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Hisar Lok Sabha Seat: देवरानी-जेठानी और ससुर में सियासी संग्राम, बेटा-जेठ और पार्टी मांग रही वोट; इस सीट पर रोचक हुआ मुकाबला

Lok Sabha Election 2024 हरियाणा की करीब 16 लाख मतदाताओं वाली हिसार लोकसभा सीट का राजनीतिक मिजाज भी इस समय पूरी तपिश पर है। यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। इस सीट से भाजपा ने यहां से पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत चौटाला पर दांव खेला है। रणजीत चौटाला के सामने उनके परिवार की दो बहुएं मैदान में हैं।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Fri, 10 May 2024 08:49 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: राजनीति के लिए देवीलाल परिवार के रिश्ते दांव पर।
 अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। उत्तर भारत में ‘स्टील सिटी’ के नाम से विख्यात हिसार की जलवायु बहुत ज्यादा शुष्क है। गर्मियों में तापमान 48 से 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। सर्दियों में ठंड बहुत पड़ती है। राजस्थान की सीमा से सटा होने के कारण हिसार का तापमान अक्सर हरियाणा के बाकी जिलों से अलग होता है।

दिल्ली से करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस शहर को हिसार-ए-फिरोजा कहा जाता है। दिल्ली के सुल्तान फिरोजशाह ने 1354 में हिसार-ए-फिरोज़ा अपनी महबूबा गुजरी के लिए बनवाया था। हिसार यानी किला या घेरा।

करील 16 लाख मतदाताओं वाले हिसार लोकसभा सीट का राजनीतिक मिजाज भी इस समय पूरी तपिश पर है। यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होना है। साल 2019 में भाजपा पहली बार हिसार लोकसभा क्षेत्र का चुनाव जीती थी। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह के आईएएस बेटे बृजेंद्र सिंह सांसद बने थे। अब दोनों पिता पुत्र भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुके हैं, मगर कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को टिकट दिया है।

भाजपा ने यहां से पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत चौटाला पर दांव खेला है। रणजीत चौटाला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पसंद हैं। सिरसा जिले के रानियां विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक बने थे, जो अब इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन रणजीत अभी भी मुख्यमंत्री नायब सैनी की सरकार में बिजली व जेल मंत्री के पद पर बने हुए हैं।

यहां है ससुर-बहू और देवरानी-जेठानी

दिलचस्प पहलू यह है कि रणजीत चौटाला के सामने उनके परिवार की दो बहुएं नैना चौटाला और सुनैना चौटाला अलग-अलग राजनीतिक दलों से ताल ठोंक रही हैं। रिश्ते में देवरानी और जेठानी लगने वाली देवीलाल के परिवार की इन दोनों बहुओं का मुकाबला अपने चाचा ससुर से हो रहा है। देवरानी, जेठानी और ससुर की सियासी लड़ाई को समझने से पहले इस पूरे परिवार का ताना-बाना समझना होगा।

ये परिवार का ताना-बाना

पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के चार बेटे हुए। ओमप्रकाश चौटाला, प्रताप चौटाला, रणजीत चौटाला और जगदीश चौटाला। इनमें से रणजीत चौटाला हिसार के रण में भाजपा के प्रत्याशी हैं। ओमप्रकाश चौटाला के दो बेटे हैं, अजय और अभय चौटाला।

बड़े बेटे अजय चौटाला की पत्नी नैना चौटाला जननायक जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। देवीलाल के एक और बेटे प्रताप चौटाला के दो बेटे हुए, जितेंद्र चौटाला और रवि चौटाला। इनमें रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला इनेलो के टिकट पर चुनाव में ताल ठोक रही हैं।

साल 2014 में हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला हिसार से इनेलो के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीते थे। उसके बाद परिवार में खटपट होने की वजह से अजय चौटाला और उनके दोनों बेटे दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला इनेलो से अलग हो गए। जननायक जनता पार्टी (जजपा) बना ली। प्रदेश में साढ़े चार साल तक भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने के बाद इस साल मार्च में भाजपा ने जजपा से लोकसभा की सीटों के बंटवारे पर नाता तोड़ लिया था।

जजपा को साल 2019 के ही विधानसभा चुनाव में हरियाणा में 10 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन फिलहाल पार्टी टूट के मुहाने पर है। जजपा के छह विधायक बगावत पर उतरे हैं। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय भजनलाल और उनके बेटे कुलदीप बिश्नोई भी सांसद रह चुके हैं।

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यह है राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकार की लड़ाई

दुष्यंत चौटाला चूंकि हिसार से सांसद रह चुके हैं इसलिए जजपा इस सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इनेलो ने भी हरियाणा में दो सीटों पर पूरी ताकत झोंकी हुई है। अभय चौटाला स्वयं कुरुक्षेत्र सीट से चुनाव मैदान में हैं तो अभय चौटाला का परिवार सुनैना चौटाला के लिए हिसार में पसीना बहा रहा है। चौटाला परिवार के अंदर पूरी लड़ाई देवीलाल की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकार की है।

कांग्रेस ने हिसार से मजबूत उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश जेपी को मैदान में उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया है। जेपी ने 1989 में जनता दल के टिकट पर हिसार से लोकसभा का चुनाव जीता था। तब उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया था

1996 में वह हविपा (बंसीलाल) के टिकट पर फिर हिसार से चुनाव जीते। इसके बाद कांग्रेस में चले गए और विधायक बने। 2004 में जेपी ने फिर हिसार का चुनावी रण जीता। 2014 में जेपी कैथल जिले की कलायत सीट से विधायक रह चुके हैं।

हिसार में चारों प्रमुख दलों के उम्मीदवार जाट

हिसार में चारों प्रमुख उम्मीदवार जाट हैं। प्रदेश की अधिकतम सीटों पर चुनाव जातीय समीकरणों के आधार पर जाट व गैर जाट के रूप में लड़े जाने का इतिहास है। ऐसे में इन चारों जाट उम्मीदवारों के सामने अपने-अपने समाज के वोटों को खींचने की बड़ी चुनौती तो होगी ही, साथ ही गैर जाट मतों को अपनी तरफ आकर्षित करने का दबाव भी कम नहीं है।

भाजपा के रणजीत चौटाला के लिए मनोहर लाल और नायब सैनी, जेपी के लिए भूपेंद्र हुड्डा, नैना चौटाला के लिए उनके बेटे दुष्यंत चौटाला और सुनैना चौटाला के लिए उनके जेठ अभय चौटाला चुनाव मैदान में समीकरणों को साधने के लिए निरंतर पसीना बहा रहे हैं।

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