Chunavi Kisse: जब नरेन्द्र मोदी की रैली में फटे बम, एक के बाद एक धमाके और....
Lok Sabha Election 2024 भाजपा ने नरेन्द्न मोदी को 2013 में पहली बार प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। उस वक्त उनकी लोकप्रियता चरम पर थी। चुनावी अभियान में वह एक के बाद एक रैलियां कर रहे थे और उसमें लोगों की बड़ा संख्या में भीट जुटती थी। इसी दौरान एक रैली में कुछ ऐसा वाकया हुआ जिसने उस वक्त पूरे देश में दहशत फैला दी थी।
जेएनएन, नई दिल्ली। पटना के गांधी मैदान में रैली हो रही थी। मंच पर लोग भाषण दे रहे थे, लेकिन जहां भीड़ थी वहां पीछे कहीं धुआं उठा, पटाखे जैसी आवाज आई तो तुरंत लोगों को समझ नहीं आया। मंच पर खड़े नेताओं ने लोगों को काबू करने के लिए बोल दिया कि खुशी में लोग पटाखे फोड़ रहे हैं, लेकिन ऐसा था नहीं।
यह पटाखों की नहीं बम की आवाज थी, पटना में उस दिन लगातार बम फट रहे थे और इन बमों की आवाज के बीच भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने उस रैली को संबोधित किया था। उस समय नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता चरम पर थी, लोग उन्हें सुनना चाहते थे।
सुबह से जुटने लगी थी भीड़
ऐसे में गांधी मैदान सुबह 10 बजे से ही खचाखच भरने लगा था, लेकिन तब किसी को मालूम नहीं था कि आगे क्या होने वाला है। जब गांधी मैदान में भीड़ आने लगी तो मंच से कोई ना कोई नेता भाषण दे रहा था, नरेन्द्र मोदी के आने में समय था।ये भी पढ़ें- Chunavi Kissa: जब एक ही सीट से लड़ गए थे 48 प्रत्याशी, 44 की जमानत जब्त, इस कद्दावर नेता को मिली थी जीत
उसी समय पटना के रेलवे स्टेशन पर एक धमाका हुआ, जो गलती से हुआ था। उस वक्त बिहार के डीजीपी रहे अभयानंद ने एक इंटरव्यू में विस्तार से इस बारे में बताया था। रेलवे स्टेशन के दो बाथरूम में आतंकी बम लगा रहे थे, जब वे बम में टाइमिग सेट कर रहे थे उसी समय एक बम फट गया।
उसी समय पटना के रेलवे स्टेशन पर एक धमाका हुआ, जो गलती से हुआ था। उस वक्त बिहार के डीजीपी रहे अभयानंद ने एक इंटरव्यू में विस्तार से इस बारे में बताया था। रेलवे स्टेशन के दो बाथरूम में आतंकी बम लगा रहे थे, जब वे बम में टाइमिग सेट कर रहे थे उसी समय एक बम फट गया।
भारी पड़ी गलती
ये गलती आतंकियों की प्लानिंग पर भारी पड़ गई। उनका प्लान फेल हो गया। एक आतंकी वहीं घायल हो गया, दूसरे को बाहर पकड़ लिया गया। ये उस दिन हुए बम धमाकों की शुरुआत थी। इसके बाद पूरे दिन में कुल आठ धमाके हुए जिसमें से पांच तो गांधी मैदान के अंदर हुए थे। एनआईए कोर्ट ने मामले में वर्ष 2021 में फैसला सुनाया और कुल नौ आतंकियों को सजा हुई थी जिसमें से चार को फांसी, दो को उम्रकैद और बाकी को भी सजा सुनाई गई थी।
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