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उत्तराखंड में तीन सीटों पर उलझी कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा

कांग्रेस में टिहरी हरिद्वार और नैनीताल संसदीय सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में फिलहाल पेच फंस गया है। यह पेच अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में ही सुलझ सकेगा।

By Edited By: Updated: Wed, 20 Mar 2019 10:43 AM (IST)
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उत्तराखंड में तीन सीटों पर उलझी कांग्रेस के प्रत्याशियों की घोषणा
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस में टिहरी, हरिद्वार और नैनीताल संसदीय सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में फिलहाल पेच फंस गया है। यह पेच अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में ही सुलझ सकेगा। 

हरिद्वार सीट से पार्टी टिकट के प्रबल दावेदारों में शुमार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का झुकाव नैनीताल सीट की ओर से होने से अब उक्त दोनों ही सीटों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। पौड़ी सीट पर मनीष खंडूड़ी की दावेदारी देखते हुए कांग्रेस पर टिहरी सीट पर जातीय संतुलन साधने का दबाव बढ़ गया है। 

लिहाजा अब बुधवार देर शाम होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगेगी। उधर, मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में हुई स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में उक्त तीनों सीटों पर संभावित प्रत्याशी चुने जाने को चर्चा हुई, लेकिन त्रिस्तरीय पैनल से इतर नामों को लेकर अंतिम सहमति नहीं बन पाई। 

प्रदेश की पांच संसदीय सीटों में वर्तमान में पौड़ी और अल्मोड़ा में ही कांग्रेस प्रत्याशियों का नाम तकरीबन तय माना जा रहा है। पौड़ी में बीती 16 मार्च को कांग्रेस में शामिल हुए भाजपा सांसद मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी का टिकट तकरीबन पक्का बताया जा रहा है। 

वहीं अल्मोड़ा सुरक्षित सीट पर पार्टी का राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा पर ही दांव खेलना तकरीबन पक्का है। हालांकि टम्टा का राज्यसभा का कार्यकाल अभी तीन साल से अधिक है, लेकिन सुरक्षित सीट पर पार्टी उन्हें मजबूत प्रत्याशी मान रही है। 

स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में असमंजस 

शेष तीन सीटों हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी में प्रत्याशियों के चयन पर असमंजस नामांकन के दूसरे दिन यानी मंगलवार को भी दूर नहीं हो सका। हालांकि इस मामले में कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के नई दिल्ली स्थित आवास पर स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई। बैठक में प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, सह प्रभारी राजेश धर्माणी, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश शामिल हुए। 

बैठक में उक्त तीनों सीटों पर प्रत्याशियों के चयन पर चर्चा हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। संपर्क करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि पांचों सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के बारे में फैसला अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में बुधवार रात्रि दिल्ली में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा। 

नैनीताल सीट की ओर झुके हरीश रावत 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक हरिद्वार सीट पर टिकट की दौड़ में सबसे आगे चल रहे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बदले हालात में नैनीताल सीट को अपने लिए ज्यादा मुफीद मान रहे हैं। इस सीट पर हरीश रावत की दावेदारी को पार्टी के भीतर ही पूर्व सांसद केसी सिंह बाबा व महेंद्र पाल सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश से चुनौती मिल रही है। 

पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ भी इस सीट पर टिकट मांग रहे हैं। ऐसे हालात में हरिद्वार के बजाए नैनीताल सीट से उन्हें टिकट देने के बारे में फैसला अब राहुल गांधी करेंगे। रावत के हरिद्वार सीट से कदम पीछे खींचने की स्थिति में वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय पालीवाल टिकट की दौड़ में आगे निकल सकते हैं। इस सीट पर अन्य दावेदारों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबरीष कुमार, राम सिंह सैनी और मनोहरलाल शर्मा भी शुमार हैं। 

टिहरी सीट पर फिर प्रीतम सिंह के नाम की चर्चा 

इसीतरह टिहरी सीट पर संभावित प्रत्याशियों को चुनने में पार्टी के पसीने छूट रहे हैं। कर्नल अजय कोठियाल को भी इस सीट से चुनाव लड़ाने की चर्चाएं तेज रहीं, लेकिन पौड़ी सीट पर मनीष खंडूड़ी को टिकट तकरीबन पक्का होने के बाद टिहरी सीट पर जातीय संतुलन साधने की पैरवी की जा रही है। 

चकराता सीट से विधायक व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह को सशक्त संभावित दावेदारों में शुमार किया जा रहा है, लेकिन प्रीतम सिंह चुनाव नहीं लड़ने की बात कह चुके हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो टिहरी सीट पर सांगठनिक जिलों, प्रदेश पर्यवेक्षक और एआइसीसी के पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में प्रीतम सिंह की संभावनाओं को बेहतर माना गया है। 

ऐसे में चर्चा है कि प्रीतम या उनके पुत्र अभिषेक सिंह को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। इस सीट पर टिकट के अन्य दावेदारों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, पूर्व विधायक विक्रम सिंह नेगी, पूर्व मंत्री नवप्रभात भी शामिल हैं। इस सीट पर संसदीय क्षेत्र से कद्दावर नेता को टिकट मिलेगा या किसी अन्य को इस बारे में राहुल गांधी ही अंतिम निर्णय लेंगे।

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