Lok Sabha Election 2024 जेल से बाहर आने के बाद अनंत सिंह ही बिहार की सियासत में चर्चा का केंद्र बने हैं। हालांकि वे सियासी रण में नहीं उतरे हैं लेकिन उनकी राजनीतिक धमक महसूस की जा रही है। अनंत सिंह की पैरोल की टाइमिंग भी सबका ध्यान अपनी ओर खींच रही है। 13 मई को मुंगेर में चुनाव है।
चुनाव डेस्क, नई दिल्ली। मोकामा के बाहुबली नेता अनंत सिंह की पैरोल के बाद बिहार की मुंगेर लोकसभा सीट चर्चा में है। यहां दो बाहुबलियों की वजह से सियासी गुणा गणित दिलचस्प हो गया है। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने ललन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
उनके सामने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनीता देवी को टिकट दिया है। जेल से बाहर आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा अनंत सिंह की हो रही है। अनंत सिंह और उनके परिवार से कोई प्रत्याशी भी नहीं है, लेकिन मुंगेर की लड़ाई अनंत बनाम विपक्ष हो रही है। अनंत सिंह के बाहर आने से बिहार में सियासी खलबली भी मच गई है।
ललन सिंह के समर्थन में अनंत
बाहुबली अनंत सिंह ने जेल से बाहर आने के बाद जेडीयू प्रत्याशी ललन सिंह का खुलकर समर्थन किया। अनंत सिंह को जमीन बंटवारे के लिए 15 दिनों की पैरोल मिली है। बेऊर जेल से बाहर आने के बाद से ही अनंत सिंह सुर्खियों में हैं।यह भी पढ़ें: राम मंदिर, इलेक्टोरल बॉन्ड और अदाणी पर क्या बोले शत्रुघ्न सिन्हा, विपक्ष के आरोपों को क्यों कहा रेडीमेड?
मोकामा से पूर्व विधायक अनंत सिंह की चर्चा हाथी-घोड़ा, बग्घी, कीमती विदेशी गाड़ियों व सोने के मुकुट को लेकर हमेशा होती है। 'छोटे सरकार' के नाम से पहचान बनाने वाले अनंत सिंह का मोकामा और मुंगेर में सियासी दबदबा है।
जब ललन सिंह के सामने हारीं अनंत सिंह की पत्नी
अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने 2019 में कांग्रेस की टिकट पर मुंगेर से लोकसभा चुनाव लड़ा था। खास बात यह है कि ललन सिंह ने ही उन्हें बड़ी शिकस्त दी थी। हालांकि 2022 में हुए उपचुनाव में नीलम आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ीं तो ललन सिंह ने उनके समर्थन में प्रचार किया। दरअसल, उस वक्त जदयू और आरजेडी का गठबंधन था।
इस मामले में गई अनंत की विधायकी
2022 में अनंत सिंह के पैतृक गांव नदवां में छापेमारी के दौरान मिले एके-47, कारतूस व हैंड ग्रेनेड मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसी के साथ अनंत सिंह की विधायकी भी चली गई थी। इसके बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी नीलम देवी ने आरजेडी की टिकट पर मोकामा से विधानसभा चुनाव जीता। अब नीलम देवी आरजेडी की बागी विधायक हैं और नीतीश सरकार का समर्थन कर रही हैं।
कौन हैं अशोक महतो?
अशोक महतो की गिनती बिहार के बाहुबालियों में होती है। विधायक पर बम से हमला, मनीपुर नरसंहार और नवादा जेल ब्रेक कांड समेत कई मामलों में अशोक भागलपुर जेल में बंद थे। नवंबर 2023 में 17 साल बाद जेल से रिहाई हुई। नौ जुलाई 2006 को झारखंड के देवघर से अशोक महतो को गिरफ्तार किया था।
जेल से बाहर आने के बाद अशोक ने की थी शादी
नवादा जिले का बढ़ौना अशोक महतो का गांव है। जेल से बाहर आने के बाद इसी साल अशोक ने पटना के बख्तियारपुर स्थित करौटा जगदंबा मंदिर में दिल्ली में रहने वाली 45 वर्षीय अनीता कुमारी से शादी की थी। अब अनीता आरजेडी की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
2019 में जेडीयू ने जीती थी मुंगेर सीट
मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इस बार चौथे चरण में 13 मई को चुनाव होगा। 2019 लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने जीत दर्ज की थी। ललन सिंह तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं।
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