Lok Sabha Election 2024: मोदी के नाम और काम के सहारे भाजपाई, कांग्रेसियों को एंटी इनकंबेंसी की आस; जनता किसका लगाएगी बेड़ा पार?
Lok Sabha Election 2024 भाजपा नेताओं का पूरा जोर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को बचाना और मोदी की गारंटी जैसे मुद्दों पर है। इनके सहारे मतदाताओं को बताया जा रहा है कि क्यों केंद्र में मोदी की सरकार को फिर लाना जरूरी है। कांग्रेस नेता अपनी जनसभाओं और रोड-शो में...
सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में लोकसभा चुनावों के लिए नामांकन का दौर खत्म होने के बाद अब चुनाव प्रचार गति पकड़ गया है। भाजपा प्रत्याशी और प्रचारक जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम और काम के सहारे जनता के बीच उतरे हैं, वहीं कांग्रेसियों की कोशिश एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) को भुनाने की है।
भाजपा नेताओं का पूरा जोर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को बचाना और मोदी की गारंटी जैसे मुद्दों पर है। इनके सहारे मतदाताओं को बताया जा रहा है कि क्यों केंद्र में मोदी की सरकार को फिर लाना जरूरी है। कांग्रेस नेता अपनी जनसभाओं और रोड-शो में बेरोजगारी, किसान आंदोलन, कानून व्यवस्था, अग्निवीर योजना जैसे मुद्दे उठाते हुए भाजपा की घेराबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
इनेलो सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के साथ ही घोटालों और भाजपा व कांग्रेस सरकारों की विफलताओं को मुद्दा बना रही है, जबकि गठबंधन से अलग हुई जजपा के नेता फूंक-फूंककर कदम उठा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशियों के प्रचार अभियान की कमान संभालने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चौधरी उदयभान पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और मौजूदा सरकार की विफलताओं को गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।
हुड्डा साथ ही दावा करते हैं कि कांग्रेस की सरकार बनने पर केंद्र में 30 लाख और हरियाणा में दो लाख से ज्यादा युवाओं को पक्की नौकरी मिलेगी। किसानों को एमएसपी की गारंटी और कर्ज से मुक्ति दी जाएगी। कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम और बुजुर्गों को छह हजार रुपये बुढ़ापा पेंशन मिलेगी। प्रदेश में 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 500 रुपये में गैस सिलेंडर, महिलाओं को नौकरियों में 50 फीसदी आरक्षण और सालाना एक लाख रुपया देने का भी वादा है।
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चुनावी बांड मामले में सब चुप निर्वाचन आयोग ने चुनावी बांड का आंकड़ा सार्वजनिक कर दिया है। चुनाव से ठीक पहले उठे इस मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस सहित सभी दलों के नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है। चुनावी सभाओं में भाजपा नेता ‘अमृतकाल’ में सुशासन, तेज गति से विकास और भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण का भरोसा दिला रहे हैं, जबकि कांग्रेस नेता मौजूदा सरकार के 10 वर्षों को बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें, संस्थाओं पर कब्जा, संविधान पर हमला और बढ़ती आर्थिक असमानताओं वाला ‘अन्याय काल’ करार देते हैं।
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