'तैरने वाले ही डूबते हैं, जिन्हें नहीं आता वह किनारे बैठे रहते हैं', गोड्डा सीट से लड़ रहे निशिकांत दुबे ने और क्या कहा, पढ़िए पूरी बातचीत
Lok sabha Election 2024 एक बार फिर गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर निशिकांत दुबे चुनावी मैदान में हैं। निशिकांत झारखंड-बिहार के उन चुनिंदा सांसदों में एक हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र का खूब विकास किया है। दैनिक जागरण के डिप्टी चीफ रिपोर्टर आरसी सिन्हा से बातचीत में निशिकांत ने कई बिंदुओं पर खुलकर अपनी बात रखी। पढ़िए पूरी बातचीत।
आरसी सिन्हा, जागरण। अपने विरोधियों को पानी पिलाना। किसी भी मसले पर पीछे नहीं हटना। झारखंड के मुद्दे हों या राष्ट्रीय, मुखर होकर अपनी बात कहना। झारखंड के गोड्डा से तीन बार सांसद रहे निशिकांत दुबे की यह खास पहचान है। निशिकांत झारखंड-बिहार के उन चुनिंदा सांसदों में एक हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्र का खूब विकास किया है। देवघर में एम्स व एयरपोर्ट, अदाणी पावर प्लांट और रेल परियोजनाओं को गोड्डा लाने में निशिकांत की खास भूमिका रही। एक बार फिर गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर निशिकांत दुबे चुनावी मैदान में हैं। निशिकांत ने दैनिक जागरण के डिप्टी चीफ रिपोर्टर आरसी सिन्हा से कई बिंदुओं पर खुलकर अपनी बात रखी। पढ़ें पूरा साक्षात्कार-
प्रश्न: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नामांकन के दिन गोड्डा में कहा कि प्रधानमंत्री अथवा हम लोगों को जब भी देश का कोई बड़ा मुद्दा सदन में पेश करना होता है तो निशिकांत दुबे को ढूंढा जाता है। तो यह विश्वास और राष्ट्रीय व्यक्तित्व आपने किस तरह स्थापित किया।
उत्तर: यह आरएसएस के संस्कार हैं। अनुशासन में रहकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। विषय की जानकारी के साथ उसे रखने का अभ्यास कराता है। दूसरी बात यह कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता मोदी जी आपको जो जिम्मेदारी देते हैं, तो उसे पूरा कर उनके विश्वास के साथ धरातल पर लाते हैं। यही मुख्य होता है।
प्रश्न: आपने कहा कि प्रदीप यादव को टिकट मिलेगा तो चुनाव प्रचार नहीं करेंगे। इसे विपक्ष ने घमंडी कहकर प्रचारित करना शुरू किया। आप क्या कहेंगे।
उत्तर: विश्वास और घमंड में केवल एक धागे का फर्क है। जनता और कार्यकर्ता के उनपर विश्वास था जो प्रचार नहीं करने की बात की थी। विपक्ष को वह अहंकार और घमंड दिखाई देता है।प्रश्न: आपकी कड़ी प्रतिद्वंद्विता किससे रहती। दीपिका पांडेय से या प्रदीप यादव से?
उत्तर: सवाल पूरा होते ही कहा, फुरकान अंसारी से ज्यादा होती। आज भी वे गोड्डा के सबसे मजबूत उम्मीदवार कांग्रेस के हैं। यह मेरा कोई राजनीतिक नहीं स्वाभाविक बयान है। क्योंकि नामांकन हो चुका है। अब तो चुनाव हो रहा है। इसलिए यह बात कह रहा हूं। उसके बाद की बात करें तो दीपिका पांडेय मजबूत उम्मीदवार है।
प्रश्न: निशिकांत का विवाद से गहरा नाता है। इसका क्या कारण है?
उत्तर: देखिए, जो काम करेगा वही विवाद में फंसेगा। जिसकी जनता के प्रति दीवानगी होगी वही विवाद में फंसेगा। इसे एक उदाहरण के तौर पर समझिए। जिसको तैरना आता है वही पानी में डूबने की सोचता है। जिसको तैरना ही नहीं आता है वह किनारे बैठा रहता है। आज तक जितने विवाद हुए हैं, वह जनता के हित में किए हैं।यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: क्या गोड्डा में जीत का चौका मार पाएंगे निशिकांत? कांग्रेस ने बदला अपना गेंदबाज, जानिए यहां का समीकरण