Lok Sabha Election 2024: दुर्ग में शुभ-अशुभ के फेर में भाजपा, अपने ही कार्यालय से बनाई दूरी, महासमुंद में कांग्रेस प्रत्याशी को 'विजयी मकान' की तलाश
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में भाजपा ने पार्टी कार्यालय से अलग अपना चुनाव कार्यालय बनाया है। वहीं महासमुंद में विधायक के कार्यालय को ही चुनाव कार्यालय में तब्दील कर दिया है। महासमुंद में ही कांग्रेस प्रत्याशी को भी शुभ मकान की तलाश है। दुर्ग में भाजपा ने पार्टी कार्यालय से कुछ दूरी पर ही चुनाव कार्यालय बनाया। कार्यकर्ता इस चुनाव कार्यालय को शुभ मानते हैं।
By Jagran News NetworkEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Wed, 20 Mar 2024 05:36 PM (IST)
महेन्द्र कुमार साहू, दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में भाजपा का तीन मंजिला कार्यालय है। मगर पार्टी इसे शुभ नहीं मानती है। इसकी वजह यह है कि भाजपा ने इस कार्यालय से तीन चुनाव लड़े और उसे सभी में हार का सामना करना पड़ा। अब पार्टी इस भय से बाहर नहीं निकल पा रही है। भाजपा का यह कार्यालय दुर्ग में तहसील के निकट स्थित है।
सटीक बैठा भाजपा का टोटका... मगर इस बार सबकी निगाहें
2013 और 2018 विधानसभा चुनाव और 2014 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने पार्टी कार्यालय से लड़ा था और तीनों ही चुनावों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। तीनों चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने दुर्ग में 2019 में नया प्रयोग किया। पार्टी कार्यालय से इतर केंद्रीय चुनाव कार्यालय बनाया। तुक्का कहें या कुछ और लेकिन इस बार भाजपा का प्रयोग सफल रहा। 2019 में पार्टी प्रत्याशी को तीन लाख 90 हजार से अधिक मतों से जीत मिली। मगर अबकी बार यह टोटका काम आता है या नहीं ये वक्त बताएगा। अब सभी की निगाहें 2024 लोकसभा के परिणाम पर हैं।
इस कार्यालय को शुभ मानते हैं कार्यकर्ता
2023 में भाजपा ने गजेंद्र यादव को दुर्ग शहर विधासभा क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया था। उन्होंने भी गंजपारा दुर्ग में ही चुनाव कार्यालय बनाया। पार्टी कार्यकर्ता इस कार्यालय को शुभ मानते हैं।2024 का लोकसभा चुनाव भी भाजपा इसी कार्यालय से संचालित करेगी। भाजपा जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा का कहना है कि जिला भाजपा कार्यालय का इस्तेमाल संगठनात्मक बैठकों और पार्टी के अन्य कार्यक्रमों के लिए किया जा रहा है।
महासमुंद: कांग्रेस प्रत्याशी को भी 'शुभ मकान' की तलाश
भाजपा शुभ अशुभ के फेर में महासमुंद में भी फंसी है। यहां विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा के कार्यालय को ही पार्टी ने चुनाव कार्यालय बना दिया है। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी को अभी तक शुभ स्थान नहीं मिल पाया है।वह लगातार इसकी तलाश में हैं। उन्हें एक खास मकान दिखाया गया है। इस मकान का संबंध अजित जोगी से है। दरअसल, इसी कमान से 2004 में अजित जोगी चुनाव जीते थे। 2014 में फिर इसी मकान से अजित ने चुनाव लड़ा लेकिन इस बार दांव उलटा पड़ गया था।
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