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भाजपा के खिलाफ कांग्रेस ने जारी की चार्जशीट, भाजपा से मांगा जवाब

राज्य ब्यूरो। कांग्रेस ने आखिरकार चुनौती पत्र के रूप में अपनी चार्जशीट जनता की अदालत में पेश कर दी। इसमें वायदों को लेकर भाजपा की घेराबंदी की गई है।

By BhanuEdited By: Updated: Mon, 08 Apr 2019 01:45 PM (IST)
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भाजपा के खिलाफ कांग्रेस ने जारी की चार्जशीट, भाजपा से मांगा जवाब
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस ने आखिरकार चुनौती पत्र के रूप में अपनी चार्जशीट जनता की अदालत में पेश कर दी। चार्जशीट में केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता से पूरे नहीं किए जाने वाले वायदों को लेकर भाजपा की घेराबंदी की गई है। 

चुनौती पत्र के निशाने पर मुख्य रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। चुनौती पत्र में केंद्र सरकार को दस आर्थिक बिंदुओं, बहुप्रचारित दस महत्वाकांक्षी योजनाओं की खामियां तो राज्य सरकार को 39 बिंदुओं पर घेरते हुए भाजपा से जवाब मांगा गया है। कांग्रेस ने सभी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती मामला उठाते हुए रोजगार नीति और किसानों की ऋण माफी को लेकर सवाल दागे हैं।

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सह प्रभारी राजेश धर्माणी, चार्जशीट कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री नव प्रभात, कमेटी के सदस्यों में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, हीरा सिंह बिष्ट, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत, प्रदेश उपाध्ययक्ष सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी व गोदावरी थापली की मौजूदगी में चुनौती पत्र जारी किया गया। 

12 पृष्ठ के चुनौती पत्र में केंद्र व राज्य सरकार पर कांग्रेस की ओर से अभी तक लगाए जाने वाले तकरीबन सभी आरोपों को जगह मिली है। इसमें शुरुआती छह पृष्ठों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं में हस्तक्षेप को लेकर लगने वाले आरोपों, प्रधानमंत्री के विदेश दौरों, बैंकों का लाखों करोड़ रुपये लेकर भागे पूंजीपतियों का जिक्र किया गया है। 

कांग्रेस ने जीएसटी, कृषि वृद्धि, मनरेगा को लेकर केंद्र की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया तो यह भी कहा कि दो करोड़ युवाओं को रोजगार मुहैया कराने का वायदा चुनावी जुमला साबित हुआ है। राज्य सरकार के दो साल में शुरू की गईं योजनाओं कृषि भूमि को अकृषि कार्यों के लिए बाहरी उद्योगपतियों व पूजीपतियों को देने, रिस्पना नदी का पुनरोद्धार समेत तमाम योजनाओं पर सवाल उठाते हुए भाजपा से जवाब मांगा गया है। 

घोषणापत्रों के अधूरे वायदों की दिलाई याद

-एनएच 74 घोटाले की सीबीआइ जांच

-2013 की आपदा में प्रभावित क्षेत्रों की पूर्ण जिम्मेदारी

-ई-टेंडरिंग में विशेष ठेकेदारों को तरजीह

-कांग्रेस शासनकाल की 16 पेंशन बंद

-प्रदेश में 100 दिन के भीतर लोकायुक्त का गठन

-दो साल में एक भी हाइड्रो प्रोजेक्ट पर कार्य शुरू नहीं

भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों से मांगा जवाब

-रोजगार के अवसर

-उचित मूल्य पर भोजन सामग्री

-स्वास्थ्य सुविधाएं

-पेयजल की उपलब्धता

-कृषकों की ऋण माफी

-कृषि उपजों का उचित मूल्य

-कानून व्यवस्था

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