Lok Sabha Election 2019: भाजपा के पतवार के सहारे संसद पहुंचे थे इंदर सिंह नामधारी
Lok Sabha Election 2019. गठबंधन के बावजूद जदयू प्रत्याशी का भाजपा ने साथ नहीं दिया। बीजेपी ने इस चुनाव में निर्दलीय इंदर सिंह नामधारी की मदद की।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sat, 16 Mar 2019 04:29 PM (IST)
चतरा, जेएनएन। चतरा लोकसभा क्षेत्र की जनता ने एक दफा निर्दलीय प्रत्याशी को भी जिताने का कीर्तिमान बनाया है। हालांकि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी की जीत निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कम, भाजपा के चहेते उम्मीदवार के रूप में ज्यादा चर्चित हुई थी। दरअसल वर्ष 2009 में गठबंधन के तहत चतरा की सीट जदयू के खाते में चली गई थी।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले ने उस वक्त सभी को चौंका दिया था। चतरा लोकसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए तो यह फैसला किसी सदमे के जैसा था। लिहाजा केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले के विरोध में भाजपा के स्थानीय कमेटी ने बगावत का रूख अख्तियार कर लिया था। भाजपा के स्थानीय कमेटी के साथ उस वक्त पार्टी की प्रदेश कमेटी भी साथ खड़ी हो गई थी। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता जदयू-भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी अरुण कुमार यादव का साथ छोड़ कर निर्दलीय प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी का झंडा उठा लिए थे। भाजपा कार्यकर्ताओं के संपूर्ण सहयोग के सहारे निर्दलीय इंदर सिंह नामधारी संसद में पहुंचने में कामयाब भी हो गए थे। उस वक्त जदयू भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी के विरोध का आलम यह था कि प्रदेश भाजपा का एक भी कद्दावर नेता गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करने चतरा लोकसभा क्षेत्र में नहीं आया था।
सिर्फ बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिहार भाजपा के कद्दावर नेता सुशील कुमार मोदी ने जदयू भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में एक चुनावी रैली की थी। लेकिन उस रैली का थोड़ा भी लाभ गठबंधन प्रत्याशी को नहीं मिल पाया था। लिहाजा जदयू भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी को चतरा लोकसभा क्षेत्र से करारी हार झेलनी पड़ी थी।