कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व प्रत्याशी हरीश रावत ने तीखे सवालों का यूं दिया जवाब, पढि़ए
कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम हरीश रावत को नैनीताल लोकसभा सीट पर उतारा है। इस दौरान उन्होंने जागरण से बातचीत करते हुए तीखे सवालों का सुलझे तरीके से जवाब दिया।
By Skand ShuklaEdited By: Updated: Fri, 05 Apr 2019 09:31 AM (IST)
हल्द्वानी, जेएनएन : कांग्रेस ने राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व सीएम हरीश रावत को नैनीताल लोकसभा सीट पर उतारा है। राज्य के दिग्गज नेताओं में शामिल रावत का दो सीटों से लडऩे को लेकर चर्चा थी। उन्होंने अचानक इस सीट को चुना। वह अपनी अलग ही छवि के लिए जाने जाते हैं। परंपरागत उत्पादों को लेकर बेहद सक्रिय रहते हैं। पार्टी के अंदर ही विरोध को थामने के अलावा इस सीट पर उनके सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। इन तमाम विषयों को लेकर जागरण संवाददाता ने उनसे सवाल-जवाब किए। पेश है बातचीत पर आधारित रिपोर्ट।
प्र. : आप पहले हरिद्वार सीट से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। अचानक आपने नैनीताल संसदीय सीट से लडऩे का निर्णय क्यों लिया?उ. : चुनाव कहीं से भी नहीं लड़ रहा था। हरिद्वार से पुराना नाता रहा है। वैसे तो मैं पूरे प्रदेश में सक्रिय रहा हूं। सांसद रहते हुए भी तमाम विकास कार्य कराए। इस बार पार्टी ने मुझे नैनीताल सीट से मैदान में उतारा है।
प्र. : आपकी पार्टी का सांगठनिक ढांचा कमजोर है। विरोधी पार्टी की तरह बूथ मैनेजमेंट नजर नहीं आता है। ऐसे में आप इलेक्शन मैनेजमेंट कैसे कर रहे हैं?
उ. : स्वाभाविक रूप से हमारी पार्टी समूह बेस्ड है। यहां प्रत्येक पार्टी कार्यकर्ता का सम्मान है। खुलकर अपनी बात रख सकता है। आगे बढऩे की पूरी संभावना है। भाजपा रेजिमेंट पार्टी है। जिसका नियंत्रण आरएसएस के हाथ में है।
प्र. : मुख्यमंत्री रहते हुए आप पर शराब व खनन माफियाओं को शरण देने का आरोप लगा था। विपक्ष इसे मुद्दा भी बना रहा है। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?
उ. : मुद्दा बनाएं। इन दोनों मुद्दों की जांच हाई कोर्ट के जज को सौंप दें। निशंक युग को छोड़ दें, लेकिन विजय बहुगुणा के युग को भी शामिल कर लें। हिम्मत दिखाएं। सोने में सुहागा हो जाएगा। जिस शराब के ब्रांड को दुष्प्रचारित किया जा रहा है। उसमें राज्य के फलों को शामिल किया गया था, लेकिन लोगों को यह स्वाद पसंद नहीं आया। भाजपा सरकार के कार्यकाल में नकली शराब से 100 से से अधिक लोगों की जानें चली गई। इसे क्या कहेंगे आप?प्र. : पिछले विधानसभा चुनाव में आप मुख्यमंत्री रहते हुए दोनों सीटों से हार गए। हारने का बड़ा कारण क्या रहा होगा?
उ. : इसका कारण मौदी मैजिक कहें या फिर मशीन मैजिक। फिलहाल मैं 2017 के एजेंडे को ही फिर से उठा रहा हूं। मैंने सरकार में रहते हुए तीन साल में जो भी कार्य किए हैं। उन्हीं को आधार जनता के बीच हूं।प्र. : राज्य में आप तीन साल सीएम रहे। अपनी सरकार के समय की तीन सबसे बड़ी उपलब्धियां क्या मानते हैं?
उ. : राज्य आंदोलन की निर्माण की भावना को विकसित किया। उत्तराखंडियत व उत्तराखंडी सोच को नीति का हिस्सा बनाया। गन्ना व मडुवे की समन्वित सोच विकसित की। कमजोर, वंचितों को पेंशन का अधिकार दिया। मेरा गांव, मेरा सड़क समेत तमाम कल्याणकारी योजनाओं के जरिये विकास किया। इन्हीं एजेंडे को लेकर हम समर्थन की अपील कर रहे हैं।प्र. : नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने आपके इस सीट से लडऩे को लेकर सवाल भी उठाए थे। यहां तक कहा जा रहा था कि सपा-बसपा के गठबंधन के डर से आप हरिद्वार से नैनीताल आ गए। ऐसे में आप पार्टी के अंदर की गुटबाजी को कैसे साध रहे हैं?
उ. : नेता प्रतिपक्ष लगातार पार्टी के समर्थन में जनसंपर्क कर रही हैं। इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है कि वह हमारे साथ लगातार खड़ी हैं। इतना ही नहीं उनके पुत्र सुमित हृदयेश भी अपनी युवा टीम के साथ प्रचार में डटे हैं। उत्तराखंड में महागठबंधन का कोई असर नहीं है। कांग्रेस में किसी तरह की गुटबाजी भी नहीं है। सभी मिलजुलकर पार्टी को आगे ले जाने के लिए लगे हुए हैं।प्र. : आप जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जा रहे हैं। तीन बड़े मुद्दे क्या हैं? इनके क्रियान्वयन के लिए आपके पास क्या खाका है।
उ. : मेरे तीन साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर ही मैं जनता के पास जा रहा हूं। बेहतर विकास के लिए नए मुद्दे भी हैं, जिन पर काम करना है। पर्वतीय उत्पादों को बढ़ावा देना मेरी प्राथमिकता में हैं। इनकी वजह से ही पलायन रूकेगा। रोजगार मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी तो अन्य संसाधन भी विकसित होंगे।प्र. : नैनीताल लोकसभा क्षेत्र की जनता आप पर भरोसा क्यों करे?
उ.: हमारे पास स्पष्ट विजन है। घोषणा पत्र में भी गरीब से लेकर आम आदमी के हितों का पूरा ध्यान रखा गया है। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में रोजगार के अवसर काफी कम हुए हैं। मोदी सरकार ने भी पलायन रोकने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की कोई ठोस पहल नहीं की। केवल जुमलेबाजी हुई है। जनता इस सब चीजों को समझ चुकी है। वैसे भी सिडकुल की स्थापना कांग्रेस सरकार की देन है। यहां के लोगों को पता कि बेरोजगारी दूर करने में जितनी सहायक कांग्रेस होगी, उतनी भाजपा नहीं हो सकती है। कांग्रेस हमेशा जनता के सुख-दुख की भागीदार रही है।प्र. : सीएम रहते हुए आप पर अपनी टीम को परेशान करने का आरोप है। जिसकी वजह से आपकी सरकार में रहते हुए 10 विधायक पार्टी छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इस पर आप क्या कहेंगे?
उ. : भाजपा की नीति ही तोडफ़ोड़ की रही है। ये विधायक पहले से ही जाने का मन बना चुके थे। दरअसल, इन विधायकों के लिए पार्टी और प्रदेश से बड़ा खुद का हित हो गया है। यही वजह है कि वह समय-समय पर बेवजह की मांगों को लेकर नाराज हो जाया करते थे और मुझ पर अनावश्यक दबाव भी बनाते थे।प्र. : - इस संसदीय सीट पर 14 विधानसभा सीटें में 11 विधायक भाजपा के हैं। ऐसे में आपने विपक्ष की इस भारी-भरकम टीम से मुकाबला करने के लिए क्या रणनीति बनाई है।उ. : मैंने नैनीताल संसदीय सीट के एक-एक गांव व मोहल्लों का दौरा किया है। हर जगह के लोग मेरी कार्यशैली से भलीभांति परिचित हैं। उन्हें पता है कि संसद में जितनी मजबूती से मैं उनके मुद्दों को उठा सकता हूं, दूसरा कोई ऐसा नहीं कर सकता है। मेरे पास बतौर सांसद काम करने का अनुभव भी है। कांग्रेस मजबूत पार्टी है। सभी आनुषांगिक संगठन भी प्रचार में जुटे हुए हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के विजन को लेकर सभी एकजुट होकर चुनावी मैदान में हैं।यह भी पढ़ें : सूचना देने में लापरवाही पर बीईओ हल्द्वानी हरेंद्र मिश्र पर 25 हजार रुपये का जुर्मानायह भी पढ़ें : जिले के पहले वीर चक्र विजेता कैप्टन माधो सिंह का 101 वर्ष की उम्र में निधन, जानिए