Lok Sabha Election 2024 केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। मुंडा सुबह अपने आवास पर पहले पूजा पाठ करते हैं। इसके बाद नाश्ता करते हैं। उनकी पत्नी सेहत का ध्यान रखती हैं। रात 10 बजे तक प्रचार खत्म कर वे अपने आवास पहुंचते हैं। मुंडा एक दिन में लगभग 140 किलोमीटर की यात्रा करते हैं।
अमित सिंह, रांची l छोटे बच्चों को गोद में उठाकर बात करना। बुजुर्गों से आशीर्वाद लेना। चिलचिलाती धूप में भी चेहरे पर मुस्कुराहट। हाथ जोड़कर सबका अभिनंदन। युवाओं से ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने का वादा लेना। कहीं मुंडारी, तो कहीं हिंदी में संबोधन। खूंटी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की इसी सादगी को लोग पसंद कर रहे हैं।
'केंद्र में मोदी सरकार को फिर से लाना है, देश को मजबूत बनाना है', इसी संकल्प के साथ अर्जुन मुंडा रोजाना अपने लोकसभा क्षेत्र में प्रचार अभियान की शुरुआत करते हैं। इस दौरान उनके साथ पार्टी के कार्यकर्ता और सुरक्षाबल तैनात रहते हैं।
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पूजा के बाद ही करते हैं नाश्ता, पत्नी रखती है सेहत का ध्यान
रांची जेल मोड स्थित आवास पर 7 मई को अर्जुन मुंडा ने पूजा पाठ के बाद सुबह आठ बजे नाश्ता किया। दही खाकर, तिलक लगाया। कुर्ते के सामने जेब में हनुमान चालीसा रखा। पत्नी मीरा मुंडा ने घर से निकलने के पहले गाड़ी में खाने का कुछ सामान रखवाया। पूछने पर बताया कि चुनावी सभा में खाने का समय नहीं मिलता, इसलिए बिस्किट आदि रख देती हूं। इनको अपनी सेहत की चिंता नहीं रहती, मुझे देखना पड़ता है।
रोजाना नाश्ते का सामान घर वापस आ जाता है। यह सुनकर अर्जुन मुंडा मुस्कुराते हुए घर से निकलते हैं। इससे पहले अपनी टीम के साथ दिनभर के कार्यक्रम पर विचार विमर्श किया। आवास पर क्षेत्र से आने वाले लोगों से मुलाकात की। उनसे चुनावी माहौल के बारे में बातचीत की। कार्यकर्ताओं से मुंडा ने अकेले में भी गुफ्तगू की।
सबकी सुनी, फिर कहा-आपसी विवाद है दूर कर लिया जाएगा
मुंडा दिन के करीब 11:30 बजे बुंडू नगर सभागार पहुंचे। वहां पहले से आजसू के ग्राम सभा और पंचायत स्तर के पदाधिकारियों की बैठक चल रही थी। आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, पार्टी प्रवक्ता देवशरण भगत आदि पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। तभी अर्जुन मुंडा का काफिला पहुंचता है। देखो देखो कौन आया, हम लोगों का शेर आया, नारा लगने लगता है।
अपने बिंदास स्टाइल में मुंडा सभा स्थल के लिए बढ़े। रास्ते में महिलाओं से बात करने लगे। मंच पर पहुंचे तो सुदेश महतो सहित अन्य नेताओं ने स्वागत किया। अपने संबोधन में अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह चुनाव देश का चुनाव है।इसमें हम लोगों को आपसी विवाद को भूला जाना है। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं, उस पर ध्यान नहीं देना है। आपसी विवाद है, दूर कर लिया जाएगा। सभा में सबसे हाथ उठवा कर भाजपा को जीताने का वादा लिया। इसके बाद बुंडू फ्लाईओवर के पहले बने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मिले।
हर सभा में 35 करोड़ रुपये की होती रही चर्चा
अपनी चुनावी सभाओं में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा 13 मई को ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं। झारखंड सरकार के मंत्री के पीए के यहां 35 करोड़ रुपये पकड़ाने की कहानी मुंडारी में सुनाया। तबतक ग्रामीणों ने कहां यह तो समाचार में भी आ गया है। ईडी द्वारा 35 करोड़ पकड़े जाने की चर्चा हर सभास्थल पर सुनने को मिली। इसके बाद काफिला तैमारा चौक पहुंचता है।
140 किलोमीटर की यात्रा
स्थानीय लोगों से बातचीत करने के बाद काफिला खूंटी के गोल्डन पैलेस के लिए रवाना हो जाता है। यहां प्रबुद्ध लोगों के साथ देर रात तक विचार विमर्श चलता है। करीब 10 बजे रात्रि विश्राम के लिए आवास पर पहुंचते हैं। सुबह घर से निकले के बाद रात्रि विश्राम स्थल पहुंचने तक में अर्जुन मुंडा करीब 140 किलोमीटर का सफर गाड़ी से तय करते हैं। इतना ही नहीं प्रचार के दौरान गांवों में करीब पांच-पांच किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं।
नक्सलियों के गढ़ में आम के पत्ते का मुकुट और माला पहनाकर मुंडा का स्वागत
बुंडू नगर सभागार से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ अर्जुन मुंडा तिरिलडीह, बारूहातु व लवगा गांव (बुंडू से दाहीने) और हुसैरहातु गांव (तैमारा घाटी के नीचे) पहुंचते हैं। हुसैरहातु गांव का रास्ता कच्चा ही है। जबकि चार किलोमीटर पर ही हाईवे है। इन गांवों में महिलाओं के द्वारा पारंपरिक तरीके से अर्जुन मुंडा का अभिनंदन होता है। आम के पत्ते से बना मुकुट और उसके पत्ते से ही बनी माला महिलाएं पहनाती हैं।
यह वही गांव है, जहां एक समय दिन में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित हुआ करता था। यह क्षेत्र नक्सलियों का कॉरिडोर था। पत्थलगड़ी प्रभावित था। आसपास गांव के लोग सरकारी योजनाओं का बहिष्कार करते थे। आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड सरकारी कार्यालयों में वापस कर दिया था। मगर अब स्थिति पहले वाली नहीं रही। अब ग्रामीण अपने बेहतर भविष्य के लिए सबका स्वागत कर रहे हैं।
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