Chunavi Kissa: जब पूड़ी खाना छोड़ मतगणना केंद्र की ओर दौड़े प्रत्याशी, फिर किसके पक्ष में आया परिणाम?
Chunavi Kissa चुनावी किस्सों की सीरीज में हम आपको लगातार चुनाव से जुड़े दिलचस्प किस्सों से रूबरू कराते हैं। इसी कड़ी में आज हम आपको उस किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं जब एक प्रत्याशी पूड़ी खाना छोड़ मतगणना केन्द्र की ओर भागे थे। इससे चुनाव परिणाम में भी बड़ा असर हुआ था। प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं क्या थी पूरी घटना।
जेएनएन, आगरा। बात लगभग 40 साल पहले की है। उस समय फिरोजाबाद आगरा जिले में आता था। इसलिए मतगणना भी आगरा में ही होती थी। मतपत्रों से गिनती के कारण गणना 24 से 36 घंटे तक चलती थी। वर्ष 1985 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने रामकिशन ददाजू को पहली बार फिरोजाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया था।
जीत को लेकर थे आश्वस्त
जनता पार्टी के टिकट पर रघुवर दयाल वर्मा चुनाव लड़ रहे थे, जो बाद में वनमंत्री बने। जलेसर के पूर्व सांसद प्रो. ओमपाल सिंह निडर बताते हैं, आगरा में मतगणना का अंतिम दौर चल रहा था। रघुवर दयाल वर्मा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे। वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर पूड़ियां खा रहे थे।
ये भी पढ़ें- UP Lok Sabha Election 2024: ‘रक्षा मंत्री’ न ‘जनरल’, अब दांव पर साख, भाजपा लगाएगी चौका या विपक्ष रोक पाएगा विजय रथ?
मतगणना टेबल की ओर दौड़े
तभी पता चला कि उनकी अनुपस्थिति का लाभ उठाकर उन्हें हराने के प्रयास किए जा रहे हैं। निडर बताते हैं, मुझे ये बात पता चली तो मैं तुरंत उनके पास पहुंचा। मुझे देखते ही रघुवर दयाल वर्मा बोले-कहिए,मास्साब क्या हाल हैं। मैंने उनसे कहा कि वर्मा जी आप पूड़ियां खाते रहोगे तो हार जाओगे।
यह सुनकर वे पूड़ी छोड़ मतगणना टेबल की ओर दौड़ पड़े। इसके बाद मतगणना समाप्त होने तक डटे रहे। इसका परिणाम ये हुआ कि वह चुनाव जीत गए। ये मामला उन दिनों काफी चर्चा में रहा था।