चर्चित सीट सोलापुर: भाजपा प्रत्याशी के पास अपना मकान नहीं, किराये पर रहता है परिवार; यहां विकास और विरासत के बीच मुकाबला
Lok Sabha Election 2024 महाराष्ट्र की सोलापुर लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प है। भाजपा ने गरीब परिवार के राम सातपुते को टिकट दिया है। राम सातपुते के पास खुद का घर भी नहीं है। यहां कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री प्रणिति शिंदे को अपना प्रत्याशी बनाया है। सोलापुर सीट पर इस बार मुकाबला विकास और राजनीतिक विरासत के बीच है।
ओमप्रकाश तिवारी, सोलापुर (महाराष्ट्र)। अयोध्या में रामलला की भव्य प्राण प्रतिष्ठा से ठीक तीन दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी महाराष्ट्र के सोलापुर पहुंचे थे। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 90,000 घर वहां से राष्ट्र को समर्पित करते हुए भावुक हो गए थे। तब उन्होंने रुंधे गले से कहा था कि काश! उन्हें भी बचपन में ऐसे ही घर में रहने का सौभाग्य मिला होता।
महाराष्ट्र के जिन परिवारों को उस दिन नए घरों की चाभियां मिलीं, उनमें 15000 परिवार सोलापुर के भी थे। प्रधानमंत्री ने नया घर पाए सभी लोगों से अपील की थी, वे भी 22 जनवरी को राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने नए घरों में कम से कम पांच दीपक अवश्य जलाएं।
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इन्हें मिले थे आवास
सोलापुर की रायनगर हाउसिंग सोसायटी में बहुमंजिला इमारतों में बने 300 वर्ग फुट के घरों के लाभार्थी हथकरघा कामगार, वेंडर, मजदूर, पावरलूम श्रमिक, कचरा बीनने वाले एवं बीड़ी बनाने वाले श्रमिक आदि ऐसे लोग थे, जिनकी वार्षिक आमदनी तीन लाख रुपये से अधिक नहीं थी। प्रधानमंत्री ने इस आवास वितरण के अलावा उस दिन कई और विकास परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उदघाटन किया था।
विकास ही मूल मुद्दा है
आज महाराष्ट्र के शरद पवार जैसे वरिष्ठ नेता भले प्रधानमंत्री पर मूल मुद्दों से भटकाने का आरोप लगा रहे हों, लेकिन राज्य और देश के गरीबों-मजदूरों के लिए ये विकास परियोजनाएं ही मूल मुद्दा हैं। खासतौर से सोलापुरी चद्दरों के इस शहर में काम करने वाले पवारलूम श्रमिकों के लिए।भाजपा प्रत्याशी कर रहे ये वादे
आज जब लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक एवं तेलंगाना की सीमाओं से सटे सोलापुर में भाजपा प्रत्याशी राम सातपुते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं देश के पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री प्रणिति शिंदे के विरुद्ध वोट मांगने निकलते हैं तो वह प्रधानमंत्री का नाम लेकर इन्हीं विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का वायदा करते दिखाई देते हैं।
राम सातपुते के पास अपना घर नहीं
लोग उन पर भरोसा भी करते हैं, क्योंकि मालशिरस विधानसभा क्षेत्र से विधायक राम सातपुते के पास आज भी अपना घर नहीं है। उनका परिवार आज भी किराये के घर में रहता है और उनके पिता विट्ठल सातपुते रोज सुबह उठकर जूता-चप्पल सिलने के अपने परंपरागत व्यवसाय में लग जाते हैं।राम सातपुते ने की इंजीनियरिंग की पढ़ाई
राम सातपुते पुणे में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हुए एबीवीपी के संपर्क में आए, जहां भाजपा नेताओं की निगाह उन पर पड़ी और 2019 में उन्हें सोलापुर मालशिरस विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का टिकट मिल गया। वह राकांपा के टिकट पर लड़े धनगर नेता उत्तमराव जानकर को हराकर विधानसभा में पहुंच गए। अब उसी भाजपा ने गरीब परिवार के राम सातपुते को लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया है।सुशील कुमार शिंदे की बेटी चुनाव मैदान में
राम सातपुते का मुकाबला सोलापुर मध्य क्षेत्र से दो बार की विधायक प्रणिति शिंदे से हो रहा है। प्रणिति के पिता भी सोलापुर से तीन बार सांसद चुने जा चुके हैं, लेकिन 1996 से भाजपा भी यहां पांच बार जीत चुकी है। पिछले चुनाव में यहां से भाजपा ने लिंगायत समाज के जयसिद्धेश्वर स्वामी को टिकट दिया था। स्वामी ने प्रणिति के पिता सुशील कुमार शिंदे को करीब दो लाख मतों से पराजित किया था।