Chunavi kissa: जब हरियाणा की सीआईडी पर लगा दस जनपथ की जासूसी का आरोप, संसद में उठा था मुद्दा, हिल गई थी सरकार
Lok Sabha Election 2024 Special आज हम आपको वक्त से दशकों पीछे ले चलते हैं जब साल 1989 में तीनों ‘लाल’ ने नई सियासी चाल चली। उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर संसद की दहलीज पर कदम रखा। पन्नों को पलट कर देखें तो लोकसभा में उस दिन हरियाणा के लालों की मौजूदगी में ऐसा मुद्दा उठा जिसकी वजह से तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को अपना पद तक छोड़ना पड़ा।
अमित पोपली, झज्जर। तारीख थी 4 मार्च 1991, जब दिल्ली के दस जनपथ पर राजीव गांधी के आवास और कांग्रेस के पार्टी कार्यालय की निगरानी रखे जाने का हरियाणा की सीआईडी पर आरोप लगा। सदन में मुद्दे पर चर्चा के दौरान बढ़ते-बढ़ते बात इस हद तक जा पहुंची कि भिवानी से सांसद बंसीलाल ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री ही नहीं, प्रधानमंत्री चंद्रशेखर तक की जासूसी सीआईडी द्वारा की जा रही है। '
हो रहे व्यवधानों के बीच वे बोले, 'स्पीकर साहब, मेरी प्रार्थना यह है कि हरियाणा की सीआईडी का यहां हरियाणा भवन में बहुत बड़ा दफ्तर है। वायरलेस सेट वगैरह भी लगा रखे हैं। ये लोग गुड़गांव (गुरुग्राम) में रहते हैं और वहां से यहां आते-जाते हैं और सारे सांसदों की सर्विलांस करते हैं, जिन-जिनकी इन्हें करनी हो। हरियाणा का डीआईजी (सीआईडी) ज्यादातर दिल्ली में रहता है। इसलिए यह मामला बहुत गंभीर है। जांच होनी चाहिए।'
जांच की मांग
उन्होंने कहा, 'इतनी पुलिस की हरियाणा सरकार को दिल्ली में रखने की जरूरत क्या है। साथ ही क्या वायरलेस सेट लगाने का लाइसेंस होम मिनिस्ट्री ने इन्हें दिया है, जो ये हरियाणा भवन में लगाए हुए हैं। क्या पुलिस तक की गाड़ियों को दिल्ली में चलने के लिए वायरलेस सेट लगाने की अनुमति दी है, यदि दी है तो क्यों दी है। ऐसे में प्रधानमंत्री जी से प्रार्थना करूंगा कि जांच पड़ताल करें और सीरियसली लें तथा अपने आपको भी संभालें।'चुनाव से जुड़ी और हर छोटी-बड़ी अपडेट के लिए यहां क्लिक करेंदरअसल, जासूसी के इस विषय पर सबसे पहले नई दिल्ली से सांसद लाल कृष्ण आडवाणी ने कहा, 'हरियाणा के खुफिया विभाग के लोग राजीव गांधी के निवास पर थे, अगर ऐसी बात है तो इसे पूरी तरह रोक दिया जाना चाहिए।' जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, 'मामला न तो समाप्त हुआ है और ना ही यह बंद अध्याय है। रिपोर्ट आने के बाद स्वयं विपक्ष के नेताओं से सलाह लूंगा और उपचारात्मक उपाय अवश्य होंगे।'
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