कभी राजा हरिश्चंद्र को डोमराजा परिवार ने खरीदा था, आज पीएम के बने प्रस्तावक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावक बनने के बाद जगदीश चौधरी ने कहा कि इस बात की बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने का मौका मुझे मिला है।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Fri, 26 Apr 2019 01:58 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रस्तावक बनने के बाद जगदीश चौधरी ने कहा कि इस बात की बहुत खुशी है कि प्रधानमंत्री मोदी का प्रस्तावक बनने का मौका मुझे मिला है। पहली बार किसी नेता या प्रधानमंत्री ने डोम समाज के बारे में सोचा है। डोम समाज दुनिया के इस सबसे पुराने शहर बनारस में सबसे पिछड़ा समाज है, वह पीढ़ियों से मणिकर्णिका घाट पर शवों के दाह संस्कार का काम करता आया है। कोई नेता कभी हमारे बारे में नहीं सोचता है, जिस तरह से प्रधानमंत्री ने मेरे बारे में और दो परिवार समेत पूरे समाज के बारे में सोचा है वह नेक पहल है। हमारा आशीर्वाद है कि वह फिर से प्रधानमंत्री बनें और देश की सेवा करें।
कभी राजा हरिश्चंद्र तक को खरीदने वाला यह चौधरी परिवार आज भले तंगी के दौर से गुजर रहा हो लेकिन मान प्रतिष्ठा के मामले में नाम (डोमराजा) ही काफी है। कभी इस परिवार में बग्घी और पालकी हुआ करती थी। यह रईसी शान अंतिम डोमराजा स्व. कैलाश चौधरी तक सीमित रही। वास्तव में परिवार बढ़ने के साथ शवदाह की पालियां बंटती चली गईं और रही सही कसर प्रशासन ने अग्निदान शुल्क के नियमन से पूरी कर दी। मणिकर्णिका के जिस घाट पर कभी डोमराजा की समानांतर सत्ता चलती थी, उसी घाट पर अब लकड़ी के दबंग ठेकेदारों और उनके कारिंदों का हुकुम चलता है। माना जाता है कि महाश्मशान पर कभी चिताएं ठंडी नहीं होतीं।
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