40 वर्ष में पहली बार वोट मांगने घर-घर पहुंचीं मुख्तार अंसारी परिवार की महिलाएं, सपा के टिकट पर चुनावी रण में हैं अफजाल अंसारी
Lok sabha Election 2024 मुख्तार के गृह जिले और सर्वाधिक प्रभाव वाली इस सीट पर 40 साल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है जब उनके घर की महिलाएं परिवार के राजनीतिक वजूद या रसूख के लिए घर-घर जाकर वोट मांग रहीं। यहां सपा के टिकट पर अफजाल अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं। पारसनाथ राय बीजेपी से और डॉ. उमेश सिंह बसपा से चुनावी रण में हैं।
जितेन्द्र शुक्ल, गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के सदर विधानसभा क्षेत्र का संकरा गांव, जहां दलित बस्ती में कुछ बुजुर्ग, कुछ प्रौढ़ महिलाओं के बीच पीला सलवार सूट पहने, सिर पर पीला दुपट्टा डाले बैठी एक युवती उन्हें भाजपा सरकार की कमियां बताती और एकजुट होकर वोट करने की अपील करती दिखती हैं।
यह युवती मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी की बेटी नूरिया अंसारी है। मुख्तार के गृह जिले और सर्वाधिक प्रभाव वाली इस सीट पर 40 साल के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है, जब उनके घर की महिलाएं परिवार के राजनीतिक वजूद या रसूख के लिए अपनी ड्योढी से बाहर निकली हैं और घर-घर जाकर वोट मांग रहीं। गाजीपुर में लड़ाई माफिया मुख्तार अंसारी परिवार के ढहते रसूख और लोगों के उस विश्वास के बीच है, जो कहते हैं कि अब और नहीं।
वंचित वर्गों से मांगे जा रहे वोट
मुख्तार के जीवित रहते जो लोग दबाव में ‘जी हुजूरी’ करते थे और अब उसकी मौत के बाद उनका जिस तरह व्यवहार बदला है, इसका अहसास भी परिवार को है। तभी तो ये महिलाएं वंचित वर्ग के परिवारों के बीच ही ज्यादा जा रही हैं। भूमिहार, ठाकुर और ब्राह्मण परिवारों के बीच उनकी उपस्थिति नगण्य है।Also Read: प्रशांत किशोर बनाएंगे सियासी दल, राजनीतिक पार्टी बनाने के क्या हैं नियम और कैसे कराया जाता है पंजीकरण?
मोदी सरकार की योजनाओं पर उठा रहीं सवाल
पिता के लिए वोट मांगने पहुंचीं नूरिया वहां मौजूद महिलाओं को भाजपा की कमियां बताती हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार की गारंटी पर सवाल उठाती हैं। पूंजीवाद, सामंतवाद की बात करती हैं। उनके बच्चों के भविष्य की दुहाई देते हुए बताती हैं कि राहुल गांधी और अखिलेश यादव उनके लिए ही लड़ रहे हैं। वह आवास योजना पर सवाल उठाती हैं। कहती हैं कि मोदी सरकार में महंगाई बढ़ी है।सपा ने अफजाल अंसारी को दिया है टिकट
उन्हें बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ वोट डालना है। यहां से सपा ने इस बार भी अफजाल अंसारी को ही टिकट दिया। वह 2019 में भी जीते थे। भाजपा ने चुनावी राजनीति में नए चेहरे स्कूल संचालक पारस नाथ राय को टिकट दिया है। सिधौना में एक दुकान में बैठे काशीनाथ यादव यह तो मानते हैं कि मुख्तार की मौत के बाद परिवार का दबदबा कम हुआ है, लेकिन माफिया शब्द पर वह कहते हैं कि यह तो देखने का अपना-अपना नजरिया है। कुछ के लिए मुख्तार मददगार रहा है तो कुछ लोग उसे माफिया बनाने में तुले रहते हैं। वह कहते हैं कि यहां का मुस्लिम और यादव अफजाल के साथ जा सकता है।