77 साल में 12 बार कांग्रेस व तीन बार जीती भाजपा, दो अन्य दलों के भी बन चुके हैं सांसद
आजादी के बाद से नैनीताल लोकसभा सीट हमेशा से ही हॉट रही है। इस क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले दिग्गज नेता राष्ट्रीय राजनीतिक के फलक पर चमकते रहे।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Tue, 19 Mar 2019 07:32 PM (IST)
हल्द्वानी, गणेश जोशी : आजादी के बाद से नैनीताल लोकसभा सीट हमेशा से ही हॉट रही है। इस क्षेत्र से चुनाव लडऩे वाले दिग्गज नेता राष्ट्रीय राजनीतिक के फलक पर चमकते रहे, जिसमें कांग्रेस नेता केसी पंत और एनडी तिवारी का नाम प्रमुखता से शुमार होता है।
तराई-भाबर व पर्वतीय क्षेत्र की इस सीट पर 77 वर्षों में 17 सांसद चुने जा चुके हैं। इसमें से 12 सांसद कांग्रेस से जीते हैं। ऐसे में यह सीट हमेशा से ही कांग्रेस का गढ़ रही। इतने वर्षों में यहां से भाजपा के केवल तीन सांसद ही जीते। यह जीत तब हुई, जब देश में भाजपा की लहर थी। पहले राम लहर थी तो पिछले चुनाव में मोदी लहर। हालांकि, इसके बाद सांसदों ने क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाने की कोशिश भी की।जब तिवारी पीएम बनते-बनते रह गए
एक समय ऐसा था, जब एनडी तिवारी को पीएम का उम्मीदवार माना जाने लगा, लेकिन तब वह इस सीट से भाजपा के बलराज पासी से हार गए थे। उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके तिवारी सियासत की बड़ी शख्सियत थे। केसी पंत का भी बड़ा व्यक्तित्व था। वह रक्षा मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
फिल्म निर्देशक व मिस इंडिया ने भी आजमाया था भाग्य
प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली के अलावा पूर्व मिस इंडिया नैना बलसावर भी इस सीट से अपना भाग्य आजमा चुकी हैं। हालांकि दोनों जीत नहीं सके थे।
कांग्रेस के सांसद1951 में सीडी पांडे, 1957 में सीडी पांडे, 1962 में केसी पंत, 1967 केसी पंत, 1971 केसी पंत (कांग्रेस जे), 1980 में एनडी तिवारी, 1984 में सत्येंद्र गुडिय़ा, 1996 में एनडी तिवारी, 1999 में एनडी तिवारी, 2002 में उपचुनाव में डॉ. महेंद्र पाल सिंह, 2004 में कांग्रेस, 2009 केसी सिंह बाबा
भाजपा के सांसद 1991 में बलराज पासी, 1998 में इला पंत, 2014 में भगत सिंह कोश्यारी।
अन्य दल 1977 में भारतीय लोक दल से भारत भूषण, 1989 में जनता दल से डॉ. महेंद्र पाल सिंह।
बहेड़ी व रानीखेत भी था शामिलराज्य बनने से पहले नैनीताल लोकसभा सीट का दायरा बहुत बड़ा था। इस सीट में रानीखेत के अलावा बहेड़ी भी शामिल था। बाद में रानीखेत वाला क्षेत्र अल्मोड़ा सीट में मर्ज हो गया। बहेड़ी क्षेत्र उत्तर प्रदेश में चला गया। रामनगर पौड़ी सीट में मिला दिया गया।
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