'जब चुनाव में उतरेंगे राहुल-प्रियंका...', बसपा से गठबंधन न होने; वाराणसी से चुनाव और सपा संग साझेदारी पर क्या बोले अजय राय?
Lok Sabha Election 2024 कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भगवा खेमे पर हमलावर होते हुए दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा की एंट्री के बाद माहौल पूरी तरह बदलेगा। कांग्रेस महंगाई बेरोजगारी पेपर लीक जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी जिस पर बात करने तक से भाजपा भाग रही है।
भाजपा तरह-तरह के भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय भगवा खेमे पर हमलावर होते हुए दावा करते हैं कि उत्तर प्रदेश के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा की एंट्री के बाद माहौल पूरी तरह बदलेगा। कांग्रेस महंगाई, बेरोजगारी, पेपर लीक जैसे बुनियादी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगी, जिस पर बात करने तक से भाजपा भाग रही है। चुनावी सरगर्मियों पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से राज्य ब्यूरो के प्रमुख संवाददाता आलोक मिश्र की बातचीत के प्रमुख अंश...
सवाल: सपा से गठबंधन के चलते आपके हिस्से सिर्फ 17 सीटें ही आईं। क्या यह दबाव व मजबूरी का समझौता है?
जवाब- यह किसी दबाव की परिणति नहीं है। कांग्रेस को रायबरेली व अमेठी समेत वे सीटें मिली हैं, जिसमें वह मजबूत है। हां, कुछ अन्य सीटों को लेकर बातचीत चल रही थी, पर उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस ने यह निर्णय राष्ट्रहित में किया है। भाजपा संविधान बदलने का प्रयास कर रही है। लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस ने आईएनडीआईए बनाया है, जो लोकसभा चुनाव में भाजपा को परास्त कर उसका दंभ तोड़ेगा।
सवाल: विपक्षी गठबंधन में बसपा के न आने से कितना फर्क पड़ेगा?
जवाब- इसमें कोई संदेह नहीं है कि बसपा प्रमुख को भी विपक्षी गठबंधन में लाने का प्रयास किया गया था। मायावती का इनकार आत्मघाती कदम है। विपक्षी गठबंधन को तो नहीं, बल्कि बसपा को बड़ा नुकसान होगा। विपक्षी गठबंधन का मुख्य मकसद भाजपा व एनडीए को हराना है। बसपा के साथ आने से पूरे देश में अलग संदेश जाता। सच तो यह है कि आज सबसे ज्यादा उनके वोटर ही प्रताड़ित हो रहे हैं। भाजपा सरकार ने तो मनरेगा श्रमिकों का मानदेय तक नहीं बढ़ाया।सवाल: आप लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार क्या नतीजा रहेगा?
जवाब- वाराणसी सीट का परिणाम इस बार अप्रत्याशित होगा। काशी में भी हर वर्ग के लोग भाजपा की जनविरोधी नीतियों से नाराज हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए प्राचीन मंदिरों को तोड़ा गया है। सबसे पुराने अक्षयवट वृक्ष को काटा गया। मां पार्वती व अन्नपूर्णा का मंदिर तोड़ा गया है। इससे काशीवासियों में गहरी नाराजगी है। इस चुनाव में जनता इसका हिसाब लेगी। सपा के साथ आने से इस बार काशी में नतीजा बदलने वाला है।
सवाल: सपा के साथ आने से कांग्रेस कितनी मजबूत हुई?
जवाब- विपक्षी गठबंधन पूरी ताकत से चुनाव मैदान में है। सपा नेता सभी सीटों पर कांग्रेस की मदद कर रहे हैं। हमारे प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने अभी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मोर्चा संभाला है। वह सभी 80 लोकसभा सीटों पर जाएंगे। पूरा भरोसा है कि दोनों दलों का वोटबैंक एक-दूसरे को ट्रांसफर होगा।सवाल: अमेठी-रायबरेली से नेहरू-गांधी परिवार का सदस्य न आया तो क्या स्थिति बनेगी?
जवाब- ऐसा नहीं हो सकता। पूरा विश्वास है कि अमेठी व रायबरेली से नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ही मैदान में होंगे। इन सीटों से नेहरू-गांधी परिवार की पीढ़ियों का गहरा रिश्ता है, जो टूटेगा नहीं। वक्त आने पर सब साफ हो जाएगा। अभी तो भाजपा ने भी सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं।