अतीत के आईने से: 29 अविश्वास प्रस्तावों की गवाह रही पुरानी संसद, तीन बार गिरी सरकार; पढ़ें दिलचस्प चुनावी किस्से
पुरानी संसद 29 अविश्वास प्रस्तावों की गवाह रही है। इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा 15 बार अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष ने पेश किए। लाल बहादुर शास्त्री के खिलाफ तीन पीवी नरसिंह राव के खिलाफ तीन मोरारजी देसाई के खिलाफ दो अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ दो और राजीव गांधी एचडी देवगौड़ा मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक-एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जा चुके हैं।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पुरानी संसद में विपक्ष ने 29 बार सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किए। इसके अलावा पुराने संसद भवन में खास मौकों पर संसद का संयुक्त सत्र भी आयोजित किया गया। आइये जानते हैं खास घटनाक्रम के बारे में।
तीन बार गिरी सरकार
पुरानी संसद 29 अविश्वास प्रस्तावों की गवाह रही है। इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा 15 बार अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष ने पेश किए। लाल बहादुर शास्त्री के खिलाफ तीन, पीवी नरसिंह राव के खिलाफ तीन, मोरारजी देसाई के खिलाफ दो, अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ दो और राजीव गांधी, एचडी देवगौड़ा, मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी के खिलाफ एक-एक अविश्वास प्रस्ताव पेश किए जा चुके हैं।
हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव से अभी तक सिर्फ तीन सरकारें गिरी हैं। इनमें 1990 में वीपी सिंह, 1997 में एचडी देवगौड़ा और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकारें शामिल हैं।
तीन संयुक्त सत्र
पुराने संसद भवन ने तीन संयुक्त सत्र भी देखे हैं। 1961 में जवाहरलाल नेहरू के समय में दहेज विरोधी अधिनियम के लिए संयुक्त सत्र बुलाया गया था। इसके बाद 1978 में मोरारजी देसाई के समय में बैंकिंग सेवा आयोग विधेयक के लिए और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी के समय में आतंकवाद निवारक विधेयक (पोटा) के लिए संयुक्त सत्र बुलाए गए।
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