Lok Sabha Election 2024: बिहार की इस सीट पर दिलचस्प हुआ चुनाव, 40 साल बाद किसी दल ने महिला को उतारा, जानें कौन हैं?
Lok Sabha Election 2024 बिहार में लोकसभा चुनाव का पारा चढ़ने लगा है। पूर्णिया लोकसभा सीट की चर्चा भी खूब है। यहां पर किसी मान्यता प्राप्त दल ने 40 साल बाद महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर पूर्व सांसद पप्पू यादव की भी निगाहें हैं। वे यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। गठबंधन के तहत यह सीट राजद को मिली है।
मनोज कुमार, पूर्णिया। पूर्णिया का लोकसभा चुनाव इस बार दिलचस्प होने जा रहा है। यहां के राजनीतिक इतिहास में 40 वर्षों बाद किसी दल से महिला प्रत्याशी चुनाव लड़ रही है। इस बार महागठबंधन की ओर से राजद ने बीमा भारती को उम्मीदवार बनाया है। इसके पहले पिछले सदी के आठवें दशक में कांग्रेस पार्टी ने महिला नेत्री माधुरी सिंह को सिंबल दिया था और उन्होंने भारी मतों से जीत हासिल की थी। दो बार उन्होंने इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
सन 1980 से 89 तक वे यहां से सांसद रहीं। उसके बाद से न तो कोई महिला यहां से सांसद बनी हैं और न ही किसी राष्ट्रीय या मान्यता प्राप्त दल ने किसी महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है। सन 1980 के करीब 40 साल बाद राजद ने एक बार फिर महिला उम्मीदवार पर अपना दांव लगाया है। परिणाम चाहे जो हो लेकिन महिला प्रत्याशी को लेकर क्षेत्र में चर्चा हो रही है।यह भी पढ़ें- बीवाई विजयेंद्र: दक्षिण में उभरता भाजपा का नया नेतृत्व, पिता के साये से बाहर निकले; अब खुद को साबित करने की चुनौती
- कांग्रेस से पहली महिला सांसद बनी थीं माधुरी सिंह, उसके बाद से यह सीट गैर कांग्रेसियों के पास रही
- 18वीं लोकसभा चुनाव में राजद ने महिला उम्मीदवार बीमा भारती पर लगाया है दांव
- जेपी लहर में पहली बार गैर-कांग्रेसी सांसद के रूप में जनता दल से लखनलाल ने दर्ज की थी जीत
आजादी के बाद पहली बार महिला सांसद बनीं माधुरी
आजादी के बाद से 1977 तक यह सीट लगातार कांग्रेस के खाते में रही। जेपी लहर में यहां से पहली बार गैर कांग्रेसी सांसद के रूप में जनता दल से लखनलाल कपूर ने कांग्रेस से यह सीट छीनी। वे सिर्फ तीन साल ही सांसद रह सके। 1980 में हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने माधुरी सिंह को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया तथा उन्होंने जीत हासिल कर पूर्णिया की पहली महिला सांसद बनने का गौरव हासिल किया।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में फिर कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया तथा वे भारी मतों से लगातार दूसरी बाद सीट पर कब्जा जमाया तथा 1989 तक प्रतिनिधि रहीं। 1989 में जनता दल के प्रत्याशी मो. तस्लीमुद्दीन ने फिर कांग्रेस से यह सीट छीनने में कामयाब रहे। इसके बाद से आज तक इस सीट पर कांग्रेस जीत हासिल नहीं कर पाई है।
महिला प्रत्याशी को राजद ने उतारा
इस सीट पर वर्ष 2024 में हो रहे 18वीं लोकसभा चुनाव में पूर्णिया एक बार फिर चर्चा में है। पिछले दो दशक से यहां कांग्रेस पार्टी लगातार अपना उम्मीदवार देती रही है लेकिन उनकी झोली खाली ही रही है। केंद्र में भाजपा के सत्तारूढ़ होने के बाद बने महागठबंधन के पार्टनर राजद ने इस बार यह सीट कांग्रेस से रिप्लेस किया है। करीब 40 वर्षों बाद राजद ने यहां से महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है।