Lok sabha election 2024: आरजेडी के लिए 2025 की राह मुश्किल, जदयू-भाजपा के विधायकों पर डोरे डालने का दांव पड़ा उल्टा
Lok sabha election 2024 देश में लोकसभा चुनाव हैं। इसे लेकर बिहार में राजनीतिक दांव-पेंज चले जा रहे हैं। राजद जो बजट सत्र में बिहार में सरकार बनाने को बेचैन नजर आ रही थी उसने अब साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनाने की आस छोड़ दी है। यह इससे पता चलता है कि राजद अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना रहा है।
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा के बजट सत्र में सरकार बनाने के लिए बेचैन राजद ने साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनाने की आस छोड़ दी है।
यह इससे पता चलता है कि राजद अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना रहा है। जोड़ तोड़ से जब तक सरकार बनने की आस थी, राजद ने अपने विधायकों को कह दिया था कि वे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में न सोचें। लेकिन, अपने विधायकों के पाला बदलने के बाद से राजद ने साल 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सरकार बनाने का इरादा छोड़ दिया है।
राजद का दांव उसी पर भारी
इस साल 28 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन से नाता तोड़ कर राजग में शामिल हो गए। 12 फरवरी को उन्होंने विश्वासमत हासिल किया। महागठबंधन ने विश्वास मत के दौरान ही सरकार को अपदस्थ करने की योजना बनाई। जदयू और भाजपा के आठ विधायकों को अपने पक्ष में लाने का प्रयास किया। लेकिन, दांव उलट गया।जदयू के एक विधायक अनुपस्थित रहे। जबकि राजद के तीन विधायक पाला बदलकर सत्ता पक्ष में बैठ गए। सरकार को विश्वास मत मिल गया, लेकिन उसके बाद भी राजद का प्रयास जारी रहा। रणनीति यह बनी कि राजग के विधायकों को अपने पक्ष में करने का अभियान जारी रखा जाए।
महागठबंधन में लग गई सेंध
इधर, महागठबंधन के विधायकों की संख्या कम होती गई। तीन के बाद राजद के दो और विधायक सत्ता पक्ष में बैठ गए। कांग्रेस के दो विधायकों ने भी सत्ता पक्ष का रुख किया। भाकपा माले के एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो गई। इसका प्रभाव यह पड़ा कि वर्तमान में 242 सदस्यों वाली विधानसभा में महागठबंधन के विधायकों की प्रभावी संख्या 114 से घटकर 106 रह गई है।यह भी पढ़ें -दक्षिण के दंगल में BJP का 'सिंघम', IPS से इस्तीफा देकर राजनीति में की एंट्री; मोदी-शाह भी कर चुके हैं तारीफ
जदयू विधायक बीमा भारती को राजद ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे यह भी प्रमाणित होता है कि राजद ने जदयू-भाजपा विधायकों को अपने पाले में करने के लिए संपर्क किया था। उन्हें प्रलोभन भी दिया गया था। दूसरे दल से नामांकन के दिन ही उनकी विधायकी जा सकती है। क्योंकि यह दल बदल कानून के तहत स्वत: दल त्याग का मामला हो जाएगा।राजद ने अपने दो विधायकों सुरेंद्र यादव और कुमार सर्वजीत को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है। यह चुनाव परिणाम पर निर्भर है कि ये विधायक चुनाव के बाद लोकसभा जाते हैं या नहीं। यह विधायकों की संख्या कम होने का डर ही है कि राजग के घटक दलों-भाजपा और जदयू ने किसी विधायक को टिकट नहीं दिया। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक जीतन राम मांझी राजग के घटक दलों के इकलौते विधायक हैं, जो चुनाव लड़ रहे हैं।
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