगह दिख रहा। रायगढ़ में रात आठ बजे ही कांग्रेस के जिला कार्यालय पर ताला लटक गया था, जबकि दो मंजिल वाला भाजपा का कार्यालय गुलजार था।यह तर्क हो सकता है कि भाजपा की सक्रियता का कारण अगले दिन मुख्यमंत्री की जनसभा थी, लेकिन अगले दिन रायगढ़ से जसपुर और जसपुर से अंबिकापुर तक कांग्रेस का न तो कोई प्रचार वाहन दिखा और न ही किसी नेता-कार्यकर्ता से भेंट-मुलाकात हुई। अलबत्ता इस रास्ते में भाजपा की प्रचार टोली अपनी एक और जीत के लिए प्रतिबद्ध दिखी।
अजेय रही भाजपा
11 संसदीय क्षेत्रों वाले छत्तीसगढ़ में यह अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित रायगढ़ और सरगुजा की वस्तुस्थिति है, जहां राज्य गठन के बाद से भाजपा आज तक नहीं हारी। लगभग चार सौ किलोमीटर की इस दूरी में टंगे झंडों में लगभग आधे बजरंग बली के पताके हैं। शेष 50 प्रतिशत में भाजपा के झंडों की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है।बताना आवश्यक नहीं कि बचे झंडे कांग्रेस के हैं। विभिन्न वेश-भूषा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बड़े-बड़े होर्डिंग भी भाजपा की सक्रियता की हुंकारी भर रहे। मनोरा ब्लाक में चना-चबेना बेचकर गुजर-बसर करने वाले राजेश प्रजापति जैसे इसका गूढ़ रहस्य समझा रहे हों। कांग्रेस की माली हालत पहले जैसी नहीं रही। प्रचार में पिछड़ने का यही कारण है।