Lok Sabha Election 2024: न जात न पात... चुनाव में दिखाएंगे करामात, जानिए इन मतदाताओं पर भाजपा की क्यों टिकीं निगाहें?
Lok Sabha Election 2024 लोकसभा के चुनावी समर में सभी दल कूद पड़े हैं। हर कोई अपने-अपने हिसाब से मतदाताओं को लुभाने में जुटा है। चुनावी समीकरण के हिसाब से राजनीतिक दल अपनी रणनीति पर काम कर रहे हैं। देश में पहली बार मतदान करने वाले युवा भी बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरे हैं। इस चुनाव में भाजपा को इन मतदाताओं से काफी उम्मीदें हैं।
जेएनएन, इंदौर। लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा की नजर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं पर है। इन मतदाताओं की संख्या 1.8 करोड़ है। अब भाजपा इन्हें अपनी तरफ मोड़ना चाहती है। 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। इसके अलावा कई राज्यों में पार्टी ने अपना विस्तार भी किया।
2014 लोकसभा की तुलना में 2019 में भाजपा का प्रदर्शन सुधरा था। 2014 में पार्टी को 282 और 2019 लोकसभा चुनाव में 303 सीटों पर प्रचंड जीत मिली थी। पार्टी ने 37.6 फीसदी वोट शेयर हासिल किया था। इन चुनाव में पार्टी को पहली बार मतदान करने वाले युवाओं का भी साथ मिला था। अब इस बार भी भाजपा इन मतदाताओं की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रही है।
इन राज्यों में 2014 की तुलना में सुधरा प्रदर्शन
भाजपा ने करीब 10 राज्यों में 2014 लोकसभा चुनाव की तुलना में अपना प्रदर्शन बेहतर किया। 2014 में भाजपा ने जहां मध्य प्रदेश की 27 सीटों पर जीत दर्ज की थी, वहीं 2019 में एक और सीट का इजाफा कर 28 सीटों पर कब्जा किया। ऐसा ही प्रदर्शन भाजपा ने बाकी राज्यों में किया। इन प्रदेशों में भाजपा का वोट शेयर 50 फीसदी से अधिक हो गया। 2019 में भाजपा ने 224 सीटों पर 50 फीसदी से अधिक मतों से जीत दर्ज की थी। हालांकि यह आंकड़ा जम्मू-कश्मीर और असम में कम था।- गुजरात
- राजस्थान
- मध्य प्रदेश
- दिल्ली
- हरियाणा
- हिमाचल प्रदेश
- असम
- उत्तराखंड
- छत्तीसगढ़
- अरुणाचल प्रदेश
भाजपा के आगे गठबंधन भी नहीं आया काम
पिछले चुनाव में कई राज्यों में भाजपा के खिलाफ दलों ने गठबंधन बनाया। इन राज्यों में झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। मगर भाजपा ने इसे भी निष्प्रभावी बना दिया और अपने प्रदर्शन को बेहतर किया। इनके अलावा पार्टी ने बंगाल, त्रिपुरा, ओडिशा और तेलंगाना में अपना ग्राफ बढ़ाया।
इन क्षेत्रों में बढ़ा भाजपा का वोट शेयर
- ग्रामीण क्षेत्र में 6.6 फीसदी
- अर्ध-शहरी में 3.5 फीसदी
- शहरी क्षेत्र में 2.2 फीसदी
फर्स्ट टाइम वोटर को जोड़ने की कोशिश में भाजपा
देश में पहली बार मतदान करने वाले युवाओं की अच्छी खासी संख्या है। पिछले चुनाव में भाजपा इन्हें लुभाने में कामयाब रही। पार्टी अब इन्हीं मतदाताओं को अपनी ताकत बनाना चाहती है। भाजपा ने अपनी रणनीति से जातीय और धार्मिक समीकरणों को भी ध्वस्त किया है।उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाटक में अनुसूचित जाति, मुस्लिम और आदिवासी क्षेत्र में भी भाजपा पैठ बना पाई। अब देखना यह होगा कि भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव में अपना आधार बरकरार रख पाती है या नहीं।