'अमेठी के मतदाता ही तय करेंगे हार-जीत, स्मृति ईरानी, प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर क्या बोले किशोरी लाल शर्मा, पढ़िए इंटरव्यू?
Lok sabha Election 2024 स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनावी रण में कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर किशोरी लाल शर्मा ताल ठोक रहे हैं। उन्होंने जागरण से खास इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस सरकार आई तो अमेठी में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। अमेठी से दावेदारी विकास में पिछड़ने को लेकर प्रमुख संवाददाता मनोज त्रिपाठी ने किशोरी लाल शर्मा से विस्तार से बातचीत की।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी के रायबरेली से मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस ने गांधी परिवार के दूत कहे जाने वाले किशोरी लाल शर्मा को अमेठी संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। किशोरी लाल शर्मा अपनी दावेदारी पर कहते हैं कि वह गांधी परिवार की धरोहर व अमानत को संभाल रहे हैं। वह यह भी कहने से नहीं हिचकते कि मैं चाहता था कि प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी से लड़ें। उनका कहना है कि अमेठी में प्रतिष्ठा की नहीं, लोगों के हितों की लड़ाई है। अमेठी से दावेदारी, विकास में पिछड़ने को लेकर प्रमुख संवाददाता मनोज त्रिपाठी ने किशोरी लाल शर्मा से विस्तार से बातचीत की। गौरीगंज से रायबरेली के सफर में हुई बातचीत के प्रमुख अंश...
प्रश्न: आपको कांग्रेस ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है, इसे किस रूप में देखते हैं?
उत्तर: मैं गांधी परिवार की धरोहर व अमानत को संभालने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। यहां के लोगों का प्यार गांधी परिवार के साथ है। दशकों का रिश्ता है। उसे बचाना और संभालना जरूरी है।
प्रश्न: इसमें कितनी सच्चाई है कि अमेठी से आपके स्थान पर प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ना था?
उत्तर: यह बात सही है, मैं खुद भी चाहता था कि प्रियंका अमेठी से चुनाव लड़ें, लेकिन मुझे चुनाव लड़ने को कहा गया तो मैं जनता की अदालत में हूं। पिछले चुनाव में विपक्ष ने इसे ही मुद्दा बना दिया था कि राहुल अमेठी से लड़ रहे हैं और सोनिया गांधी रायबरेली से। अब उनके पास इस बाबत कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है।प्रश्न: यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि कांग्रेस ने आपको अमेठी से चुनाव लड़ाकर भाजपा की जीत सुनिश्चित कर दी है। आपका क्या मानना है?
उत्तर: चुनाव तो सभी जीतने के लिए ही लड़ते हैं। मैं भी जीतने के लिए लड़ रहा हूं और स्मृति इरानी भी। मुझे उम्मीदवार के रूप में लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। कांग्रेस के प्रति लोगों का प्यार व भरोसा पिछले वर्षों में और मजबूत हुआ है। चुनाव परिणाम क्या होगा, यह तो मतदाताओं पर निर्भर करता है। चार जून को पता चल जाएगा कि मुझे लेकर पार्टी का निर्णय सही था या गलत।
प्रश्न: विपक्ष कह रहा है कि राहुल गांधी डरकर अमेठी छोड़कर रायबरेली चले गए और कांग्रेस ने आपको गांधी परिवार के सेवादार के रूप में चुनावी रण में उतार दिया। आप हार गए तो बड़ी हार नहीं होगी और जीत गए तो बड़ा उलटफेर होगा?
उत्तर: (स्मृति इरानी का नाम लिए बिना) वो कुछ भी कह सकती हैं, लेकिन मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। मैं सकारात्मक सोच वाला इंसान हूं। मैं अमेठी में सकारात्मक चुनावी लड़ाई लड़ने आया हूं। मुद्दों पर चुनाव लड़ रहा हूं। बाकी मतदाता तय करेंगे कि कौन हारता है और कौन जीतता है।प्रश्न: आपके ऊपर यह भी आरोप लग रहे हैं कि 40 वर्षों में गांधी परिवार के दूत के रूप में काम करके आपने अमेठी और रायबरेली में मनमानी की। लोग अपने काम लेकर आते थे तो आपकी मर्जी से उनकी अर्जी ऊपर पहुंचती थी?
उत्तर: यह आरोप एकदम गलत है। सांसद निधि से संबंधित कामों को लेकर मैं ब्लॉक व जिला कांग्रेस कमेटी से आने वाली सूची आगे भेज देता था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी, तो सांसद निधि से जितने काम हो सकते थे, करवाए गए हैं।