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'अमेठी के मतदाता ही तय करेंगे हार-जीत, स्मृति ईरानी,​ प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर क्या बोले किशोरी लाल शर्मा, पढ़िए इंटरव्यू?

Lok sabha Election 2024 स्मृति ईरानी के खिलाफ चुनावी रण में कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर किशोरी लाल शर्मा ताल ठोक रहे हैं। उन्होंने जागरण से खास इंटरव्यू में कहा कि कांग्रेस सरकार आई तो अमेठी में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। अमेठी से दावेदारी विकास में पिछड़ने को लेकर प्रमुख संवाददाता मनोज त्रिपाठी ने किशोरी लाल शर्मा से विस्तार से बातचीत की।

By Jagran News Edited By: Deepak Vyas Updated: Fri, 10 May 2024 02:02 PM (IST)
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Lok saha Election 2024: अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी के बतौर चुनाव लड़ रहे हैं किशोरीलाल शर्मा।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। राहुल गांधी के रायबरेली से मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस ने गांधी परिवार के दूत कहे जाने वाले किशोरी लाल शर्मा को अमेठी संसदीय सीट से मैदान में उतारा है। किशोरी लाल शर्मा अपनी दावेदारी पर कहते हैं कि वह गांधी परिवार की धरोहर व अमानत को संभाल रहे हैं। वह यह भी कहने से नहीं हिचकते कि मैं चाहता था कि प्रियंका गांधी वाड्रा अमेठी से लड़ें। उनका कहना है कि अमेठी में प्रतिष्ठा की नहीं, लोगों के हितों की लड़ाई है। अमेठी से दावेदारी, विकास में पिछड़ने को लेकर प्रमुख संवाददाता मनोज त्रिपाठी ने किशोरी लाल शर्मा से विस्तार से बातचीत की। गौरीगंज से रायबरेली के सफर में हुई बातचीत के प्रमुख अंश...

प्रश्न: आपको कांग्रेस ने अमेठी से उम्मीदवार बनाया है, इसे किस रूप में देखते हैं?

उत्तर: मैं गांधी परिवार की धरोहर व अमानत को संभालने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। यहां के लोगों का प्यार गांधी परिवार के साथ है। दशकों का रिश्ता है। उसे बचाना और संभालना जरूरी है।

प्रश्न: इसमें कितनी सच्चाई है कि अमेठी से आपके स्थान पर प्रियंका गांधी वाड्रा को चुनाव लड़ना था?

उत्तर: यह बात सही है, मैं खुद भी चाहता था कि प्रियंका अमेठी से चुनाव लड़ें, लेकिन मुझे चुनाव लड़ने को कहा गया तो मैं जनता की अदालत में हूं। पिछले चुनाव में विपक्ष ने इसे ही मुद्दा बना दिया था कि राहुल अमेठी से लड़ रहे हैं और सोनिया गांधी रायबरेली से। अब उनके पास इस बाबत कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है।

प्रश्न: यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि कांग्रेस ने आपको अमेठी से चुनाव लड़ाकर भाजपा की जीत सुनिश्चित कर दी है। आपका क्या मानना है?

उत्तर: चुनाव तो सभी जीतने के लिए ही लड़ते हैं। मैं भी जीतने के लिए लड़ रहा हूं और स्मृति इरानी भी। मुझे उम्मीदवार के रूप में लोगों का अच्छा साथ मिल रहा है। कांग्रेस के प्रति लोगों का प्यार व भरोसा पिछले वर्षों में और मजबूत हुआ है। चुनाव परिणाम क्या होगा, यह तो मतदाताओं पर निर्भर करता है। चार जून को पता चल जाएगा कि मुझे लेकर पार्टी का निर्णय सही था या गलत।

प्रश्न: विपक्ष कह रहा है कि राहुल गांधी डरकर अमेठी छोड़कर रायबरेली चले गए और कांग्रेस ने आपको गांधी परिवार के सेवादार के रूप में चुनावी रण में उतार दिया। आप हार गए तो बड़ी हार नहीं होगी और जीत गए तो बड़ा उलटफेर होगा?

उत्तर: (स्मृति इरानी का नाम लिए बिना) वो कुछ भी कह सकती हैं, लेकिन मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। मैं सकारात्मक सोच वाला इंसान हूं। मैं अमेठी में सकारात्मक चुनावी लड़ाई लड़ने आया हूं। मुद्दों पर चुनाव लड़ रहा हूं। बाकी मतदाता तय करेंगे कि कौन हारता है और कौन जीतता है।

प्रश्न: आपके ऊपर यह भी आरोप लग रहे हैं कि 40 वर्षों में गांधी परिवार के दूत के रूप में काम करके आपने अमेठी और रायबरेली में मनमानी की। लोग अपने काम लेकर आते थे तो आपकी मर्जी से उनकी अर्जी ऊपर पहुंचती थी?

उत्तर: यह आरोप एकदम गलत है। सांसद निधि से संबंधित कामों को लेकर मैं ब्लॉक व जिला कांग्रेस कमेटी से आने वाली सूची आगे भेज देता था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी, तो सांसद निधि से जितने काम हो सकते थे, करवाए गए हैं।

प्रश्न: कहा जा रहा है कि अमेठी को प्रियंका प्रतिष्ठा की लड़ाई मानकर प्रचार कर रही हैं, इसमें कितनी सच्चाई है?

उत्तर: प्रियंका मेहनत कर रही हैं। समय दे रही हैं। मुझे कहा गया है जिस प्रचारक की जरूरत हो, वह आएगा। अमेठी की लड़ाई प्रतिष्ठा की नहीं, बल्कि लोगों के हितों की लड़ाई है।

प्रश्न: आपके अंदर राजनीति की रुचि कैसे जगी और राजीव गांधी के संपर्क में कैसे आए?

उत्तर: मैं लुधियाना के समराला का रहने वाला हूं। मेरे बड़े भाई कांग्रेस के नेता थे। मैं छोटा था तो पार्टी के बिल्ले एकत्र किया करता था। धीरे-धीरे भाई को देखते-देखते मैं भी कांग्रेसी हो गया। मैंने युवा कांग्रेस से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, उस समय राजीव गांधी युवा कांग्रेसियों की टीम तैयार कर रहे थे। मैं उस टीम में आ गया और वह मुझे यहां ले आए, उसके बाद से मैं यहीं का होकर रह गया। लुधियाना में मेरा पेट्रोल पंप है, जिसे पत्नी संभालती हैं।

प्रश्न: वीवीआइपी सीट के रूप में देशभर में अमेठी का नाम है, लेकिन अमेठी को काम चाहिए। इस बारे में आप क्या कहना चाहते हैं?

उत्तर: इसके लिए हमें 1981-82 पर नजर डालनी होगी। उस दौर में अमेठी का औद्योगीकरण किया गया। नए उद्योग स्थापित किए गए। इस क्षेत्र में एचएएल, बीएचईएल, वेस्पा व सीमेंट बनाने वाली कई कंपनियों ने उद्योग स्थापित किए।

प्रश्न: उसके बाद भी तो कांग्रेस की सरकार रही, लेकिन कहानी उससे आगे क्यों नहीं बढ़ सकी?

उत्तर: 1989 के बाद से उप्र में कांग्रेस सत्ता में नहीं आई। विकास के लिए जरूरी है कि केंद्र व राज्य सरकार में अच्छा तालमेल हो। केंद्र की कांग्रेस सरकार योजनाएं देती थी, लेकिन राज्य सरकार उसे लेकर गंभीर नहीं होती थी। अमेठी में मेगा फूड पार्क का प्रोजेक्ट दिया, नींव का पत्थर भी रखा गया, लेकिन प्रदेश सरकार ने रुचि नहीं ली। पेपर मिल, ट्रिपल आइटी, रेलवे लाइनों के आधुनिकीकरण जैसे कई प्रोजेक्ट केंद्र की कांग्रेस सरकार ने दिए, लेकिन उप्र में दूसरी पार्टियों की सरकार ने गंभीरता से उस पर काम नहीं किया, इसलिए अमेठी पिछड़ गया है। विकास सतत प्रक्रिया है। अगर केंद्र व उप्र में कांग्रेस की सरकार आएगी तो अमेठी में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।