Chunavi Kissa: जब एक ही सीट से लड़ गए थे 48 प्रत्याशी, 44 की जमानत जब्त, इस कद्दावर नेता को मिली थी जीत
Lok Sabha Election 2024 Special उत्तर प्रदेश की इटावा लोकसभा सीट हमेशा से चर्चित सीटों में से एक रही है। इसका चुनावी इतिहास भी रोचक रहा है। यहां से 1991 का लोकसभा चुनाव भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है जब एक साथ 48 प्रत्याशी इस सीट से मैदान में थे लेकिन इनमें से जीत मिली थी एक खास नेता को।
राजीव शर्मा, इटावा। इटावा लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों का रोचक इतिहास रहा है। पिछले चुनावों में कई-कई प्रत्याशी मैदान में उतरे और अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन ज्यादातर प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए।
वर्ष 1991 का चुनाव तब और रोचक हो गया जब रिकार्ड 48 प्रत्याशियों ने दावा ठोंका। इस चुनाव की एक ऐतिहासिक बात यह रही कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम इटावा से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीते। उन्होंने 47 प्रत्याशियों को हराकर यह चुनाव जीता था।
स्थगित हो गया था चुनाव
कांशीराम ने उस समय भाजपा प्रत्याशी लाल सिंह वर्मा को 21,951 वोटों के अंतर से पराजित किया था। कांशीराम को 1,45,168 वोट मिले थे। इटावा में वर्ष 1991 का लोकसभा चुनाव हिंसा के चलते स्थगित कर दिया गया था।दोबारा उपचुनाव कराया गया तो एक साथ 48 प्रत्याशियों ने अपना दावा ठोंक दिया। बड़ी बात यह रही कि इनमें से सिर्फ चार प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा पाए। 33 प्रत्याशियों को तो तीन अंक में ही वोट मिले। वहीं, 1952 में सबसे कम तीन प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाई थी।
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चुनावों में उतरे इतने प्रत्याशी
- 1952 - 3
- 1957 - 9
- 1962 - 5
- 1967 - 9
- 1971 - 6
- 1977 - 6
- 1980 - 9
- 1984 - 9
- 1989 - 11
- 1991 - 48
- 1996 - 35
- 1998 - 14
- 1999 - 14
- 2004 - 14
- 2009 - 13
- 2014 - 10
- 2019 - 13