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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस AAP पर निर्भर भाजपा का अकाली दल पर भरोसा...पंजाब में गठबंधन को लेकर क्या बन रहे समीकरण!

Lok Sabha Election 2024 पंजाब में राजनीतिक पार्टियों का गणित रोमांचक मोड़ पर पहुंचने लगी है। राज्य की चारों राजनीतिक पार्टियां दबाव की रणनीति अपना रही है। लोक सभा चुनाव को लेकर चारों ही राजनीतिक पार्टियां दबाव की रणनीति अपना रहे है। पंजाब कांग्रेस जहां आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं करने का दबाव पार्टी हाईकमान पर बना रही है।

By Kailash Nath Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 03 Jan 2024 06:33 PM (IST)
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भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का भी गठबंधन हो सकता है।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब में राजनीतिक पार्टियों का गणित रोमांचक मोड़ पर पहुंचने लगी है। राज्य की चारों राजनीतिक पार्टियां दबाव की रणनीति अपना रही है। एक तरफ पंजाब कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ लोक सभा चुनाव में आईएनडीआईए के तहत समझौता नहीं करना चाह रही है। वहीं, आप पार्टी भी कांग्रेस को आंखें दिखा रही है। दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन को लेकर भी कमोवेश वहीं, स्थिति बनी हुई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अगर आप के गठबंधन करती है तो भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का भी गठबंधन हो सकता है।

राजनीतिक पार्टियां अपना रही दवाब की रणनीति

लोक सभा चुनाव को लेकर चारों ही राजनीतिक पार्टियां दबाव की रणनीति अपना रहे है। पंजाब कांग्रेस जहां आम आदमी पार्टी के साथ समझौता नहीं करने का दबाव पार्टी हाईकमान पर बना रही है। तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान संविधान बचाने की बात कर रहे है। उनका स्पष्ट कहना है कि संविधान नहीं बचा तो पंजाब और दिल्ली की मां अपने बच्चे को कहानी सुनाएंगी की एक थी कांग्रेस। मुख्यमंत्री के इस कथन से स्पष्ट संकेत मिलते हैं तो वह कांग्रेस के साथ मिलकर लोक सभा चुनाव लड़ना चाहते है। वहीं, भाजपा कांग्रेस और आप के बीच हो रही बयानबाजी पर पूरी नजर रखे हुए है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा और अकाली दल का गठबंधन होगा या नहीं यह भी कांग्रेस और आप के गठबंधन पर निर्भर करता है।

भाजपा अकेले चुनाव लड़ेगी

अगर कांग्रेस आप के साथ समझौता नहीं करती है तो भाजपा भी लोक सभा चुनाव अकेले लड़ेगी। जबकि इसके विपरीत अगर कांग्रेस और आप का समझौता होता है तो भाजपा भी शिअद के साथ समझौता कर सकती है। क्योंकि ऐसी स्थिति में भाजपा अकेले दम पर चुनाव मैदान में नहीं जाएगी। इसीलिए भाजपा न तो अकाली दल को अपने से दूर करना चाह रही है और न ही करीब ला रही है। माना जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ द्वारा यह बयान देना कि पंजाब के लिए शिरोमणि अकाली दल का मजबूत रहना जरूरी। क्योंकि शिअद केवल राजनीतिक नहीं बल्कि पंथक पार्टी है। इसलिए सिखों के पास अपनी बात रखने का एक मंच होना चाहिए।

गठबंधन को लेकर कांग्रेस-आप बन सकती है सहमति?

जाखड़ ने यह बयान भी उस समय दिया था जब आईएनडीआईए के बैठक में कांग्रेस आप के साथ गठबंधन को लेकर रुचि दिखा रही थी। हालांकि पंजाब कांग्रेस के नेताओं के दबाव के कारण पार्टी हाईकमान किसी भी अंतिम फैसले पर नहीं पहुंच पाई है। गठबंधन को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टी जल्दबाजी में अपने पत्ते खोलना नहीं चाह रही है। क्योंकि एक गठबंधन से ही दूसरे गठबंधन की राह निकल रही है।

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