Move to Jagran APP

लोकसभा चुनाव 2019 वार रूम: मोदी के दौरे से पहले प्रहार की तैयारी

लोकसभा चुनाव में 11 अप्रैल को मतदान की तारीख नजदीक आने से पहले मुद्दों की सियासत को चार्जशीट के जरिये गरमाने के लिए कांग्रेस ने जमीन तैयार कर दी है।

By Sunil NegiEdited By: Updated: Tue, 02 Apr 2019 09:57 AM (IST)
Hero Image
लोकसभा चुनाव 2019 वार रूम: मोदी के दौरे से पहले प्रहार की तैयारी
देहरादून, रविंद्र बड़थ्वाल। भाजपा भले ही एयर स्ट्राइक के बाद देश में बने माहौल का सियासी लाभ लेने की कोशिश करती दिख रही हो, लेकिन कांग्रेस की दिली चाहत सत्तारूढ़ दल को मुद्दों के कठघरे में खड़ा करने की है। लोकसभा चुनाव में 11 अप्रैल को मतदान की तारीख नजदीक आने से पहले मुद्दों की इस सियासत को चार्जशीट के जरिये गरमाने के लिए पार्टी ने जमीन तैयार कर दी है। 

पांच अप्रैल को भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दून का रुख करने से पहले कांग्रेस इस चार्जशीट बम का धमाका करने जा रही है। चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष पूर्व मंत्री नवप्रभात ने प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह को चार्जशीट सौंप दी है। चार्जशीट में केंद्रीय नेतृत्व की ओर उठाए जा रहे राफेल विमान सौदे, नोटबंदी और जीएसटी समेत तमाम मुद्दों के साथ लोकायुक्त बनाम भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस, कानून व्यवस्था, एनएच घोटाले और पिछली कांग्रेस सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की बंदी जैसे स्थानीय मुद्दों को उछालकर भाजपा को चुनाव मैदान में असहज करने की तैयारी है। 

कांग्रेस को उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में केंद्र की मोदी सरकार के पांच साल और राज्य की त्रिवेंद्र सिंह सरकार के दो साल के कार्यकाल की एंटी इनकंबेंसी का फायदा उसे मिलेगा। प्रमुख प्रतिपक्षी पार्टी की इस उम्मीद के रास्ते में बड़ी बाधा भाजपा की रणनीति बन गई है। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद देश में बने माहौल को भाजपा अपनी चुनावी रणनीति के मुफीद मान रही है। कांग्रेस अब बेहद सावधानी से एंटी इनकंबेंसी को असरदार बनाने के लिए मुद्दों के हथियार को धार दे रही है। लोकसभा चुनाव में पार्टी इसी हथियार से भाजपा पर प्रहार करना चाहती है। इस वजह से प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चार्जशीट कमेटी का गठन कर त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के दो साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर चार्जशीट जारी करने का एलान किया। बाद में चार्जशीट जारी करने का समय बदल दिया गया। पार्टी के वार रूम में मंथन के बाद तय किया गया कि इस चार्जशीट को लोकसभा चुनाव में भाजपा को कठघरे में खड़ा करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। पार्टी रणनीतिकारों के मुताबिक अब पांच अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देहरादून में रैली से पहले चार्जशीट को  राज्यपाल को सौंपा जाएगा। 

चार्जशीट में इन मुद्दों पर भाजपा को घेरने की तैयारी

पांच साल में जनता निराश, केंद्र-राज्य की सरकारें नाकाम:

  • राफेल विमान खरीद घोटाला
  • किसानों की कर्जमाफी नहीं
  • नोटबंदी से आम जन परेशान
  • जीएसटी से कारोबार को नुकसान
  • बेरोजगारी में हुआ इजाफा
  • महंगाई से जनता बेहाल
  • बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ का थोथा नारा
  • राम मंदिर व नमामि गंगे बने जुमले
राज्य सरकार की दो साल की विफलताएं:

  • एनएच-74 मुआवला घोटाले की सीबीआइ जांच नहीं
  • किसान कर रहे आत्महत्या
  • छोटे कारोबारी कर रहे आत्महत्या
  • लोकायुक्त का गठन नहीं, भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस बना जुमला
  • कानून व्यवस्था बदहाल, महिलाओं, बच्चियों पर बढ़े अपराध
  • मलिन बस्तियों को मालिकाना हक नहीं
  • सरकार को हांक रहा हाईकोर्ट, सरकार को अदालत ने दर्जनों बार लगाई फटकार
  • आबकारी नीति में घर तक पहुंच रही शराब
  • शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल
  • नौकरशाही हावी, मंत्रियों में सिर फुटव्वल
पिछली कांग्रेस सरकार की योजनाओं से बैर:

  • राज्य खाद्यान्न योजना में एपीएल कार्डधारकों के लिए गेहूं व चावल की कीमतों में इजाफा, मिट्टी तेल व चीनी बंद
  • समाज कल्याण के तहत दी जा रही किसान, पुरोहित, बौना विकलांग समेत 16 पेंशन समाप्त
  • गौरादेवी, नंदा देवी योजनाओं की धनराशि में कटौती
  • नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई रोक
प्रचार के ऐसे बिखरेंगे रंग:

प्रदेश की पांचों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली पसंद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही गांधी परिवार के सदस्य हैं। राहुल का छह अप्रैल को तीन संसदीय क्षेत्रों में चुनावी सभाएं करेंगे। ये सभाएं श्रीनगर गढ़वाल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में प्रस्तावित हैं। कांग्रेस में राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर काफी क्रेज है। प्रियंका गांधी को फिलहाल हरिद्वार व देहरादून के साथ ही नैनीताल सीट पर चुनाव प्रचारने में उतारने की रणनीति है। वार रूम में तैयार की गई रणनीति के मुताबिक जिन सीटों पर कांटे की टक्कर की संभावना है तो वहां पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतारा जा सकता है। इसके अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन अमरेंद्र सिंह, गुलाम नबी आजाद व  सलमान खुर्शीद के बूते मतदाताओं में पैठ की कोशिश भी की जा रही है। 

घर में घिरे सहारा देने वाले

लोकसभा चुनाव में जी-जान से जुटी कांग्रेस को मुश्किलों से भी जूझना पड़ रहा है। जिन पर लोकसभा चुनाव में पार्टी संगठन और पार्टी प्रत्याशियों को सहारा देने का दारोमदार है, वे खुद ही अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में फंसकर रह गए हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, सीडब्ल्यूसी के सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कांग्रेस की सियासत में पूरे प्रदेश में बड़ा असर माना जाता है। बावजूद इसके रावत अपने संसदीय चुनाव क्षेत्र नैनीताल-ऊधमसिंह नगर से बाहर ही नहीं निकल पा रहे हैं। यह संसदीय क्षेत्र हरीश रावत के लिए नया भी है। भाजपा के आक्रामक प्रचार के चलते रावत को जवाबी कार्रवाई को वहीं डटना पड़ रहा है। कमोबेश यही स्थिति प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह की है। प्रदेश अध्यक्ष के नाते प्रीतम पर लोकसभा चुनाव के संपूर्ण प्रबंधन का जिम्मा तो है, साथ में उन्हें प्रत्याशियों को विभिन्न तरीकों से होने वाली दिक्कतों का समाधान भी ढूंढ़ना है। चूंकि प्रीतम सिंह टिहरी सीट से खुद कांग्रेस प्रत्याशी हैं। उनके सामने भाजपा प्रत्याशी महारानी राज्य लक्ष्मीशाह चुनौती बनकर खड़ी हैं। वह अपने चुनाव क्षेत्र में सघन प्रचार अभियान में डटे हैं, लेकिन उनकी गैर मौजूदगी से पार्टी के अन्य प्रत्याशियों को अपेक्षित लाभ मिलने में दिक्कतें बरकरार हैं। 

चुनाव की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2019: ऑल वेदर रोड: चुनाव का मौसम, सियासत का सफर